शुक्रवार, जुलाई 5, 2024

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नगर को बाढ़ से बचाने युद्धस्तर पर हो रही नाले-नालियों की सफाई

इटारसी। बारिश में शहर की सड़कों और गलियों में जलजमाव की स्थिति न बने, इसके लिए नगर पालिका का स्वास्थ्य अमला निरंतर शहर के नाले-नालियों और शहर के आसपास से गुजरने वाले बड़े पहाड़ी नदी-नालों की सफाई कर रहा है। इसी के तहत आज बाजार में गुरुद्वारा रोड (Gurudwara Road) और न्यास कालोनी (Nyas Colony) के नालों की सफाई की गई है।

बारिश के मौसम में पानी की निकासी आसान हो सके, इसके लिए नगर पालिका के सफाई अमले ने शहर के बड़े नाले और नालियों की सफाई प्रारंभ कर दी है। विगत एक पखवाड़े से शहर के उन नाले-नालियों पर जेसीबी और सफाई कर्मचारियों की गैंग से सफाई करायी जा रही है, जो बारिश के वक्त नगर की सड़कों, गलियों में जलभराव का कारण बनते हैं।

गौरतलब है कि नगर पालिका का स्वच्छता विभाग विगत एक पखवाड़े से भी अधिक समय से नाले और नालियों की सफाई करा रहा है। पहले चरण में बड़े नालों की सफाई करायी गई है, जो सतपुड़ा पर्वत श्रंखला से होकर शहर में आते हैं। ये दो बड़े नाले हैं, इनमें पहला सीपीई के भीतर से होकर आता है तो दूसरा तरोंदा गांव से होकर नयायार्ड के पास मुक्तिधाम से शहर के किनारे होकर मेहरागांव से बूढ़ी माता के पास निकलता है, जो नदी मोहल्ला मालवीयगंज में बाढ़ का कारण बनता है।

सीपीई (CPE) के पास से नाला हाउसिंग बोर्ड कालोनी (Housing Board Colony) के पीछे से पुरानी इटारसी (Old Itarsi) होकर अवाम नगर, पीपल मोहल्ला होकर न्यास कालोनी के पास से सोनासांवरी गांव के पास निकलता है। इससे अवाम नगर, पुरानी इटारसी, पीपल मोहल्ला आदि क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनती है। नगर पालिका ने इन नालों की सफाई और गहरीकरण कराया है। हालांकि इन नालों पर अतिक्रमण होने के कारण नगर पालिका का हर वर्ष यह प्रयास अपेक्षाकृत सफल नहीं हो पाता है।

यहां भी होती है नालों की सफाई

बारह बंगला से ठंडी पुलिया होकर नाला मोहल्ला को दो भागों में विभाजित करने वाला बड़ा नाला, यादव भवन के पीछे, सिविल अस्पताल के पास वाला नाला। ये ऐसे नाले हैं जो बारिश का पानी शहर से बाहर बहाकर ले जाते हैं। इसके अलावा वार्डों के भीतर, बाजार क्षेत्र, दुकानों के सामने की सफाई करायी जाती है ताकि उनमें भर चुका कचरा निकाला जा सके। भीतरी हिस्सों की नालियों में डिस्पोजेबल, पॉलिथिन और ऐसी कई चीजें मिल रही हैं, जो शहर की निकास व्यवस्था को बिगाड़ती हैं। इनकी सफाई के बाद बारिश का पानी अधिक देर सड़कों पर नहीं थमता है और तेजी से बड़े नालों तक पहुंचता और वहां से शहर के बाहर हो जाता है।

इनका कहना है….

  • हर वर्ष नाले-नालियों की सफाई बारिश से पूर्व की जाती है। हम देख रहे हैं कि बाजार क्षेत्र में नालियों से बड़ी मात्रा में डिस्पोजेबल, पॉलिथिन आदि निकल रहे हैं जो नालियों को जाम कर देते हैं। हमारा नागरिकों और दुकानदारों से आग्रह है कि सफाई व्यवस्था में सहयोग करें, यह शहर उनका भी है।
    • पंकज चौरे, अध्यक्ष नगर पालिका
  • बरसात के पूर्व नालों की सफाई विशेष सफाई अभियान चला कर नालों की सफाई की जा रही है, आज गुरुद्वारा रोड की नाली व न्यास कालोनी के नालों की सफाई की गई। नागरिकों से अनुरोध है कि सफाई व्यवस्था बनाये रखने में मदद करें, कचरा वाहनों में ही कचरा दें, नालियों और खुले में कचरा न डालें।
    • राकेश जाधव, सभापति स्वास्थ्य समिति
  • प्रशासन सफाई व्यवस्था के लिए अपने संसाधनों से निरंतर प्रयास करता है, लेकिन बिना नागरिकों के सहयोग के कोई भी व्यवस्था संभव नहीं हो पाती है। नालियों में डिस्पोजेबल और पॉलिथिन के कारण ये नालियां जाम हो गयी थीं और बारिश में देर तक सड़कों पर पानी रहता है, नागरिक नालियों में ये चीजें न डालें।
    • हेमेश्वरी पटले, सीएमओ
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