जिला आरटीओ अधिकारियों की पिछले 15 वर्षों की नगदी, संपत्ति की जांच की जाए : उपाध्याय

Post by: Rohit Nage

Cash and property of district RTO officers of last 15 years should be investigated: Upadhyay

इटारसी। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव राजकुमार केलू उपाध्याय ने बयान जारी करते हुए कहा कि क्या कोई एजेंसी, लोकायुक्त, ईडी, सीआईडी यह बताने की कोशिश करेगी कि सौरभ शर्मा की डायरी के यह 6 पन्ने कहां से आए। 6 पन्नों का हिसाब जो मीडिया, अखबारों में छपा यह कहां से आया, जो भ्रष्टाचार का बहीखाता इतना भयंकर है कि मासिक आय कहां से कितनी होगी, जो छोटे टोल और बड़े टोल है वहां से करोड़ों रुपए।

प्रदेश कांग्रेस महासचिव उपाध्याय ने कहा कि हमारे जो 19 चेक पोस्ट आरटीओ जिसमें 51 आरटीओ और 19 चेक पोस्ट बैरियर जिससे वसूली की जाती थी, दिलचस्प बात यह है कि तीन एजेंसियों ने छापामारी की लेकिन सौरभ शर्मा कहां है, इसका अभी भी पता नहीं। तीन एजेंसियों की जांच के बाद भी यह पता नहीं पड़ा कि सौरभ शर्मा कहां है, एक तरह से जांच रुक गई है। 1300 करोड रुपए के 6 पन्ने आए हैं सरकार इसकी जवाबदारी ले प्रदेश किस ओर जा रहा है। कोई छोटा कर्मचारी अगर रिश्वत लेता है तो अखबार के फ्रंट पेज में खबर बनती है।

वर्ष 2021 के बाद सरकार ने कहा कि हम चेक पोस्ट समाप्त करेंगे, इसका मतलब है कि हम सरकार को कुछ नहीं देंगे पर चेक पोस्ट जारी रखेंगे लगातार करप्शन कैसे हो। उन्होंने मांग की है कि तीन एजेंसियों के बाद भी किसी से पूछताछ आज तक क्यों नहीं हुई। जिला आरटीओ अधिकारियों के पिछले 15 वर्षों की नगदी, संपत्ति की जांच आयकर विभाग के अधिकारियों को करना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी का असली चेहरा ना खाऊंगा ना खाने दूंगा का नया चेहरा सामने आया है। डायरी सबसे पहले लेकर गई थी, मुख्यमंत्री द्वारा इसकी जांच कराई जाना चाहिए, पिछले 15 साल का रिकॉर्ड है। सरकार जांच कर सकती है यहां केवल परिवहन विभाग का भ्रष्टाचार नहीं है, इसके अलावा नगरीय निकाय, राजस्व, खनिज, पुलिस, पंचायत विभाग, खाद्य विभाग, ऊर्जा विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा, सहकारिता विभाग का अलग-अलग तरीके से प्रदेश करप्शन का पर्याय बनता जा रहा है।

जिस तरीके से भू माफियाओं ने प्रदेश को लूटा है, वही कोई विभाग ऐसा नहीं बचा जहां बिना पैसे का काम होता हो, कोई कर्मचारी बगैर पैसे लिए कोई काम नहीं करता, प्रदेश लूट और करप्शन का पर्याय बन गया है। सौरभ शर्मा को पब्लिक के सामने लाना चाहिए जिससे जिन नेताओं के नाम आ रहे हैं उनसे भी पूछताछ हो लेकिन मामले में पूरा गोलमोल किया जा रहा है। स्वाभाविक है, जांच एजेंसी पर सवाल उठेंगे, असली डायरी सामने नहीं आ रही है। सौरभ शर्मा नहीं मिल रहा तो डायरी के हिसाब से पूछताछ करो, एजेंसी चोरों को बचा क्यों रही है।

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