Editorial / Special
आरोप प्रत्यारोप के तीर तरकश में रखिए, उम्मीद का दामन थामे रखिए…।
झरोखा: पंकज पटेरिया/ यह सच है कि क्रूर कोरोना के दहशतजदा दर्दभीगे माहौल में आज हम बेहद तकलीफदेह अहसास से ...
झरोखा: जिंदगी भोर है, सूरज की तरह निकलिए
पंकज पटेरिया। बात उन दिनों की जब देश के प्रधानमंत्री श्री एच डी देवगौड़ा थे। एमपी के वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री ...
झरोखा: तू जिंदा है जिंदगी की जीत पर यकीन कर
पंकज पटेरिया। हम जिंदा है हमे जिंदगी की जीत पर यकीन है। यह पुख्ता अहसास ही हमारी जीत है।
संपादकीय : आखिर, किस मुगालते में, जी रहे हैं आप सरकार
वैश्विक महामारी कोविड-19 से मिली रहीं तकलीफें और सरकार की मूकदर्शिता अब सहनसीलता की सरहदें लांघ गयी हैं। आखिर सरकारें ...
स्मृतिशेष: सुश्री जयश्री तरडे सुर सरिता सूरसागर में हुई लीन
(झरोखा:पंकज पटेरिया)/ नर्मदा अंचल संगीत आकाश की जगमग ज्योति तरीका संगीतदेवी सुर सरिता देश विदेश के अपने सैंकड़ों शिष्यों से ...
समीक्षा: खिड़कियों से झांकते अपने-अपने एकांत
विपिन पवार/ विख्यात ब्रिटिश लेखक एवं राजनेता ऑगस्टिन बिरेल ने कहा है कि ‘’बावर्चियों, योद्धाओं और लेखकों का आंकलन इस ...
झरोखा: मौत के साज पर भारी जीवन का महा राग
पंकज पटेरिया। कोरोना कहर की भयावहता जग जाहिर है, बार बार उसका जिक्र करना, समझदारी नहीं, इससे हमारा मनोबल गिरता ...
लघुकथा: मुझे जीवन में लोकतंत्र के तीसरे स्तंभ का हिस्सा बनने का अवसर मिला
सत्येंद्र सिंह/ मुझे जीवन में एक पत्रिका का संपादक बनने का अवसर मिला। मैं तो बल्लियों उछल गया। लोकतंत्र के ...
नहीं रहे इतिहासकार डॉ. सुरेश मिश्र
डॉ. सुरेश मिश्र – व्यक्ति और इतिहासकार कैलाश मंडलेकर: मैं इस बात के लिए अक्सर गौरवान्वित हुआ करता हूँ कि ...
Editorial: रेस्ट हाउस की जमीन बेचने की निविदा…क्या उचित कदम है?
इटारसी। प्रदेश सरकार द्वारा रेस्ट हाउस (Rest house) की जमीन बेचने की निविदा निकलने के बाद शहर के अनेक लोगों ...