लक्ष्य नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती युवक की मौत का मामला

Post by: Manju Thakur

इटारसी। हरदा निवासी एक व्यक्ति ने 21 जून को हुई उसके बेटे की मौत के मामले में लक्ष्य नशा मुक्ति केन्द्र (Lakshya De-addiction Center) के संचालकों को जिम्मेदार ठहराया है। उसने पुलिस को आवेदन देकर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। युवक के पिता का कहना है कि उसने तीन वर्ष पूर्व गांजे की लत लगने पर अपने बेटे को यहां नशा छुड़ाने भर्ती कराया था। तब संचालिका ने नशा छुड़ाने का भरोसा दिलाया था और तीन माह की फीस के तौर पर 22 हजार पांच सौ रुपए भी जमा कराये थे।
यह कहना है हरदा निवासी मनोज राव (Manoj Rao, Harda) का, जिन्होंने अपने बेटे पंकज राव (Pankaj Rao) को लक्ष्य में भर्ती कराया था। तीन माह बाद जब वे अपने बेटे पंकज को घर वापस लेकर गये तो उसकी हालत में कोई सुधार नहीं था और नशे की लत भी नहीं छूटी थी। उनका कहना है कि बेटा यहां वापस आना नहीं चाह रहा था। उसने बताया था कि उसे यहां पीटा जाता है और कमरे में बंद किया जाता था। 21 जून को उनके पास कॉल आया था कि आपके बेटे की तबीयत खराब है, आ जाओ। जब वे आये तो उनको होशंगाबाद अस्पताल आने का कहा। जब वे पहुंचे तो बेटा पंकज मर चुका था।

दया ही दुख का कारण है
मेरे पास उनसे बातचीत की रिकार्डिंग है। उनकी ओर से पैसे की मांग की जा रही थी। उन्होंने कहा कि हम गरीब लोग हैं, हमारा लड़का चला गया। हमें सरकार से पैसा दिलाओ या फिर आप कुछ मदद करो। उन्होंने धमकी भी दी कि बातें बाहर जाएगी तो अच्छा है बैठकर बात कर लेते, आप मदद करो। हमने खुद से आगे होकर पोस्टमार्टम कराया जबकि इनके साथ वाले कह रहे थे, चीरफाड़ मत कराओ, हमारा बच्चा यहीं भेज दो। हमने पीएम कराने पर जोर दिया। गलत होते तो ऐसा करते क्या? तीन वर्ष से हमारे पास रहा है, प्रताडि़त करते तो बार-बार हमारे पास क्यों भेजते? हर बार पूर्व से बेहतर स्थिति में लेकर गये और वहां जाकर वह फिर गांजा पीने लगता। दया ही दुख का कारण है, हमने मदद की है। अब हम पर ही आरोप लगाया जा रहा है। जांच में सब सामने आ जाएगा।
निहारिका मालवीय, संचालक लक्ष्य नशा मुक्ति केन्द्र (Niharika Malviya, Director Lakshya De-addiction Center)

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