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अल्पविराम : स्वीकारिता, सुधार और सृजन की प्रक्रिया

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इटारसी। राज्य आनंद संस्थान (Rajya Anand Sansthan) द्वारा यहां एक दिवसीय अल्पविराम कार्यशाला में इटारसी (Itarsi) की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं उपस्थित थीं। राज्य आनंद संस्थान के मास्टर ट्रेनर गणेश कनाडे (Ganesh Kanade) ने आनंद सहयोगियों के परिचय देने के बाद उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने अपना परिचय दिया और किस चीज से उन्हें आनंद मिलता है, इसके बारे में व्यक्त किया।

राज्य आनंद संस्थान के उद्देश्यों को बताते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। मास्टर ट्रेनर सुमन सिंह (Suman Singh) ने जीवन के लेखा जोखा का सत्र लिया जिसमें उन्होंने लोगों को खुद से जोडऩे हेतु चार प्रश्नों के माध्यम से हम कैसे जीवन की आपाधापी में जीने का उद्देश्य ही भूल जाते हैं, और जीवन की इस यात्रा में अल्प विराम लेकर कैसे यात्रा में बीच में रुककर इस आनंद को महसूस किया जा सकता है, इस पर बात रखी।

मास्टर ट्रेनर गणेश कनाडे ने रिश्तों का सत्र लेते हुए जीवन में व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में किन बातों से हमारा रिश्ता बनता है और किन बातों से रिश्ता टूटता है जो हमको आनंद की अनुभूति से वंचित कर देते हैं, कुछ प्रश्नों के माध्यम से समझाया। कार्यशाला में महिला बाल विकास की परियोजना अधिकारी दीप्ति शुक्ला (Deepti Shukla) ने सभी को इस कार्यक्रम में शामिल होने प्रेरित किया। सहयोगी राजेंद्र कुशवाह (Rajendra Kushwaha), वैंकेट चिमानिया (Venket Chimania), राजेश मालवीय (Rajesh Malviya), दीपक मालवीय (Deepak Malviya) का सराहनीय योगदान रहा। किसी की मुस्कुराहटों पर हो निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार के गाने के साथ समापन किया।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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