National

On the lesson of NCERT book, student's father told - conspiracy to promote lovejihad

एनसीईआरटी की किताब के पाठ पर छात्रा के पिता ने बताया- लवजिहाद को बढ़ावा देने की साजिश

Manju Thakur

एनसीईआरटी की किताब के पाठ पर विवाद


- मेल भेजकर की शिकायत

भोपाल, 20 सितंबर (हि.स.)। मध्यप्रदेश में एनसीईआरटी की तीसरी कक्षा की किताब के एक पाठ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। छतरपुर के खजुराहो में एक छात्रा के पिता ने इस पाठ को लव जिहाद को बढ़ावा देने वाला बताया। छात्रा के पिता डॉ. राघव पाठक ने पाठ के कंटेंट को लेकर शुक्रवार को एनसीईआरटी के सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी को मेल भेजा है। उन्होंने पाठ के कंटेंट को साजिश बताते हुए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की।

खजुराहो निवासी डॉ. राघव का कहना है कि मुझे वहां के जवाब का इंतजार है। जब तक जवाब नहीं आता, मैं लोगों को जागरूक करता रहूंगा। लोगों से कहूंगा कि वह भी विरोध करें, क्योंकि सिर्फ मेरी बच्ची ही कक्षा तीन में नहीं पढ़ रही हैं। मैं सिलेबस के अन्य कंटेंट को भी देखूंगा कि और कहां इस तरीके का षड्यंत्र किया जा रहा है।

पर्यावरण किताब में पाठ का शीर्षक है, 'चिट्ठी आई है'

दरअसल, कक्षा तीन की पर्यावरण विषय की किताब में जिस अध्याय 17 के कंटेंट पर आपत्ति जताई गई है, उसका शीर्षक है, 'चिट्ठी आई है'। इसमें एक पोस्टकार्ड छपा है। उसमें लिखा है - ' अहमद तुम बताओ तुम कैसे हो? हम सब दोस्तों को तुम्हारी याद आती है। आशा है छुट्टियों में तुम अगरतला आओगे। सभी बड़ों को प्रणाम, तुम्हारी रीना।'

शिकायतकर्ता डॉ. राघव पाठक ने दो दिन पहले छतरपुर के खजुराहो थाने में भी शिकायती पत्र सौंपा था। जिसमें उन्होंने जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की थी। शिकायतकर्ता डॉ. राघव पाठक एक होम्योपैथिक डॉक्टर हैं। वे कहते हैं कि देश में फैलते साम्प्रदायिक तनाव और लव जिहाद के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मेरी नजर मेरी सात साल की बेटी के पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस पर गई। जिसके अध्याय 17 (विषय-पर्यावरण) में रीना नाम की हिन्दू लड़‌की, अहमद नाम के मुस्लिम मित्र को चिट्ठी लिख रही है। जिसे देखकर मैं बेहद आश्चर्यचकित हुआ और सोचने पर विवश हुआ।

उन्होंने एनसीईआरटी को किए मेल में सवाल उठाए हैं कि क्या सात साल के बच्चों को कक्षा तीन में पढ़ाई जाने वाली विषय सामग्री के लिए आसपास पुस्तक में पाठ 17 में मौजूद पाठ्य सामग्री शामिल करना जरूरी है या थी? क्या पत्राचार की शैली का प्रशिक्षण देने के लिए बाल मन को देखते हुए धर्म विशेष के छात्र अहमद के नाम का उल्लेख और साथ में छात्रा के रूप में रीना धर्म विशेष की छात्रा के नामों का प्रयोग उचित है? खासतौर से देश में बेहद खराब होते माहौल को और लव जेहाद के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए? क्या पत्राचार की शैली का प्रशिक्षण देने के लिए एक बालिका को बालक को ही पत्र लिखते प्रदर्शित करना और यह उदाहरण सामने प्रस्तुत करना सात साल के बालक बालिकाओं के बाल मन को देखते हुए उचित है? क्या पत्राचार की शैली या विधा का पाठ समझाते वक्त करीबी रिश्ते दीदी, भैया, चाचा, चाची, पापा, मम्मी, नाना नानी, दादा दादी को पत्र भेजते हुए का उदाहरण नहीं दिया जा सकता था?

उन्होंने मेल में लिखा- इस कंटेंट के प्रति जिम्मेदारों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए मीडिया सहित अपने नजदीकी पुलिस विभाग में आवेदन देकर अपनी आपत्ति दर्ज करा चुका हूं। यदि आपकी भी पड़ताल में इस कंटेंट के पीछे कोई बेहद घिनौनी या ओच्छी मानसिकता के साथ किसी पूर्व पाठ्यक्रम निर्धारक की साजिश बुद्धि का प्रयोग समझ आता है, तो उसे चिन्हित कर समुचित दंड की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें, ऐसा मेरा अनुरोध है।

छात्रा के पिता ने दो दिन पहले बुधवार को एसडीओपी को एक शिकायती पत्र भी सौंपा था। इसमें पाठ के कंटेंट के पीछे जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा कि किताब के एक अध्याय में रीना नाम की हिंदू लड़की एक मुस्लिम नाम के अहमद को पत्र लिख रही। यह लव जिहाद को बढ़ाने के उद्देश्य से सोची समझी साजिश है। रीना राम को चिट्ठी लिख सकती है, अहमद को नहीं।

ये राज्य सरकार का मामला नहीं: एसडीओपी

इस संबंध में एसडीओपी सलिल शर्मा ने बताया कि खजुराहो निवासी राघव पाठक ने एक आवेदन पत्र दिया है। जिसमें उन्होंने एनसीईआरटी के कक्षा तीन के एक अध्याय पर आपत्ति जताई है। जिसमें मैंने उन्हें समझाइश दी है। इस संबंध में राज्य सरकार का या लोकल बॉडी का कुछ लेना-देना नहीं है। इसे उचित फोरम पर दें और इस समझाइश के साथ मैंने इस आवेदन को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा है।

हिन्दुस्थान समाचार/सौरव

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

लोहारीडीह की घटना: मुख्यमंत्री ने कबीरधाम कलेक्टर और एसपी को हटाया

Manju Thakur

आदेश की कापी


आदेश की कापी


- रेंगाखार थाना प्रभारी और पूरा स्टाफ बदला

रायपुर, 20 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कवर्धा जिले में ग्राम लोहारीडीह में 15 सितंबर को शिवप्रसाद साहू की मृत्यु के उपरांत घटित आगजनी में रघुनाथ साहू की मृत्यु की दुर्भाग्यजनक घटना के मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इस घटना के परिप्रेक्ष्य में पुलिसकर्मियों द्वारा ग्रामीणों से मारपीट किए जाने की घटना के चलते रेंगाखार थाने के निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ कुल 23 पुलिसकर्मियों को भी हटा दिया है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर कबीरधाम जिले के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया गया है। कबीरधाम के कलेक्टर जन्मेजय महोबे के स्थान पर गोपाल वर्मा को कबीरधाम जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव को हटाकर उनके स्थान पर राजेश कुमार अग्रवाल को पुलिस अधीक्षक पदस्थ किया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि कबीरधाम जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ आईपीएस विकास कुमार को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा दिए गए मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश के परिपालन में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कबीरधाम द्वारा अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी निर्भय कुमार साहू को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा उन्हें 30 दिवस के भीतर निर्धारित बिन्दुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव ने कहा कि भविष्य में इस तरह की किसी भी प्रकार की घटना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / गायत्री प्रसाद धीवर

मप्रः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाग्योदय तीर्थ पहुंचकर लिया मुनिश्री का आशीर्वाद

Manju Thakur

मप्रः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाग्योदय तीर्थ पहुंचकर लिया मुनिश्री का आशीर्वाद


मप्रः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाग्योदय तीर्थ पहुंचकर लिया मुनिश्री का आशीर्वाद


- खाद्य मंत्री राजपूत के निवास पर बुंदेली परंपरा से हुआ लोकसभा अध्यक्ष का स्वागत

भोपाल, 20 सितंबर (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मध्य प्रदेश के एक दिन के प्रवास पर शुक्रवार शाम को सागर जिले में स्थित भाग्योदय तीर्थ पहुंचे, जहां उन्होंने मुनिश्री 108 सुधा सागर महाराज के 42 में दीक्षा दिवस के अवसर पर शामिल होकर मुनिश्री का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए कहा कि अपनी कठिन तपस्या और साधना से श्रद्धेय मुनिवर ने अध्यात्म का शिखर छुआ है तथा अपने कृतित्व से जीव जगत का कल्याण कर रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि परोपकार के लिए समर्पित जैन परंपरा के महान तीर्थंकरों और मुनियों का जीवन सम्पूर्ण संसार के लिए प्रदर्शक हैं। जीवमात्र के प्रति दया, करुणा, शांति और विनय जैसे महान मूल्य ही वैश्विक उन्नति को प्रशस्त करते हैं। उन्होंने कहा मंदिर व्यक्ति के जीवन के अंदर हमेशा सत्य और नैतिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। जब हम मंदिर में जाते हैं जो विचार भगवान महावीर ने दिए हैं, उन विचारों को जीवन में उतारने का काम करते हैं। मंदिर में जाकर कहते हैं कि सृष्टि का भला हो। मुनि सुधा सागर महाराज देश-दुनिया में जहां भी गए, उन्होंने सर्व समाज के उत्थान और भले के लिए काम किया। उन्होंने गौशाला, अस्पताल, प्याऊ, छोटे लघु, कुटीर उद्योग दिए। जिससे व्यक्ति के जीवन में बदलाव आए। वे सात हजार किमी से ज्यादा की पैदल यात्रा कर चुके हैं। जहां से निकलते हैं वहां व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन किया है।

उन्होंने कहा कि अभी दशलक्षण पर्व, क्षमा पर्व था। मैं भी आप सबसे क्षमा चाहता हूं। दुनिया मानती है अगर दुनिया में परवर्तन करना है तो हमें अहिंसा का मार्ग पर अपनाना होगा। सुधा सागर महाराज देश दुनिया में भगवान महावीर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। हम सबको अंधेरे में रोशनी की तरह गुरुवर का ज्ञान मिल जा रहा है। बहुत साल बाद मुझे गुरुवर का आशीर्वाद मिला है। मैं गुरुवर को प्रणाम करता हूं।

इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष बिरला के भोपाल पहुंचने पर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने स्टेट हैंगर पर जोरदार स्वागत किया। लोकसभा अध्यक्ष बिरला के साथ मंत्री राजपूत भी भाग्योदय तीर्थ पहुंचे, जहां मुनि सुधा सागर से आशीर्वाद प्राप्त किया। भाग्योदय तीर्थ में आयोजित 42वें मुनिश्री के दीक्षा दिवस के अवसर पर आयोजन समिति द्वारा लोकसभा अध्यक्ष का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया।

लोकसभा अध्यक्ष को भाया स्वागत का बुंदेली अंदाज

मध्यप्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र अपनी परंपरा और वैभव के लिए जाना जाता है। कुछ ऐसा ही नजारा सागर में खाद्य मंत्री राजपूत के निवास में देखने को मिला। लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला भाग्योदय तीर्थ में आयोजित दीक्षा दिवस समारोह में शामिल होने के पश्चात खाद्य मंत्री राजपूत के निवास पर पहुंचे। खाद्य मंत्री ने बुंदेली परंपरा से लोकसभा अध्यक्ष का जोरदार स्वागत किया।

अतिथि देवो भवः परंपरा अनुसार मंत्री राजपूत ने लोकसभा अध्यक्ष का स्वागत सत्कार कर शाल-श्रीफल और पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। लोकसभा अध्यक्ष बिरला को इस दौरान बुंदेली व्यंजन पारोसे गए। लोकसभा अध्यक्ष को बुंदेली परंपरा का यह स्वागत अंदाज बहुत ज्यादा पसंद आया। उन्होंने बुंदेलखंड की शान को देश का पर्याय बताया। इस अवसर पर सांसद लता वानखेड़े, जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत सहित जन-प्रतिनिधि मौजूद थे।

---------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

हर्बल चिकित्सा प्रणाली- संरक्षण और कार्य योजना पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 21-22 सितंबर को भोपाल में

Manju Thakur

हर्बल चिकित्सा प्रणाली- संरक्षण और कार्य योजना पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 21-22 सितंबर को भोपाल में


- गैर-संहिताबद्ध पारंपरिक उपचार प्रणालियों को बचाने होगा मंथन

- पद्म पुरस्कर विजेताओं सहित विषय विशेषज्ञ हर्बल चिकित्सा के भविष्य पर रखेंगे अपने विचार

भोपाल, 20 सितंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में में 21 और 22 सितंबर, 2024 को प्री लोकमंथन: गैर-संहिताबद्ध हर्बल चिकित्सा प्रणाली- संरक्षण, प्रचार और कार्य योजना शीर्षक से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), प्रज्ञा प्रवाह, दत्तोपंत थेंगडी अनुसंधान संस्थान, एंथ्रोपोस इंडिया फाउंडेशन और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा संयुक्त रूप से यह यह दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

जनसम्पर्क अधिकारी अवनीश सोमकुवर ने शुक्रवार को बताया कि यह सम्मेलन हर्बल चिकित्सा परंपराओं के संरक्षण और प्रचार विषय पर केंद्रित है। देश में कई औषधियां सदियों से मौजूद हैं लेकिन औपचारिक स्वास्थ्य प्रणाली के दायरे से बाहर हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य हर्बल उपचार की मौखिक परंपराओं पर प्रकाश डालना और इन प्रथाओं को सुरक्षित रखने के तरीकों की चर्चा करना है।

सम्मेलन का विषय

उन्होंने बताया कि गैर-संहिताबद्ध शब्द इस कार्यक्रम का केंद्रीय विषय है और सामान्यतः यह उन चिकित्सा प्रणालियों से संबंधित है जो उनके संहिताबद्ध पश्चिमी चिकित्सा की तुलना में कम मान्य हैं। विभिन्न चिकित्सा परंपराओं को एक जगह लाकर उनकी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भ को सरल कर संहिताबद्ध किया सकता है। बायोमेडिसिन के प्रभुत्व के बावजूद जो भारी मात्रा में वाणिज्यिकृत और पेशेवर हो गई है। ये गैर-संहिताबद्ध चिकित्सा प्रथाएं सदियों से जीवित हैं, जो विभिन्न वैश्विक समुदायों में सांस्कृतिक धरोहर और व्यावहारिक स्वास्थ्य लाभों के लिए उनकी महत्ता को दर्शाती हैं। गैर-संहिताबद्ध चिकित्सा प्रणालियाँ, जिन्हें अक्सर 'पारंपरिक', 'जनजाति' या 'लोक चिकित्सा' के रूप में लेबल किया जाता है, स्वास्थ्य प्रथाओं, ज्ञान और विश्वासों का एक विस्तृत स्पेक्ट्रम शामिल हैं। यह विभिन्न समाजों की सांस्कृतिक संरचना में गहरे बैठा हैं। ये परंपराएँ आमतौर पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी मौखिक रूप से प्रसारित होती हैं, जो स्वास्थ्य के एक समग्र दृष्टिकोण को अपनाती हैं और व्यक्तियों के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण पर विचार करती हैं।

समुदायों के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में ये प्रथाएं औपचारिक वैज्ञानिक मान्यता के बजाय अनुभव से उपजे साक्ष्य और अवलोकन पर निर्भर हैं। इनमें हर्बल उपचार, आध्यात्मिक चिकित्सा, शारीरिक हेरफेर और विशेष आहार विधियों जैसे विभिन्न तरीके शामिल हैं। ये प्रणालियां सामान्यतः गैर-वाणिज्यिक, सामुदायिक-केंद्रित और आध्यात्मिक तत्वों से भरी हैं, जो दूरदराज या ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार देती हैं।

कई एशियाई देशों में लगभग 80 प्रतिशत लोग पारंपरिक हर्बल हीलर्स पर निर्भर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ये प्रणालियाँ अक्सर सरकारों और स्वास्थ्य संस्थानों से अधिकारिक मान्यता की कमी से जूझती हैं। यह उपेक्षा लोगों के बीच संदेह की भावना पैदा कर सकती है। हालांकि कई मैदानी अध्ययन दर्शाते हैं कि ये हर्बल उपचार करने वाले नियमित रूप से ग्राहकों की सेवा करते हैं। कई रोगियों ने अपने स्वास्थ्य में सुधार की रिपोर्ट दी है, जिससे ये गैर-संहिताबद्ध प्रणालियाँ अपने प्रभावी होने के प्रमाण प्रस्तुत करती हैं।

सम्मेलन में प्री-लोकमंथन में कुछ रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी, ताकि हीलर्स के सामने आने वाली चुनौतियों को कम किया जा सके। कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों पर चर्चा होगी जैसे क्या हर्बल हीलर्स को उनकी योगदान और संसाधनों के लिए उचित मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए निष्पक्ष व्यापार मानकों की स्थापना करनी चाहिए या नहीं।

पद्म पुरस्कार विजेताओं की भागीदारी

सम्मेलन में पद्म पुरस्कार विजेता भाग ले रहे हैं। चार पद्मश्री पुरस्कार विजेता इस चर्चा को विशेष रूप देंगे। इनमें- पद्मश्री यानिंग जामो लेगो (अरुणाचल प्रदेश), पद्मश्री हेमचंद मांझी (छत्तीसगढ़)- पद्मश्री लाइश्रम नबाकिशोर सिंह (मणिपुर) और पद्मश्री लक्ष्मीकुट्टी अम्मा (केरल) शामिल हैं। इनकी भागीदारी पारंपरिक चिकित्सा प्रथाओं की समझ को और बढ़ाएगी और यह इन धरोहर-समृद्ध प्रणालियों की खोज के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करेगी।

जिन मुद्दों पर चर्चा होगी

सम्मेलन का मुख्य विषय है- गैर-संहिताबद्ध हर्बल चिकित्सा प्रणालियों और उनके ग्रामीण भारत में महत्व जहाँ औपचारिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच सीमित है। जैव विविधता में विशिष्ट ज्ञान रखने वाले स्थानीय हीलर्स विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए पौधों और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हुए अपनी तकनीकों का प्रदर्शन करेंगे।

मुख्य विषयों में- जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में हर्बल चिकित्सा, जैव विविधता संरक्षण, पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित स्वास्थ्य संचार, वाणिज्यीकरण का प्रभाव और जैव-उपद्रव का खतरा शामिल है। सम्मेलन हर्बल चिकित्सा से उपचार करने वालों के सामने आने वाली चुनौतियों, सरकारी सहयोग की कमी और बौद्धिक संपदा अधिकारों पर भी चर्चा होगी।

इस मौके पर हर्बल हीलर्स कार्यशाला विशेष आकर्षण होगा। इस दौरान पारंपरिक उपचार विधियों का उपयोग करके रोगियों का इलाज किया जायेगा। हर्बल दवाओं के बारे में ज्ञान साझा किया जायेगा। यह छात्रों, शोधकर्ताओं और आम जनता सहित प्रतिभागियों को पारंपरिक हर्बल चिकित्सा प्रणालियों का प्रत्यक्ष अनुभव कराएगा।

सम्मेलन में कई प्रमुख हस्तियां आ रही हैं। इनमें मुख्य रूप से प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय समन्वयक जे. नंदकुमार, प्रज्ञा प्रवाह के अध्यक्ष प्रो. ब्रिज किशोर कु‍ठियाला, प्रोफेसर (डॉ) केजी सुरेश आईजीआरएमएस के निदेशक डॉ. अमिताभ पांडे, एचके भारत की अध्यक्ष डॉ. सुनीता रेड्डी शामिल होंगी। सत्रों का संचालन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विद्वान करेंगे।

---------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

लोहारीडीह हिंसाः रेंगाखार थाना प्रभारी समेत 23 पुलिसकर्मी लाइन अटैच

Manju Thakur

आई जी दीपक कुमार झा की पत्रकार वार्ता


- कांग्रेस ने किया शनिवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान

कवर्धा/रायपुर, 20 सितंबर (हि.स.)। जिले के रेंगाखार थानांतर्गत लोहारीडीह हिंसा मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रेंगाखार थाना प्रभारी समेत 23 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया। डीएसपी का भी तबादला किया गया। कांग्रेस ने इस मामले में शनिवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है। इस मामले की जांच अब एक नई पुलिस टीम करेगी। पहले ही इस केस में एडिशनल एसपी आईपीएस विकास कुमार को निलंबित किया जा चुका है।

लोहारीडीह हिंसा मामले को लेकर राजनांदगांव रेंज आईजी दीपक झा ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता कर जानकारी दी कि रेंगाखार थाना प्रभारी, उप निरीक्षक महामंगलम और अंकिता समेत 23 स्टॉफ को लाइन अटैच किया गया है। वहीं डीएसपी कृष्णा चंद्राकर के प्रभार में बदलाव किया गया है।

ज्ञात हो कि जिले के लोहारीडीह में एक सप्ताह के भीतर 3 लोगों की अलग-अलग कारण से जान चली गईचौदह सितंबर की दरमियानी रात शिव प्रसाद साहू की लाश मध्यप्रदेश के बिरसा थाने के क्षेत्र में पेड़ से लटकती मिली थी। इसे लेकर रविवार को कवर्धा जिले के पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू के मकान में आग लगा दी थी जिसमें उप सरपंच की मौत हो गई जबकि एक आदमी लापता है। इस दौरान लोगों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई हुई और जिसके बाद पथराव हुआ। इस पथराव में कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव और दर्जनों पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी।

घटना के बाद जिलेभर से पुलिस जवान और सैकड़ों बटालियन के जवानों को बुलाया गया था जिसके बाद ग्रामीण गांव छोड़कर भाग गए। तब जाकर पुलिस गांव में घुसी और स्थिति को कंट्रोल किया। मामले में पुलिस ने 170 लोगों को आरोपित बनाया है और 33 महिला समेत 69 लोगों को गिरफ्तार किया। इसी बीच बीते दिन 19 सितंबर को हत्या के आरोप में बंद प्रशांत साहू की जेल में मौत हो गई। मृतक के शरीर में गहरे चोट के निशान पाए गए हैं जिससे ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशांत साहू की मौत पुलिस पिटाई के चलते जेल में मौत हुई है।

साहू समाज ने उग्र आंदोलन की दी चेतावनीः गांव में तीन लोगों की मौत के बाद जिला साहू संघ ने बैठक कर आठ सूत्रीय मांग को लेकर राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। कांग्रेस द्वारा लोहारीडीह मामले में प्रदेश बंद के आह्वान का जिला साहू संघ ने समर्थन देने से इनकार किया है। मांगें पूरी नहीं होने पर साहू समाज ने उग्र आंदोलन का चेतावनी दी है।

---------

हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा

मप्र में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना हमारा लक्ष्य: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

Manju Thakur

मुख्यमंत्री ने कोलकाता में उद्योग समूहों के प्रमुखों से की वन-टू-वन चर्चा


19 हजार 270 करोड़ रुपये के निवेश हुए प्राप्त


- मुख्यमंत्री ने कोलकाता में उद्योग समूहों के प्रमुखों से की वन-टू-वन चर्चा

भोपाल, 20 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य में उद्योगों के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करना है, जिससे न केवल स्थानीय व्यवसायों को फायदा हो, बल्कि बाहरी निवेशक भी प्रोत्साहित होकर मध्यप्रदेश में आकर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाएं। प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समग्र विकास के लिये विभिन्न औद्योगिक समूहों के प्रमुखों से निरंतर वन-टू-वन चर्चा विभिन्न मंचों पर की जा रही है। इससे प्रदेश के विकास को गति मिलेगी। वन-टू-वन चर्चा से उद्योगपतियों को उद्योग स्थापना में आने वाली दिक्कतों एवं उनके निराकरण पर सकारात्मक चर्चा कर निराकरण भी हो रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह बातें शुक्रवार को कोलकाता में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में उद्योग समूहों के प्रमुखों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने इस दौरान 31 प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा की। उन्होंने वन-टू-वन चर्चा में उद्योगपतियों के सुझाव पर उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी बातों पर न केवल गंभीरता से विचार किया जायेगा, बल्कि प्रदेश के विकास के लिये आउट ऑफ द वे जाकर निराकरण भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने वन-टू-वन बैठक के माध्यम से विभिन्न उद्योगपतियों से उनकी आवश्यकताओं, चुनौतियों और विकास की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने राज्य में निवेश की नीतियों और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की प्रतिबद्धता जताई और सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं और प्रोत्साहनों के बारे में जानकारी दी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोलकाता के इंटरैक्टिव सेशन में प्रमुख रूप से राजीव मुंद्रा- चेयरमैन जेएमएस माइनिंग, अश्विन जेलोढ़ा- एमडी और सीईओ ओरिएंट पेपर मिल, इंद्रजीत मुखर्जी- वाइस चेयरमैन टेक्स्मॉको रेल और इंजीनियरिंग लिमिटेड, विनोद कुमार गुप्ता- एमडी डॉलर उद्योग, आपरेश अग्रवाल- एमडी रूपा उद्योग, अनुराग चौधरी- सीएमडी एवं अरुण कुमार शुक्ला अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड सहित फूड प्रोसेसिंग, प्लास्टिक एवं पैकेजिंग, मैटल, केमिकल एवं बैटरी, सीमेंट एवं जूट खनन, आयरन एवं स्टील, पॉवर सीमेंट, नवकरणीय ऊर्जा, अधोसंरचना विकास, रेलवे वैगन एवं उपकरण, पेपर एवं पल्प, टेक्सटाइल, लॉजिटिक्स एवं वेयर हाउसिंग एवं एविएशन, टेक्सटाइल एवं गारमेंट, पॉलीमर कम्पाउंड, हास्पिटेलिटी, लुब्रीकेंटस, होम केयर एवं ईवी प्रोडक्ट, सौर ऊर्जा, पशु आहार आदि सेक्टर से संबंधित 31 उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा की। चर्चा में उद्योगपतियों ने भी अपने विचार साझा किए और राज्य में निवेश करने की संभावनाओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार विभिन्न उद्योगों के बीच समन्वय बढ़ाने और नई योजनाओं को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी उद्योगपतियों को राज्य में अधिक से अधिक निवेश करने और सरकार के विकासात्मक एजेंडे में भागीदार बनने का निमंत्रण दिया।

प्रदेश की औद्योगिक नीतियों, बुनियादी ढांचे व संसाधनों पर दिया गया प्रेजेंटेशन

कोलकाता समित में औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह ने प्रदेश की औद्योगिक नीतियों, बेहतर बुनियादी ढांचे, स्थिर प्रशासनिक समर्थन और निवेशकों को दिए जाने वाले प्रोत्साहनों पर प्रेजेंटेशन दिया। अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं तकनीकी संजय दुबे ने प्रदेश में आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम क्षेत्र में निवेश, प्रदेश की नीतियों और उपलब्ध संसाधनों पर प्रेजेंटेशन दिया। उद्योगपतियों और सरकार के बीच सीधे संवाद के इस महत्वपूर्ण मंच पर लघु, मध्यम उद्यम के क्षेत्र में निवेश, नीतियों तथा विशेष रूप से विकसित औद्योगिक क्षेत्रों के संबंध में विभाग के सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने जानकारी साझा की। प्रदेश को प्रमुख निवेश स्थल के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य के विविध पर्यटन स्वरूपों तथा निवेश अवसरों पर वीडियो फिल्म के प्रदर्शन के साथ ही एडीशनल एमडी, मप्र टुरिज्म बोर्ड बिदिशा मुखर्जी ने प्रेजेंटेशन दिया। प्रदेश में उपलब्ध प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, खनन एवं खनिज क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर एमडी स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन श्री अनुराग चौधरी ने भी प्रेजेंटेशन दिया।

विभिन्न क्षेत्रों से 19 हजार 270 करोड़ रुपये के निवेश हुए प्राप्त

कोलकाता समिट में खाद्य प्र-संस्करण, रसायन, सीमेंट, स्टील, प्लास्टिक और नवकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों से 19 हजार 270 करोड़ रुपये के निवेश प्राप्त हुए, जिससे 9,450 रोज़गार के अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की यह पहल न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद करेगी, बल्कि राज्य को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

--------------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

पीएम मोदी ने विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय स्तर की 18 कला कृतियों की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया

Manju Thakur

पी.एम. मोदी ने विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय स्तर की 18 कला कृतियों की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया


मुंबई, 20 सितंबर (हि. स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पीएम विश्वकर्मा योजना की वर्षगांठ के अवसर पर बनाये गये थीम मंडप में अंतरराष्ट्रीय स्तर की 18 कला कृतियों की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों से बातचीत की और उनसे आवश्यक जानकारी ली। यह प्रदर्शनी 21 और 22 सितंबर को जनता के लिए खुली रहेगी।

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों को पहचान दिलाने और उनके समग्र विकास के लिए पी.एम.-विश्वकर्मा योजना लागू की गई थी। इस योजना का वार्षिक समारोह आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा योजना के आकर्षक कार्यों का निरीक्षण करते हुए कारीगरों की सराहना की।

प्रदर्शनी में शामिल कलाकृतियों में उत्तराखंड राज्य से जैम्बुन निशा (माला निर्माता), बिहार से सिंटू कुमार (गुडिय़ा और खिलौना निर्माता), नागालैंड से अखिरिली किरहा (बढ़ई), मध्य प्रदेश से रामनाथ सिंह गुजर (मूर्तिकार), सतीश के.सी. केरल राज्य से. (गोल्डस्मिथ), ओडिशा से सुदीप्त दास (मत्सजले कारीगर), झारखंड से गोपाल माडिया (लोहार), आंध्र प्रदेश से एम. हरिकृष्ण (नाई), छत्तीसगढ़ से कांतिबाई साहू (टोकरी बनाने वाली), असम से उपेन्द्र बरुहा (राजमिस्त्री), तेलंगाना से महराजू लक्ष्मी (धोबी), पंजाब से कमल कुमार (मोची), उत्तर प्रदेश से राजाराम (कुम्हार), जम्मू से अब्दुल और कश्मीर से मजीद भट (नाव निर्माता), महाराष्ट्र से कीर्ति संतोषराव रावेकर (दर्जी), कर्नाटक से शेखरप्पा कम्म (बंदूक), राजस्थान से भोला लौहर (हथौड़ा और टूल किट निर्माता) और गुजरात राज्य से कमलेशभाई परमार (ताला निर्माता) शामिल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव

सियासी जंग में तिरुपति लड्डू ,पशु चर्बी के दावे को पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन ने किया खारिज

Manju Thakur

लड्डू


- वाईएसआरसीपी और सत्ता पक्ष तेलुगू देशम में जुबानी जंग और तेज

विजयवाड़ा, 20 सितंबर (हि.स.)। तिरुपति बालाजी लड्डू विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं वाईसीपी प्रमुख वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में विसा होना एक मिथक है। उन्होंने पूछा कि क्या कोई ऐसा दुष्ट काम कर सकता है। राजनीति के लिए भगवान तक का उपयोग करने की दुष्ट मानसिकता के लिए चंद्रबाबू की कड़ी आलोचना की गई।

पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन में शुक्रवार को राजधानी अमरावती में तेदेपल्ली में स्थित उनके कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने पूछा कि क्या एक मुख्यमंत्री के लिए इस तरह झूठ से खेलना धर्म है? तिरुमला तिरुपति बोर्ड की सामग्री प्रक्रिया पर जगन ने बताया कि घी आपूर्ति के लिए हर 6 महीने में एक बार टेंडर बुलाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि घी की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए परीक्षण प्रक्रियाओं को किसी ने नहीं बदला। उन्होंने कहा कि तिरुमाला लड्डू उसी तरह तैयार किया जा रहा है, जैसे दशकों से बनता आ रहा है।

उन्होंने कहा कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम एक स्वशासी संस्था और राज्य सरकार कभी हस्तस्केप नहीं किया है। सामग्री खरीदने की प्रक्रिया एक सिस्टम से चल रही है। घी लाने वाले प्रत्येक टैंकर को एनएबीएल प्रमाण पत्र लाना होगा।

जगन ने बताया कि प्रत्येक टैंक के नमूनों का तीन बार परीक्षण किया जाएगा और टीटीडी आपूर्ति की अनुमति तभी देगा जब वे तीन परीक्षण पास कर लेंगे। जगन ने कहा कि चंद्रबाबू उस चीज के बारे में झूठ बोल रहे हैं जो हुआ ही नहीं। 12 जुलाई को सैंपल लिया गया। उन्होंने पूछा- तब मुख्यमंत्री कौन थे। उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू जब मुख्यमंत्री थे तब घी के नमूने लिये गये थे। उन्होंने कहा कि घी के नमूने 17 जुलाई को एनडीडीबी को भेजे गए थे। एनडीडीबी ने 23 जुलाई को रिपोर्ट सौंपी। जगन ने पूछा कि अगर 23 जुलाई को रिपोर्ट दी जाए तो चंद्रबाबू ने अब तक क्या किया है। अगर रिपोर्ट 23 जुलाई को आती है, तो यह विडंबना है कि चंद्रबाबू अब बोल रहे हैं। हमारे शासनकाल में घी की गुणवत्ता को लेकर आपूर्ति की गई सामग्री को 18 बार खारिज किया गया।

उन्होंने दावा किया कि चंद्रबाबू ने तिरुमाला की पवित्रता को अपवित्र किया है। राज्य के इतिहास में ऐसे हालात कभी नहीं बने. उन्हें कहा की वाईसीपी के सत्ता में आने के बाद तिरुमाला में प्रयोगशालाओं में सुधार किया गया है। वाईसीपी शासन के दौरान तिरुमाला में कई क्रांतिकारी परिवर्तन लाए गए।

जगन ने कहा कि टीटीडी एक स्वतंत्र संगठन है और सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी, उनके ही शासन काल में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आठ तिरुमला तिरुपति मंदिर स्थापित किए गए। बोर्ड का गठन विशेष लोगों के साथ किया गया जिसमें भाजपा के लोग भी शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निविदाओं के मामले में अंतिम निर्णय टीटीडी बोर्ड का ही होता है। यहां के फैसलों में सरकार दखल नहीं देगी।

उन्होंने कहा कि केवल वे लोग ही बोर्ड में होंगे जो भगवान की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने वाईवी सुब्बारेड्डी जैसे व्यक्ति के तत्कालीन टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया, जिन्होंने 45 बार अयप्पा माला पहनी थी।

जगनमोहन रेड्डी ने आरोप लगाए की वर्तमान मुख्यमंत्री वे केवल द्वेषवश कीचड़ फैलाने के लिए ऐसे काम करते हैं। चंद्रबाबू का ऐसी बातें कहना आंध्र प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।'

जगन ने कहा कि वह लड्डू प्रसाद के आरोपों पर प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखेंगे। वे जांच की मांग करेंगे। वाईएस जगन ने आलोचना की कि चंद्रबाबू अपने 100 दिनों के शासन के दौरान लोगों के सामने दोषी बने रहे और चुनावी वादों के कार्यान्वयन में कोई गति नहीं आई। उन्होंने कहा कि चुनावी गोष्ट पत्र के सुपर सिक्स का क्या हुआय़

उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू का जनता से किया गया चुनावी वादा झूठ का पुलिंदा है। चंद्रबाबू ने 100 दिनों तक धोखे से शासन किया। सुशासन वाले स्टीकर चिपकाने के लिए विज्ञापन दिए जा रहे हैं। जगन ने आरोप लगाए की स्वास्थ्य विभाग में उनके शासन काल में ले लाए सुधार को अनदेखी की गई उन्होंने कहा कि आरोग्य श्री, शुल्क प्रतिपूर्ति, गोरू मुद्दा, अम्मा ओडी का कोई कार्यान्वयन नहीं है... 108 और 104 के कर्मचारियों के लिए कोई वेतन नहीं है।

उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू के शासनकाल में किसान सड़क पर आ गये। उन्होंने कहा कि अभी तक केंद्र से कोई निवेश सहायता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि कृषि सलाहकार परिषदों को खत्म कर दिया गया है और हर किसी भी क्षेत्र में गिरावट आयी है। उन्होंने कहा कि वाईसीपी शासन के दौरान हर योजना की डोर डिलीवरी पारदर्शी तरीके से की गई।

कहा जा रहा है कि टीडीपी शासनकाल में अब जन्मभूमि योजनाओं के जरिए घरों में योजनाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने टिप्पणी की कि चोरी का मुकदमा दर्ज कर उन्हें अवैध मामलों में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ ध्यान भटकाने वाली राजनीति हो रही है।

जगन ने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है। कहा जाता है कि आलोचनाओं के बीच ध्यान भटकाने के लिए मुंबई की एक फिल्म अभिनेत्री को मैदान में लाया गया था। कहा जा रहा है कि चंद्रबाबू की बारिश और बाढ़ की समीक्षा नहीं करने के कारण विजयवाड़ा में 60 लोगों की जान चली गयी।

जगन ने आरोप लगाए कि सरकार की नाकामी से ध्यान भटकाने के लिए प्रकाशम बैराज को नावों से नष्ट करने की साजिश का नया कहानी चलन में लाने की कोशिश की गई लेकिन वहां भी विफल हुए। केंद्र सरकार ने बालाजी लड्डू की गुणवत्ता के मुद्दे को गंभीरता से लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से इस पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। दिल्ली में एक कार्यक्रम में नड्डा ने कहा, “मैंने उनसे (सीएम चंद्रबाबू) बात की। मैंने उनसे कहा कि उनके पास जो जानकारी है वह मुझे भेजें। केंद्र इस संबंध में राज्य को पूरा सहयोग करेगा। हम भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के नियमों के अनुसार कार्रवाई करेंगे। हमने अब तक एक रिपोर्ट मांगी है,।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / नागराज राव

छत्तीसगढ़ से गया जा रही बस मारकुंडी घाटी में पलटी, एक श्रद्धालु की मौत, 24घायल

Manju Thakur

सोनभद्र के मारकुंडी घाटी में श्रद्धालुओं से भरी पलटी बस


सोनभद्र, 20 सितंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ से 60 श्रद्धालुओं को लेकर प्रयागराज होते हुए गया तक जा रही बस सोनभद्र जिले के मारकुंडी घाटी में तेज रफ्तार के कारण अनियंत्रित होकर पलट गई, जिससे उसमें सवार 25 श्रद्धालु घायल हो गए, जिसमें से एक की मौत हो गई है। शेष घायलाें का इलाज चल रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र में हुए सड़क हादसे का संज्ञान लिया है। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत कार्य में तेजी लाने के लिए निर्देश दिया है इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।

एडीशनल एसपी कालू सिंह ने शुक्रवार को बताया की मारकुंडी घाटी में श्रद्धालुओं से भरी बस तेज रफ्तार के कारण अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसमें छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला के कोलेगांव निवासी चित्रा साहु पुत्र डोलूराम की मौत हो गई है। श्री सिंह ने बताया की छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला के कवर्धा व कोलेगांव के 60 श्रद्धालु बस पर सवार होकर प्रयागराज होते हुए गया के लिए निकले थे। बस आज सोनभद्र जिले के वैष्णो मंदिर डाला पर रूकी थी जहां पर बस के सभी स्टाफ व यात्रियों ने खाना खाया व उसके बाद सभी यात्री बस में बैठकर प्रयागराज के लिए निकल थे। शाम 04:30 बजे बस जैसे ही मारकुंडी घाटी पहुंची तभी एकाएक अनियंत्रित होकर पलट गई। बस पलटने पर सवारियों में अफरातफरी मच गई और लोगों की चीख पुकार शुरू हो गई। घटना की सुचना के बाद मौके पर राबर्ट्सगंज कोतवाल व एडीशनल एसपी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे और सभी घायलों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान कोलेगांव निवासी चित्रा साहु का मौत हो गई है शेष घायलों का इलाज चल रहा है। मृतक के परिजनों को सूचना दे दिया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / पीयूष त्रिपाठी

तिरूपति के प्रसाद में मांस की मिलावट सनातनियों के प्रति अपराध : देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज

Manju Thakur

देवकीनंदन महाराज


- यूएसए से वीडियो संदेश जारी कर देवकीनंदन महाराज ने जताया रोष, कहा- कितना चुप रहें !

- बोले, सरकार के संरक्षण में करोड़ों सनातनियों की आस्था से कैसे होता रहा खिलवाड़

मथुरा, 20 सितम्बर (हि.स.)। विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मांस युक्त घी की मिलावट की रिपोर्ट सामने आने पर धर्मगुरु देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने रोष जताया। उन्होने केंद्र सरकार और उच्चतम न्यायालय से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए इस कृत्य को करोड़ों सनातनियों की ‘आत्मा के वध’ करने जैसा बताया। उन्होंने सनातनियों से ऐसे मामलों में चुप नहीं रहने की अपील की है।

देवकीनंदन महाराज इस समय कथा प्रवचन के लिये यूएसए में दो माह के प्रवास पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर तिरूपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबर पर अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “तिरुपति बालाजी के प्रसाद में जिस तरीके की मिलावट की बातें हम लोगों को सुनाई पड़ रही हैं। यह बहुत दुखद है और आत्मा का वध करने जैसा है। आश्चर्य है कि आज भी आजाद देश में किसी प्रदेश की सरकार के संरक्षण में या उसकी देखरेख में कोई भी सनातियों की भावना से इतना बड़ा खिलवाड़ कर सकता है।

उन्होंने कहा कि तिरुपति बालाजी में पवित्रता का ध्यान रखा जाता है और हम सब ये जानते हैं लेकिन जिस तरीके की खबरें आ रही है वो ठीक नहीं है। अगर यह सच है तो निश्चित तौर पर हम सब सनातनियों के साथ बहुत बड़ा आघात हो रहा है। इसके पीछे कौन व्यक्ति हैं यह पता कर दण्डित किया जाना चाहिये ।

देवकीनंदन महाराज ने कहा कि हम सब सनातनियों को बार-बार कहा जाता है कि शांति रखें लेकिन कोई जूस में मूत्र मिला रहा है। कहीं भोजन में थूक मिल रहा है। प्रसाद में मिलावट मिल रही है। क्या सनातनियों को इसके बावजूद भी चुप होना चाहिए?

धर्मगुरु ने कहा कि संविधान में हमें देव पूजा पद्धिती का सम्मानित अधिकार दिया है लेकिन क्या संविधान में यह भी अनुमति मिली है कि हमारी पूजा पद्धति पर अधिकार प्रादेशिक सरकार का होगा या उस पर कमेटी बनाकर रखी जाए अथवा उसमें मिलावट होगी अथवा उसमें भी कुछ ऐसी चीज मिला दी जाएंगी जिससे सनातनियों का धर्म बर्बाद हो जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश

हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार

error: Content is protected !!