चिटफंड कंपनी परिवार डेयरीज के चेयरमैन को 3 वर्ष की सजा एवं 56 हजार रुपए जुर्माना

Post by: Rohit Nage

High Court put stay on DRT order

इटारसी। प्रथम अपर सेशन न्यायाधीश इटारसी (First Additional Sessions Judge Itarsi) हर्ष भदौरिया (Harsh Bhadauria) की अदालत ने ग्वालियर (Gwalior) निवासी बसंतलाल शर्मा (Basantlal Sharma) पिता मंगल राम शर्मा (Mangal Ram Sharma) उम्र 65 वर्ष को धारा 406, 420 भारतीय दंड विधान (Indian Penal Code) एवं मध्य प्रदेश निक्षेपकों का संरक्षण अधिनियम 2000 (Madhya Pradesh Depositors Protection Act 2000) की धारा 3(4) एवं धारा 6 में दोषी पाते हुए आरोपी को सभी धाराओं में क्रमश: तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई है और 56 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला (Additional Public Prosecutor Rajeev Shukla) ने बताया कि फरियादी राधेश्याम मालवीय (Radheshyam Malviya) एवं अन्य लोगों ने थाना प्रभारी इटारसी (Police Station Incharge Itarsi) को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि चिटफंड कंपनी परिवार डेयरी एवं एलाइड लिमिटेड (Chitfund Company Family Dairy and Allied Limited) के इटारसी में पांचवी लाइन में सुंदर लाल सोनी (Sunderlal Soni) के मकान के सैकंड फ्लोर पर स्थित आफिस में चेयर मैन/डारेक्टर होते हुए कंपनी के पंजीकृत आफिस में 4544 निवेशकों से शुद्ध उत्पाद के नाम पर एफडी एवं आरडी के माध्यम से एडवांस अग्रिम राशि जमा कराकर जनता की गाढ़ी कमाई 3,16,17,651 रुपये झूठे वादे एवं झूठे प्रलोभन देकर विभिन्न संपत्ति संबधी योजनाओं के प्लान जारी करके वित्तीय व्यवसाय किया जाकर आरोपी ने राशि जमा करवा ली थी। परिपक्वता अवधि समाप्त होने पर भी उन लोगों को निवेश की हुई राशि वापस नहीं की थी एवं इटारसी का आफिस बंद कर दिया था।

ऊक्त निवेशकों से कंपनी ने धोखाधड़ी कर मध्य प्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 का उल्लंघन किया गया था। इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसके आधार पर कंपनी के सभी चेयरमेन की खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस केस का विचारण प्रथम सेशन न्यायाधीश इटारसी ने 16 दिसंबर 21 से शुरू किया था। इस केस में अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाले एजीपी राजीव शुक्ला ने 16 गवाही पेश की थी। न्यायालय ने आरोपी को सभी धाराओं में दोषी पाते हुए सजा से दंडित किया है। आरोपी बसंतलाल शर्मा इस केस में पूर्व से जमानत पर था। उसे सजा एवं जुर्माने से दण्डित किया जाकर एक माह तक के लिए जमानत पर रिहा किया गया है। सजा के समय आरोपी कोर्ट में हाजिर था।

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