रविवार, सितम्बर 8, 2024

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आये परीक्षा परिणाम, प्रदीप और साक्षी ने किया गौरवान्वित

डीएसपी और नायब तहसीलदार बहनों का भाई जिले में टॉपर

इटारसी। शहर के नालंदा पब्लिक स्कूल (Nalanda Public School) के छात्र प्रदीप पिता रूपसिंह कौरव और शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला की छात्रा साक्षी गूजर ने हायर सेकेण्डरी स्कूल परीक्षा (Higher Secondary School Examination) में जिले की प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त किया है। प्रदीप के पिता रूपसिंह कौरव ने लॉ (Law) किया है, लेकिन वे पिछले तीन दशक से सब्जी मंडी में किराना दुकान का संचालन करते हैं और सरस्वती शिक्षा समिति इटारसी (Saraswati Shiksha Samiti Itarsi) के सचिव पद पर पिछले छह वर्षों से दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
प्रदीप की दो बहनों ने भी मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board of Secondary Education) की दसवी की परीक्षा में जिले में टॉप किया था। एक ही परिवार से तीन लोगों ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में टॉप किया है। तीसरी बहन रचना भी बीएससी (BSc) के साथ ही पीएससी (PSC) की तैयारी कर रही हैं।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer) बनना है सपना

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प्रदीप कौरव जेईई (JEE) के लिए तैयारी कर रहे हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना उनका सपना है। उन्होंने कक्षा बारहवी और जेईई की तैयारी एकसाथ की है। अपनी तैयारी के विषय में उन्होंने कहा कि कई घंटे पढऩा जरूरी नहीं होता, जरूरी होता है कि आप अपनी पढ़ाई पर कितना केन्द्रित होकर काम कर रहे हैं।

दो बहन शासकीय सेवा में

प्रदीप से पहले उनकी बड़ी बहन राजेश्वरी कौरव ने कक्षा दसवीं में 2010 में और रिचा कौरव ने 2012 में कक्षा दसवीं में जिले में टॉप किया था। राजेश्वरी नरसिंहपुर गाडरवारा (Narsinghpur Gadarwara) में डीएसपी (DSP) हैं रिचा कौरव नायब तहसीलदार। प्रदीप ने 12 वीं की परीक्षा में 500-479 जिले की मेरिट (Merit) में तीसरा स्थान प्राप्त किया।

 

साक्षी का सपना एजुकेशन में जाना

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जिले की मैरिट लिस्ट में कॉमर्स विषय में द्वितीय स्थान पर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला की छात्रा साक्षी गूजर रही हैं। मूलत: चौराहेट बाबई की रहने वाली साक्षी वहां स्कूल नहीं होने के कारण इटारसी में अपने बड़े मम्मी पापा के पास इटारसी रह रही थी और यहां  स्कूल में पढ़ रही थीं। जिले की मैरिट लिस्ट में आने पर स्कूल के प्राचार्य अखिलेश शुक्ल ने वीडियो कॉलिंग करके उनको बधाई दी। नर्मदांचल डॉट काम से बात करते हुए साक्षी ने कहा कि वह शिक्षा विभाग में जाना चाहती हैं, उनकी इच्छा है कि वे प्रिंसिपल बनें और स्कूल में शिक्षा के साथ अनुशासन का भी पाठ पढ़ायें। उनको पढऩा और पढ़ाना पसंद है। उनका कहना है कि उनको इससे ज्यादा की उम्मीद थी, उन्होंने बुक्स से तैयारी की, हर चैप्टर को अच्छे से याद किया, केवल दो तीन माह ही कोचिंग की। किसान परिवार की बेटी साक्षी ने इस सफलता का श्रेय अपने पापा-मम्मी, बड़े-पापा, बड़ी मम्मी और स्कूल के टीचर्स को दिया जिन्होंने उनको मोटीवेट किया है।

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