काला आसमान और धरती तक पहुंचने वाली धूप पीली

Post by: Rohit Nage

– तीसरी फसल मूंग बन रही स्वास्थ्य के लिए घातक
इटारसी। किसानों की आमदनी बढ़ाकर वोट बैंक बनाये रखने की सनक अब लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पडऩे लगी है। किसान तीसरी फसल ग्रीष्मकालीन मूंग (Summer Moong) आमजन के स्वास्थ्य (Health) के लिए घातक बन रही है। इसके लालच में किसान खेतों में नरवाई (Narwai) जला रहे हैं और उसका काला धुआं  (Black Smoke) आसमान (Sky) पर जाकर धूप को धरती (Earth) तक आने में बाधा पहुंचा रहा है। आज सोमवार को इटारसी (Itarsi) के उत्तर, पश्चिम और पूर्व की दिशा में आसमान पर काला घना धुआं कई घंटे तक रहा और सूरज के नीचे धुआं आने से धूप का रंग धरती पर आते-आते पीला पड़ गया था। धुएं ने सूरज को लगभग पूरी तरह से ढंक लिया था।

SKY
शहर के लगभग हर घर में जले हुए फसल अवशेष गंदगी फैला रहे हैं जो तेज हवा के साथ शहर तक आ रहे हैं। इसके अलावा धुआं लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है। किसान जो फसल ले रहा है, उसमें इतना कीटनाशक का इस्तेमाल करता है कि वह मनुष्य जीवन के लिए घातक हो रहा है। तो सवाल यह है कि आखिर पैसों के लिए मानव जीवन के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है? क्यों किसानों को तीसरी फसल के रूप में मूंग बोवने की अनुमति दी जा रही है? केवल अपना वोट बैंक बचाये रखने के लिए?
शासन और प्रशासन की नरवाई नहीं जलाने की अपील बेअसर साबित हो रही है, और यह कई वर्षों से ऐसा ही चल रहा है। ग्राम पांजराकलॉ के उन परिवारों का दर्द भी इन्हीं गांव के आसपास के किसान भूल चुके हैं, जिन्होंने नरवाई की आग में अपनी जान गंवाई थी। लेकिन, वे परिवार कैसे भूलेंगे जिनके यहां के लोग गये हैं। सरकार को वोट बैंक का लालच छोड़ कोई ठोस नीति बनानी चाहिए ताकि नरवाई जलाना बंद हो, क्योंकि एफआईआर (Fir) से भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, यह भी साबित करना मुश्किल होता है कि आखिर नरवाई की शुरुआत कहां से हुई है?

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