उच्च अधिकारियों तक पहुंचा ट्रेन में महिला से दुव्र्यवहार का मामला

उच्च अधिकारियों तक पहुंचा ट्रेन में महिला से दुव्र्यवहार का मामला

– जेडआरयूसीसी के सदस्य ने उच्च अधिकारियों को की शिकायत

इटारसी। झेलम एक्सप्रेस (Jhelum Express) में एक दिव्यांग महिला यात्री से ट्रेन गार्ड के साथ जीआरपी और आरपीएफ के जवानों की अभद्रता का मामला उच्चस्तर पर पहुंच गया है।

जोनल रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के सदस्य राजा तिवारी ने ट्विटर के माध्यम से रेलवे बोर्ड, आरपीएफ और जीआरपी के आला अधिकारियों, पश्चिम मध्य रेलवे के जीएम और डीआरएम भोपाल सहित सांसद के संज्ञान में यह बात लाकर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि झेलम एक्सप्रेस (Jhelum Express) में गुरुवार की सुबह दिव्यांग महिला से शर्मनाक व्यवहार का मामला सामने आया था। महिला को ट्रेन गार्ड ने न सिर्फ किसी यात्री को दिव्यांग कोच में बिठाने को लेकर थप्पड़ मारा बल्कि उसके गिरेबान पर हाथ डाला और आरपीएफ-जीआरपी को शिकायत की तो सुरक्षा जवानों ने भी अमानवीयता दिखाते हुए उक्त महिला को दिव्यांग कोच से उतार दिया।

जिम्मेदारी के इस गैरजिम्मेदाराना रवैये के कारण विकलांग महिला यात्री और उनकी मासूम बेटी को परेशानी उठाना पड़ी। कोच के अन्य विकलांग यात्रियों का कहना था कि गार्ड ने पहले हम लोगों को गालियां दी। विरोध किया तो उसने महिला को मारा।  

बावजूद इसके आरपीएफ-जीआरपी के जिम्मेदारों ने यात्रियों की बात नहीं मानकर गार्ड की बात पर भरोसा किया और महिला को ट्रेन से नीचे उतार दिया। इतना ही नहीं अपनी बेशर्मी को छिपान पूरा दोष दिव्यांग महिला पर ही मढ़ दिया।

मामला संज्ञान में आने के बाद जेडआरयूसीसी के सदस्य राजा तिवारी ने सबसे पहले डीआरएम को संदेश भेजकर घटना की जानकारी दी और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद ट्विटर पर अन्य आला अफसरों को इसकी जानकारी दी है।

देखना है कि उच्च स्तर पर इस घटना को लेकर मानवीयता दिखाई जाएगी या फिर अपने ही विभागीय लोगों को बचाने महिला को ही दोषी साबित किया जाएगा?

यह था मामला

दिव्यांग कोच में जनरल यात्री को बिठाने ट्रेन गार्ड ने दिव्यांग कोच का गेट खुलवाने का दवाब बनाया और इसी बात को लेकर हुए विवाद में दिव्यांग महिला के साथ यह अमानवीयता की गई। महिला के अनुसार बताया कि वह अपनी बेटी और पति के साथ पुणे से लुधियाना जाने बुधवार शाम को दिव्यांग कोच में बैठी थी।

दिव्यांग कोच में उसके अलावा 3-4 दिव्यांग यात्री और बैठे थे। इटारसी आने से पहले बानापुरा में दिव्यांग कोच में जनरल यात्री को बैठाने गार्ड ने गेट खुलवाने का दवाब बनाया। गेट नहीं खोलने पर बाहर से बहस की। फिर खिड़की से अंदर हाथ डालकर मुझे थप्पड़ मारा। मेरे गिरेबान पर हाथ डाला।

इटारसी पहुंचने पर आरपीएफ-जीआरपी से महिला अधिकारी स्टॉफ के साथ प्लेटफार्म पर पहुंचे। दिव्यांग महिला, उसकी बच्ची, पति को दिव्यांग कोच से उतार दिया। महिला पर यह भी दबाव बनाया कि तुम लिखकर दो कि कोई थप्पड़ नहीं मारे, केवल बहस हुई।

विकलांग कोच में यात्रा कर रहे अन्य यात्रियों ने भी कहा कि गार्ड जबरिया जनरल यात्री को बिठाने कोच खोलने का बोल रहे थे। इस मामले में जेडआरयूसीसी मेंबर राजा तिवारी ने सांसद राव उदयप्रताप सिंह (MP Rao Udaypratap Singh) को जानकारी देने के बाद इसकी शिकायत जबलपुर जीएम, आरपीएफ के सुरक्षा आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को की है।

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