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पश्चिम बंगाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मौलाना महमूद मदनी ने किया स्वागत, कहा- न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा
नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कलकत्ता दंगों में अकारण पकड़े गए लोगों के लिए न्याय की लड़ाई जारी रखने की वचनबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि इस मामले में सीबीआई की सिफारिश पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने इन लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हमारे वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत प्राप्त की। हैरानी की बात है कि सीबीआई को फिर भी पश्चिम बंगाल की अदालत पर संदेह है।
मौलाना मदनी ने कहा कि न्याय व्यवस्था हर हाल में मजूबत होनी चाहिए, किसी भी न्यायालय का शासन यह नहीं है कि वह निर्दोष को फांसी के फंदे पर चढ़ा दे और इसे न्याय का नाम दिया जाए बल्कि अदालत की जीत तब होगी जब हरेन अधिकारी के असली हत्यारों को दंडित किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे देश की महानता इस बात में है कि हर व्यक्ति तक न्याय की पहुंच हो।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने के अनुरोध पर सीबीआई की कठोर शब्दों में आलोचना की है। न्यायालय ने याचिका में पश्चिम बंगाल की अदालतों पर लगाए गए निराधार आरोपों पर नाराजगी व्यक्त की। ज्ञात हो कि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से यह अपील की थी कि पश्चिम बंगाल की अदालतों में जारी 45 मामलों को राज्य से बाहर अन्य अदालतों में स्थानांतरित कर दिया जाए। इनमें उन 13 मुसलमानों का मामला भी है जिनको चुनाव के बाद हुई हिंसा का आरोपी बनाया गया था। उनका केस जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के निर्देश पर लड़ा जा रहा है और जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रयासों से इस साल 4 जनवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत स्वीकार कर ली थी।
ज्ञात हो कि है कि 02 मई 2021 को रात 8 बजे मृतक हरेन अधिकारी को राजनीतिक दुश्मनी के कारण बेरहमी से मारा-पीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई। बाद में पुलिस ने कुर्बान, यूनिस, हुमायूं, रकीब मुल्ला, उस्मान मुल्ला, मोइनुद्दीन, ममरीज मुल्ला, रेशमा मुल्ला, सुप्रिया बीबी, सिराजुल, सैफुल काजी, दाऊद अली मुल्ला समेत 17 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इनमें कुछ आरोपियों ने अग्रिम जमानत ले ली थी। 25 जून, 2022 को कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई की सिफारिश पर बरुईपुर जिला मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा दी गई अग्रिम जमानत को रद्द कर दिया था, जिसके बाद आरोपी के लिए राहत की उम्मीद खत्म हो गई थी। हालांकि यह दंगा दो राजनीतिक दलों बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक दुश्मनी का नतीजा था, लेकिन सांप्रदायिक तत्वों ने इसे हिंदू-मुस्लिम रंग देकर न सिर्फ इलाके में नफरत का माहौल बनाने की कोशिश की, बल्कि इसके परिणामस्वरूप निर्दोष गरीब मुस्लिम युवकों को एकतरफा गिरफ्तार कर लिया गया।
इन गरीब आरोपितों के परिजनों के अनुरोध पर, जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद महमूद असद मदनी के निर्देश पर नियुक्त किए गए वकीलों ने नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका नंबर 10830-10834/2022 दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने पहली सुनवाई में ही आरोपियों के अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी थी कि सीबीआई उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी लेकिन आवश्यकता पड़ने पर पूछताछ के लिए तलब करेगी। अंततः 4 जनवरी 2024 को अपने अंतिम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की स्थाई जमानत स्वीकार कर ली। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जमीअत उलमा-ए-हिंद से वकील सैयद मेहदी इमाम और वकील मुहम्मद नूरुल्लाह पैरवी कर रहे हैं जबकि जमीअत उलमा-ए-हिंद के केंद्रीय कार्यालय से एडवोकेट नियाज अहमद फारूकी कानूनी निगरानी कर रहे हैं और राज्य जमीअत उलमा पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष मौलाना सिद्दीकुल्ला चौधरी और सचिव मुफ्ती अब्दुस्सलाम कासमी पीड़ितों के संपर्क में हैं।
इस बीच, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी कि इस केस को भी राज्य से बाहर स्थानांतरित करने का आदेश दिया जाए। इस संबंध में अपने तर्क में सीबीआई ने एक आश्चर्यजनक बात यह कही कि पश्चिम बंगाल की अदालतें न्याय नहीं करतीं और वहां अदालतें द्वेष और भेदभाव के आधार पर फैसले कर रही हैं। कोर्ट के खिलाफ इस प्रकार की टिप्पणी सुनकर घोर नाराजगी व्यक्त करते हुए जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस पंकज मित्तल पर आधारित पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू को संबोधित करते हुए कहा, मिस्टर राजू, यह सब किस तरह की बातें हैं कि पश्चिम बंगाल की सभी अदालतों का रवैया भेदभावपूर्ण है? यानी आपने दावा कर रहे हैं कि अदालतें गैरकानूनी तरीके से जमानत दे रही हैं। यह पूरी न्यायिक प्रणाली पर संदेह पैदा करने के समान है।
एसवी राजू ने माना कि याचिका में खामी है, इसलिए इसमें संशोधन की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने साफ कहा कि यह याचिका खारिज की जाती है और केवल स्वीकारोक्ति से काम नहीं चलेगा, बल्कि लिखित माफी मांगनी होगी। जस्टिस ओका ने कहा कि आपके अधिकारियों को किसी न्यायिक अधिकारी या किसी राज्य के प्रति व्यक्तिगत द्वेष हो सकता है लेकिन यह कहना कि पूरी न्यायपालिका बेईमान है, बहुत अपमानजनक बात है। जिला जज और सिविल जज यहां आकर अपना बचाव नहीं कर सकते।
हिन्दुस्थान समाचार/ मोहम्मद शहजाद
हिन्दुस्थान समाचार / मोहम्मद शहजाद
(अपडेट) बडगाम में बीएसएफ जवानों की बस खाई में गिरी, तीन जवानों की मौत
बडगाम 20 सितंबर (हि.स.)। मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के वाटरहेल इलाके के पास ब्रेल गांव में शुक्रवार को हुए सड़क हादसे में बीएसएफ के तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि अन्य घायल हो गए।
पुलिस के अनुसार 29 बीएसएफ जवानों को ले जा रही एक बस के चालक ने बडगाम के ब्रेल गांव में नियंत्रण खो दिया और बस सड़क से फिसलकर खाई में गिर गई। इस हादसे में बीएसएफ के एक जवान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 28 अन्य घायल हो गए। सभी घायलों को स्थानीय लोगों और पुलिस बचाव दल ने नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। उपचार के दौरान दो घायल जवानों ने दम तोड़ दिया। अन्य घायल जवानों का उपचार अस्पताल में जारी है।
हिन्दुस्थान समाचार/बलवान
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह
स्वास्थ्य और स्वाद दोनों से मिलकर बनता है आयुष आहारः प्रतापराव जाधव
नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रताप राव जाधव ने कहा कि स्वास्थ्य और स्वाद दोनों से मिलकर बना है आयुष आहार। शुक्रवार को वर्ल्ड फूड इंडिया में लगी आयुष प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान प्रताप राव जाधव ने कहा कि विभिन्न गतिविधियों और आयुष उत्पादों का निरीक्षण किया गया। जाधव ने कहा कि आयुष आहार खाने से स्वास्थ्य सही रहने के साथ-साथ आयु में भी वृद्धि होती है। आयुष मंत्रालय द्वारा लगाई गई इस प्रदर्शनी में विभिन्न आयुर्वेद आहार की विभिन्न रेसिपीज़ को प्रदर्शित किया गया है ताकि लोग आसानी से अपने घर में आयुष आहार बना सकें। ऐसा करके हम स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे।
आयुष मंत्री ने यह भी कहा कि मंत्रालय आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थों के लिए मानकीकृत दिशानिर्देश विकसित करने और वैश्विक बाजारों में आयुर्वेद आहार को लोकप्रिय बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय नियामक निकायों के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के पास स्थायी और निवारक स्वास्थ्य समाधानों की पेशकश कर वैश्विक खाद्य परिदृश्य को बदलने की क्षमता है। हम इस क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आयुष मंत्री ने कहा कि आयुष मंत्रालय के पवेलियन में प्रदर्शित उत्पाद पारंपरिक ज्ञान को समकालीन खाद्य समाधानों के साथ जोड़ते हैं, जिससे इनकी वैश्विक मांग में वृद्धि हो रही है। भारतीय आयुर्वेद-प्रेरित खाद्य परंपराओं की प्रासंगिकता और उनकी आधुनिक वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में भूमिका पर जोर दिया। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री ने आधुनिक जीवनशैली के संदर्भ में आयुर्वेद को मुख्यधारा के पोषण और स्वास्थ्य में शामिल करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
जाधव ने कहा कि वर्ल्ड फूड इंडिया भोजन से जुड़े प्राचीन ज्ञान को वैश्विक मंच पर लाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। उल्लेखनीय है कि आयुष मंत्रालय ने प्रगति मैदान में 19 से 22 सितंबर तक आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 के दौरान अपने पवेलियन में आयुर्वेद आधारित आहार और भारतीय पारंपरिक चिकित्सा से जुड़े विभिन्न खाद्य उत्पादों का प्रदर्शन कर वैश्विक दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी
जेपी नड्डा ने भगवंत मान को दी नसीहत, कहा- अस्पतालों का बकाया जल्द चुकाएं
नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। पंजाब में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना के तहत विभिन्न उपचारों के लिए कई अस्पतालों में 600 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। इसके कारण निजी अस्पतालों ने इस कार्यक्रम के तहत लोगों का इलाज करना बंद कर दिया है। इसका संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को नसीहत देते हुए अस्पतालों का बकाया जल्द से जल्द चुकाने का आग्रह किया है। उन्होंने नसीहत दी कि दिल्ली में पार्टी इकाई की जय-जयकार करने की बजाय मुख्यमंत्री राज्य की खराब होती स्थिति पर ध्यान दें।
शुक्रवार को सोशल मीडिया पर इस आशय का संदेश साझा करते हुए जेपी नड्डा ने भगवंत मान से आग्रह किया कि वे अस्पतालों का बकाया जल्द से जल्द चुकाएं, क्योंकि ऐसे कई परिवार हैं, खासकर हमारे मेहनती किसान, जो आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में पार्टी इकाई की जय-जयकार करने की बजाय सीएम भगवंत मान को पंजाब की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना उचित रहेगा।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि सार्वजनिक और निजी दोनों अस्पतालों की कुल लंबित राशि 364 करोड़ रुपये है। बलबीर सिंह ने कहा कि लंबित भुगतानों के ब्योरे से पता चलता है कि सार्वजनिक अस्पतालों पर 166.67 करोड़ रुपये और निजी अस्पतालों के 197 करोड़ रुपये बकाया है। निजी अस्पतालों ने 600 करोड़ रुपये के बकाये का दावा किया है, जिसे मंत्री ने ‘झूठा और भ्रामक’ करार दिया। इस विवाद के चलते कई निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इलाज बंद कर दिया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी
खाद्य नियामकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्णः जेपी नड्डा
नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित विश्व खाद्य भारत कार्यक्रम के साथ-साथ एफएसएसएआई द्वारा आयोजित वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने फूड इंपोर्ट रिजेक्शन अलर्ट (एफआईआरए) पोर्टल और फूड इंपोर्ट क्लीयरेंस सिस्टम 2.0 के लिए नई वेबसाइट लॉन्च की।
भारत मंंडपम में चल रहे वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन में जेपी नड्डा ने कहा कि फूड इंपोर्ट क्लीयरेंस सिस्टम 2.0 के लिए नई वेबसाइट तेज प्रसंस्करण और अधिक पारदर्शिता के लिए फूड इंपोर्ट क्लीयरेंस सिस्टम का एक उन्नत संस्करण है, दोनों ही स्थिति भारत की वैश्विक खाद्य सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य नियामकों की भूमिका कभी भी इतनी महत्वपूर्ण नहीं रही है और यह निरंतर सहयोग, निरंतर नवाचार और खाद्य सुरक्षा प्रणालियों में निरंतर सुधार के प्रति प्रतिबद्धता की मांग करती है।
उन्होंने एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ के एक श्लोक को उद्धृत करते हुए कहा कि जब भोजन शुद्ध होता है, तो मन शुद्ध हो जाता है। जब मन शुद्ध होता है तो स्मृति स्थिर हो जाती है। जब स्मृति स्थिर होती है तो हृदय की सभी गांठें (अज्ञान, संदेह, आसक्ति) खुल जाती हैं और व्यक्ति सभी विकारों से मुक्ति प्राप्त कर लेता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ऐसे समय में खाद्य नियामकों के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया जब दुनिया खाद्य जनित बीमारियों, न्यूट्रास्युटिकल सुरक्षा, नवीन खाद्य पदार्थों और सूक्ष्म प्लास्टिक जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है जबकि सभी स्थिरता के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य नियामकों की भूमिका कभी भी इतनी महत्वपूर्ण नहीं रही है। यह निरंतर सहयोग, निरंतर नवाचार और खाद्य सुरक्षा प्रणालियों में निरंतर सुधार के प्रति प्रतिबद्धता की मांग करती है।
नड्डा ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को ध्यान में रखते हुए मानक विकसित करने, खाद्य उत्पादन प्रक्रियाओं को विकसित करने और उपभोग पैटर्न को बदलने में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ एफएसएसएआई द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा 18 मार्च, 2023 को ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन में लॉन्च किया गया बाजरा मानकों का विकास एक उल्लेखनीय उपलब्धि थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी
बडगाम में बीएसएफ जवानों की बस खाई में गिरी, 28 घायल, एक की मौत
बडगाम, 20 सितंबर (हि.स.)। मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के वाटरहेल इलाके के पास ब्रेल गांव में शुक्रवार को हुए सड़क हादसे में बीएसएफ के एक जवान की मौत हो गई, जबकि 28 अन्य घायल हो गए।
पुलिस के अनुसार बीएसएफ जवानों को ले जा रही एक बस के चालक ने बडगाम के ब्रेल गांव में नियंत्रण खो दिया और बस सड़क से फिसलकर खाई में गिर गई। इस हादसे में बीएसएफ के एक जवान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 28 अन्य घायल हो गए है। इस बीच स्थानीय लोग और पुलिस बचाव दल घायल बीएसएफ जवानों को निकालने के लिए मौके पर पहुंचे और उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। खबर लिखे जाने तक बचाव अभियान जारी था।
हिन्दुस्थान समाचार/बलवान
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह
इस्पात मंत्रालय ने राष्ट्रीय धातु विज्ञानी पुरस्कार के लिए आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तिथि बढ़ाई
नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय धातु विज्ञानी पुरस्कार के लिए आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 17 अक्टूबर 2024 कर दी गई है। शुक्रवार काे इस्पात
मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक इस्पात मंत्रालय, धातु विज्ञान से जुड़े संचालन, अनुसंधान और विकास, अपशिष्ट प्रबंधन और ऊर्जा संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान करने वालाें काे सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय धातु विज्ञानी पुरस्कार प्रदान करता है।
इसके तहत लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, राष्ट्रीय धातु विज्ञानी पुरस्कार, पर्यावरण एवं धातु विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाले युवा काे युवा धातु विज्ञानी पुरस्कार एवं
धातु विज्ञान लौह एवं इस्पात क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए पुरस्कार दिए जाते हें। इस क्रम में राष्ट्रीय धातु विज्ञानी पुरस्कार 2024 के लिए उद्योग जगत, अनुसंधान तथा शैक्षणिक वर्ग से व्यक्तिगत रूप में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
मंत्रालय के मुताबिक इस पुरस्कार के लिए आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 17 अक्टूबर 2024 कर दी गई है। राष्ट्रीय धातु विज्ञानी पुरस्कार से जुड़े योग्यता मापदंड तथा अन्य शर्तों से जुड़े दिशा-निर्देश https://awards.steel.gov.in पर उपलब्ध हैं। इस योजना के अंतर्गत केवल भारतीय नागरिक ही आवेदन कर सकते हैं, जो धातु विज्ञान के क्षेत्र में भारत में औद्योगिक, अनुसंधान और विकास और शैक्षणिक कार्यों में योगदान कर रहे हैं। उम्मीदवारों की पात्रता पर 01 जनवरी, 2024 से विचार किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिरंचि सिंह
आईपी यूनिवर्सिटी के बीए बीएड प्रोग्राम की ऑफलाइन काउंसलिंग 23 सितंबर को
नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के बीए बीएड प्रोग्राम की ऑफलाइन काउंसलिंग 23 सितंबर को द्वारका कैम्पस में आयोजित की जाएगी। काउंसलिंग के दिन ही दस्तावेज सत्यापन के बाद रैंक के अनुसार सीटों का आवंटन भी कर दिया जाएगा।
यूनिवर्सिटी की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि इस प्रोग्राम की काउंसलिंग में वह उम्मीदवार भाग ले सकते हैं, जिन्होंने इस प्रोग्राम से संबद्ध एनसीईटी 2024 परीक्षा उत्तीर्ण की है और इस प्रोग्राम में दाख़िले के लिए आवेदन शुल्क ऑनलाइन जमा किया है।
काउंसलिंग के लिए आवेदक को यूनिवर्सिटी के कुलसचिव के पक्ष में निर्गत 97 हजार रुपये का बैंक ड्राफ़्ट, प्रवेश परीक्षा का एडमिट कार्ड, रैंक कार्ड और चार पासपोर्ट आकार के फ़ोटो लाना आवश्यक है।
यह प्रोग्राम यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ एजुकेशन में उपलब्ध हैं, जिसमें 50 सीटें उपलब्ध हैं।
इस प्रोग्राम के महत्व को रेखांकित करते हुए यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ एजुकेशन के कार्यवाहक डीन प्रो. विवेक सचदेवा ने बताया कि चार-वर्षीय यह प्रोग्राम स्कूली शिक्षा की ज़रूरतों को ध्यान में रख कर डिज़ाइन किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार
स्वास्थ्य मंत्रालय ने गिनाईं 100 दिन की उपलब्धियां, आयुष्मान भारत योजना को बताया विश्व का सबसे बड़ा सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम
नई दिल्ली, 20 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा केन्द्र सरकार के पहले 100 दिनों में हासिल की गई स्वास्थ्य मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाईं।
शुक्रवार को राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता में जेपी नड्डा ने कहा कि आयुष्मान भारत दुनिया का सबसे बड़ा सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित स्वास्थ्य कवरेज कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में देश के सभी 70 वर्ष के ऊपर के लोगों को शामिल कर लिया गया है। वह भी अब सालाना 5 लाख रुपये तक का इलाज करवा सकेंगे। इस योजना को अगले महीने लॉन्च किया जाएगा। इस योजना में 11.7 प्रतिशत का विस्तार हुआ है। इस योजना के तहत 12.37 करोड़ परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। इस योजना में अब 6 करोड़ लोग और जुड़ जाएंगे।
जेपी नड्डा ने बताया कि सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं और जन्म से 17 वर्ष तक के बच्चों के संपूर्ण टीकाकरण रिकॉर्ड के लिए टीकाकरण सेवाओं के पूर्ण डिजिटलीकरण के लिए यू-विन पोर्टल विकसित किया गया है। इस पोर्टल में पंजीकृत होने के बाद बच्चे के टीकाकरण के सभी रिकॉर्ड इसमें शामिल होंगे। इस पोर्टल को भी अक्टूबर में लॉन्च किया जाएगा।
ड्रोन सेवाओं के बारे में जे पी नड्डा ने बताया कि सरकार ने नमूनों के समय पर संग्रह और चिकित्सा आपूर्ति और रिपोर्ट की डिलीवरी के लिए विशेष रूप से कठिन इलाकों में इस सेवा को परिधीय संस्थानों से जोड़ने के उद्देश्य से एम्स, आईएनआई और उत्तर पूर्वी संस्थानों में ड्रोन सेवाएं शुरू की हैं। यह सेवा 25 किलोमीटर के दायरे में उपयोग में लाई जा सकेगी। मौजूदा समय में भुवनेश्वर, रायपुर और जमशेदपुर जेसे कई एम्स ड्रोन सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों संख्या में 98 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2013-14 में मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 से बढ़कर 2024-25 में 766 हो गई है । इसी तरह एमबीबीएस सीटों में 125 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2013-14 में 51,348 सीटें हुआ करती थीं, जो बढ़कर 2024-25 में 11,5812 सीटें हो गईं। पीजी सीटों की संख्या में भी 127 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2013-14 से 39,460 से बढ़कर 2024-25 में 73,111 सीटें हो गई हैं।
नड्डा ने बताया कि इसी तरह हमने भीष्म क्यूब्स को भी अपनाया है, जो पोर्टेबल चिकित्सा इकाइयां हैं। इन्हें आपदा प्रभावित क्षेत्रों और संघर्ष क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आपदा एवं स्वास्थ्य आपात स्थिति के मामले में संबंधित क्षेत्र में तेजी से तैनाती के लिए भीष्म क्यूब्स को 25 एम्स और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में रखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के परामर्श से अगले साल की शुरुआत में नई टीबी उपचार व्यवस्था की शुरुआत के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों के लॉजिस्टिक्स और प्रशिक्षण के लिए एक विस्तृत रोलआउट योजना तैयार कर रहा है। खाद्य आयात अस्वीकृति चेतावनी (एफआईआरए) पोर्टल खाद्य सुरक्षा मानकों को बनाए रखने पर केंद्रित है। यदि बंदरगाहों पर आने वाली कोई खेप इन मानकों को पूरा करने में विफल रहती है, तो विश्व स्तर पर एक अलर्ट जारी किया जाएगा, जो दर्शाता है कि खेप को अस्वीकार कर दिया गया है। इसके साथ स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को मुफ्त लाइसेंस, प्रमाणन और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण प्रमाणन कार्यक्रम शुरू किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी
रक्षा मंत्री ने ओपन वाटर तैराकी अभियान का ध्वज हासिल किया
- अभियान के दौरान तैराकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा- तीनों सेनाओं के 11 कर्मियों ने सभी 21 द्वीपों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया
नई दिल्ली, 20 सितम्बर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखे गए अंडमान एवं निकोबार के 21 द्वीपों के लिए अपनी तरह के पहले खुले जल में तैराकी अभियान का ध्वज शुक्रवार को नई दिल्ली में हासिल किया। इस अभियान के दौरान 21 वीरता पुरस्कार विजेताओं के बलिदान को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। राजनाथ सिंह ने अभियान के दौरान अनेक चुनौतियों पर विजय पाने तथा परमवीरों की वीरता और बलिदान की कहानियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए टीम की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर अंडमान और निकोबार के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नाम परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखा था। तीनों सेनाओं के अंडमान और निकोबार कमांड ने ‘अभियान परमवीर’ शुरू किया, जिसमें भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय तटरक्षक बल के कर्मियों की एक टीम ने सभी 21 द्वीपों की यात्रा करके प्रत्येक द्वीप पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। 11 सदस्यीय अभियान दल का नेतृत्व ओपन वॉटर तैराक और तेनजिंग नॉर्वे नेशनल एडवेंचर अवार्डी विंग कमांडर परमवीर सिंह ने किया।
विश्व जल दिवस पर 22 मार्च को श्री विजयपुरम से नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप तक के अभियान को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाई गई थी। सेना और तटरक्षक बल के 11 कर्मियों ने पांच महीनों तक 300 किलोमीटर से अधिक की ‘बिना सहायता के खुले जल में तैराकी’ की और प्रत्येक द्वीप पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। अभियान का समापन 15 अगस्त को 78वें स्वतंत्रता दिवस पर हुआ। नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप से श्री विजयपुरम तक
अंतिम तैराकी सशस्त्र बलों और तटरक्षक बल के 78 कर्मियों ने की। सभी तैराकों ने ‘बिना सहायता वाले खुले पानी में तैराकी’ की श्रेणी के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों और विनियमों के अनुसार अभियान चलाया, जिसके अनुसार तैराकों को केवल स्विम ट्रंक, गॉगल्स और कैप ही पहनने चाहिए।
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने टीम के साहस और क्षमता की सराहना की, जिसने समुद्र में कई चुनौतियों को पार करते हुए परम वीरों की वीरता और बलिदान की कहानियों को लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह अभियान सरकार के प्रयासों के अनुरूप है, ताकि राष्ट्र की सेवा में खुद को बलिदान करने वाले हमारे सैनिकों के वीरतापूर्ण कार्यों के बारे में लोगों, खासकर युवाओं को पता चल सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि सशस्त्र बलों के जवान देश को गौरवान्वित करके युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।
अभियान के दौरान तैराकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें गंभीर थकावट और अशांत समुद्री परिस्थितियां शामिल थीं। क्षेत्र में कई बार घातक समुद्री जीवों से सामना हुआ। पूरा अभियान बिना किसी दुर्घटना के पूरा होना शानदार उपलब्धि रहा, क्योंकि भाग लेने वाले अधिकांश सैन्य कर्मचारी पहली बार खुले समुद्र में तैराकी कर रहे थे। इस कार्यक्रम के दौरान अभियान दल ने रक्षा मंत्री को अभियान ध्वज सौंपा। ध्वज-समारोह के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, अंडमान और निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ एयर मार्शल साजू बालाकृष्णन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम