इटारसी। रामेश्वरम धाम में आयोजित भागवत कथा के चौथे दिन हनुमान धाम वाले पंडित नरेंद्र तिवारी ने कथा को विस्तार देते हुए श्रंगी ऋषि की तपस्या और राजा परीक्षित को मिले श्राप के साथ भगवान कृष्ण जन्म की कथा सुनाई। भगवान की बाल लीलाओं का उदाहरण सहित वर्णन किया। कृष्ण जन्म के दौरान प्रस्तुत भजन पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया इस दौरान प्रसाद के रूप में व्यास गादी से मेवा मिष्ठान, खिलौने,फल की वर्षा की गई।
कथा को विस्तार देते हुए पण्डित नरेंद्र तिवारी ने कहा कि सतयुग में प्राणी की उम्र एक लाख वर्ष होती थी, त्रेता युग में एक शून्य घटकर दस हजार वर्ष हो गई, द्वापर युग में एक शून्य ओर घटकर एक हजार वर्ष हो गई इसलिए उस समय सभी को जप, तप ,भजन करने का काफी समय मिल जाता था। किन्तु कलयुग में एक शून्य ओर घटकर मानव की उम्र घटकर मात्र सौ वर्ष रह गई। पण्डित तिवारी ने कहा कि इन सौ वर्षो में 50 वर्ष रात की नीद में ओर बाकी समय व्यापार,नौकरी, गृह कार्यों में चला जाता है,अतः भगवान भजन के लिए मनुष्य के लिए समय कम बच पाता है, इसलिए जब आप भजन, कीर्तन, भगवत कथा, जप, तप करे मन लगाकर करे। कथा के चतुर्थ दिन पण्डित तिवारी ने भागवत कथा के अनेक प्रसंगों पर चर्चा की। कृष्ण जन्म की कथा के दौरान सजीव झाकी प्रस्तुत की गई।
आज सोमवार को भगवान गिरीराज की कथा के साथ उनकी पूजन कर उन्हें 56 प्रकार के पकवानो का भोग लगाया गया।
इस अवसर पर रामेश्वरम धाम पहुंचे, यजवान डॉ वी के सीरिया,राजेंद्र अग्रवाल, लखन बैस, शिव भारद्धाज, ओएफ से राजन सिंह तोमर,सावन सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
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भागवत कथा : कृष्ण जन्म अवतार पर जमकर नाचे भक्त

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