पुष्पेंद्र रामकुचे/होशंगाबाद। कोरोना काल(Corona virus) में जन मानस का आयुर्वेदिक चिकित्सा(Ayurvedic Medicine) के प्रति का विश्वास बढ़ा है। वैश्विक महामारी को देखते हुए भारत के अतिरिक्त अन्य देशों में आयुर्वेदिक चिकित्सा को अपनाया है। भारतीय वर्तमान स्थिति में लोगों ने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सौंठ(Ginger), दाल चीनी(cinnamon), हल्दी(turmeric), लोंग(cloves) समेत कई आयुर्वेदिक चीजों का काढ़ा के रूप में सेवन किया है। जिसके बाद से ही लोगों की इम्यूनिटी( immunity) अच्छी हो गई है। भारत के कई राज्यों जैसे, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल समेत असिमटमेटिक लोगों का आयुर्वेदिक चिकित्सा के जरिए इलाज किया जा रहा है। कोरोना काल के बाद से ही अब अधिकांश लोग अब आयुर्वेदिक चिकित्सा पर भरोसा जताने लगे हैं। साथ ही जो लोग अब सर्दी खांसी होने पर एंटीबायोटिक(Antibiotic) का उपयोग करते थे, लेकिन अब काढ़ा की मांग कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहे हैं।
यह बात दावे से इसलिए भी कही जा सकती है, क्योंकि आयुर्वेद दवा बेचने वाले और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से इलाज करने वाले इसकी पुष्टि करते हैं। दवा विक्रेताओं का कहना है कि कोरोना काल में अधिकांश लोग काढ़ा की डिमांड कर रहे हैं। वर्तमान में लोगों का आयुर्वेद के प्रति भरोसा बढ़ा है। पहले अधिकांश लोग सर्दी-खांसी के लिए एलोपेथिक दवाओं का इस्तमाल किया करते थे, लेकिन अब लोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं मांग करते हैं।
आयुर्वेदिक दवा विक्रेता शिवम का कहना है कि महामारी के बाद से ही अधिकांश लोगों आयुर्वेदिक दवाओं को लेने के लिए पहुंच रहे हैं। इसके पहले लोग आयुर्वेदिक को जानते भी नहीं थे। पहले बहुत कम ग्राहक दुकानों पर आते थे, लेकिन अब तकरीबन 80 प्रतिशत लोग आयुर्वेदिक दवाओं की मांग करने लगे हैं। सबसे ज्यादा ग्राहक काढ़ा खरीदने के लिए आते हैं। इसके साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं जैसे च्यवनप्राश, अश्वगंधा, गिलोय, आंवला और तुलसी तरह-तरह के क्वाथ (काढ़ा)पर विश्वास करने लगे हैं।
चिकित्सकों का कहना है…
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अंतर्गत कोरोना के लक्षण की पहले से ही कई पर्याप्त दवाएं हैं। इन दवाओं से कोरोना के लक्षण कम हो जाते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रति लोगों का विश्वास बढऩा, जागरूक होना समाज के लिए काफी अच्छी बात हैं, लेकिन योग-प्राणायाम करना भी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। लंबी सांस लेना और थोड़ा रुककर छोडऩा का प्रतिदिन अभ्यास करना चाहिए जिससे लंग्स के इन्फेक्शन काफी जल्दी ठीक होते हंै।
एके पुष्कर(A.k Pushkar), आयुष डॉक्टर