इटारसी। शनिवार यानि 20 नवंबर से अगहन महीने (Aghan maas) की शुरू हो गई है। अगहन माह 19 दिसंबर तक रहेगा। धर्मग्रंथों में इसे मार्गशीर्ष कहा गया है। इस महीने में शीत ऋतु (winter season) की शुरुआत हो जाती है। इस महीने किए गए हर धार्मिक कर्म का कई गुना पुण्य मिलता है। इसलिए इस महीने में आने वाले तीज-त्योहारों का अधिक महत्व बताया गया है। इस माह कई पर्व आएगें तो आइऐं जातने है अगहन माह में और कौन कौन से पर्व पड़ रहें हैं।
एक नजर इन पर्व पर
23 नवंबर, मंगलवार: इस दिन गणेश चतुर्थी व्रत (Ganesh Chaturthi Vrat) रहेगा। इस तिथि पर अखंड सौभाग्य और समृद्धि की कामना से गणेशजी के लिए विशेष व्रत किया जाता है।
27 नवंबर, शनिवार: इस दिन कालभैरव अष्टमी (Kalbhairava Ashtami) है। पुराणों के मुताबिक इस तिथि पर भगवान शिव के रौद्र रूप से ही कालभैरव प्रकट हुए थे। इसलिए इनकी विशेष पूजा की जाती है।
30 नवंबर, मंगलवार: इस दिन उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) है। इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास किए जाते हैं। एकादशी पर विष्णुजी के अवतारों की पूजा करने की परंपरा है।
4 दिसंबर, शनिवार: अगहन मास की अमावस्या तिथि होने से इस दिन पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है।
7 दिसंबर, मंगलवार: इस दिन विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi) है। मंगलवार होने से ये अंगारक चतुर्थी रहेगी। इस दिन गणेशजी के लिए पूजा-पाठ करनी चाहिए।
8 दिसंबर, बुधवार: ये दिन श्रीराम और सीता के विवाह उत्सव का पर्व है। इसे विवाह पंचमी भी कहते हैं। इस दिन श्रीराम और सीता की पूजा करनी चाहिए। सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
14 दिसंबर, मंगलवार: इस दिन अगहन महीने की एकादशी (Ekadashi) है। इसे मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस दिन गीता जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इस तिथि पर गीता का पाठ करना चाहिए और श्रीकृष्ण का पूजन करें।
18 दिसंबर, शनिवार: इस दिन अगहन महीने की पूर्णिमा है। इसे दत्त पूर्णिमा (Purnima) कहते हैं। इस दिन भगवान दत्तात्रेय की पूजा करनी चाहिए।
19 दिसंबर, रविवार: ये अगहन महीने का आखिरी दिन रहेगा। साथ ही स्नान दान (Snan Daan) की पूर्णिमा होने से इस तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और दान करना चाहिए।