तीन दिन अवकाश के बाद कृषि मंडी में बंपर आवक

Post by: Rohit Nage

Bumper arrivals in agricultural market after three days holiday
  • – बोवनी और वैवाहिक सीजन में पैसे की जरूरत से बढ़ी आवक
  • – एक दिन में 65 हजार क्विंटल से अधिक अनाज मंडी में आया
  • – स्थिति को काबू में रखने मंडी प्रशासन के साथ पुलिस भी लगी

इटारसी। कृषि उपज मंडी में दो दिन का अवकाश और शनिवार को किसानों के नहीं आने के बाद सोमवार को अचानक अनाज की आवक में बड़ा उछाल आया। सबसे अधिक मक्का और धान की फसल उपज लेकर किसान कृषि उपज मंडी पहुंच रहे हैं। आज सोमवार को एक दिन में करीब 65 हजार क्विंटल अनाज मंडी में पहुंच चुका है। हालात को संभालने मंडी प्रशासन के साथ पुलिस का इंतजाम भी करना पड़ा है, ताकि हालात न बिगड़ें।

शुक्रवार को गुरुनानक जयंती का अवकाश था। शनिवार को किसानों ने अवकाश मानकर मंडी का रुख नहीं किया और रविवार फिर अवकाश हो गया। तीन दिन के बाद जब मंडी में कामकाज प्रारंभ होना था, तो मंडी परिसर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से खचाखच भरा था। किसान मक्का और धान की उपज के अलावा गेहूं, सोयाबीन और अन्य जिंस लेकर भी मंडी में पहुंचे थे। बड़ी संख्या में ट्रॉलियां और किसानों की संख्या देखकर व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस का इंतजाम करना पड़ा।

यह रहा आवक बढऩे का कारण

कृषि उपज मंडी परिसर में अनाज की आवक बढऩे का कारण वैवाहिक सीजन शुरु होने और किसानों को बोवनी करने के लिए पैसों की जरूरत माना जा रहा है। किसानों को रबी फसल की बोवनी करनी है, खाद-बीज की खरीद, दवाओं की खरीद आदि के लिए पैसा लगना है और ऐसे में फसल बेचकर अन्य फसल बोने की तैयारी के लिए किसान अपनी उपज लेकर मंडी पहुंच रहा है। इसके अलावा शादियों का सीजन भी प्रारंभ हो गया है, ऐसे में किसान के घरों के अलावा रिश्तेदारों के यहां शादियों में होने वाले खर्च को लेकर भी उसे नगद रकम चाहिए। अत: फसल बेचकर नगदी हासिल करना मजबूरी है, इसलिए अचानक से फसल बेचने की मजबूरी किसान को मंडी परिसर तक खींच लायी है।

जल्द ही हालात होंगे सामान्य

मंडी प्रबंधन का मानना है कि यह कुछ दिनों की स्थिति है, जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे। मंडी समिति में विधायक प्रतिनिधि देवेन्द्र पटेल कहते हैं कि इस सीजन में इस तरह से आवक बढऩा सामान्य बात है, यह इस वर्ष का नहीं बल्कि हर वर्ष होने वाली स्थिति है। इस वक्त किसानों को पैसों की जरूरत होती है, तो सभी जल्द से जल्द अपनी उपज बेचने के लिए मंडी में लाते हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में एक साथ किसान मंडी में आ जाते हैं तो हालात को देखते हुए हमें व्यवस्थाएं बनानी पड़ती हैं। आज भी प्रभारी एसडीएम और भार साधक अधिकारी नीता कोरी ने नायब तहसीलदार को मंडी में व्यवस्थाओं पर नजर रखने भेजा था तो व्यवस्थ में सहयोग करने टीआई गौरव बुंदेला ने पुलिस बल भेज दिया था।

इटारसी मंडी है किसानों की पसंद

कृषि उपज मंडी इटारसी किसानों की पहली पसंद है। यहां न केवल नर्मदापुरम जिला बल्कि करीब सात से आठ जिलों के किसान अपनी उपज बेचने आते हैं। इसके पीछे जो वजह बतायी जाती है, यहां की बेहतर व्यवस्था, फसल का नगदी भुगतान और अच्छे भाव मिलना है। वर्तमान में बीती रात से ही मंडी परिसर में मक्का और धान की ट्रॉलियों का आना प्रारंभ हो गया था। मंडी परिसर में ट्रॉलियों को व्यवस्थित खड़े कराना, यातायात व्यवस्था सामान्य रखना, किसानों को परेशानी नहीं होने देना जैसे कार्य मंडी प्रशासन और पुलिस ने मिलकर किये हैं, जिससे हालात सामान्य बने रहे।

कितनी, किसकी आवक

  • मक्का – लगभग 35 हजार क्विंटल
  • धान – लगभग 25 हजार क्विंटल
  • सोयाबीन, गेहूं व अन्य – 5 हजार क्विंटल
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