इटारसी। पशुपालन मंत्री प्रेमशंकर पटेल (Premshankar Patel) ने शनिवार को पशु प्रजनन प्रक्षेत्र कीरतपुर (Animal Breeding Farm Kiratpur) में नेशनल कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर (National Kamdhenu Breeding Centre) की नवीन निर्मित गाय शेड एवं भैंसों के शेडों का लोकार्पण किया।इस अवसर पर विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा (Dr. Sitasaran Sharma), मप्र राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम अध्यक्ष जसमंत जाटव (Jasmant Jatav), पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया (JN Kansotia), पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम प्रबंध संचालक डॉ. एचबीएस भदौरिया (Dr. HBS Bhadauria), पशुपालन विभाग के संचालक डॉ. आरके मेहिया (Dr. RK Mehia), संयुक्त संचालक डॉ. पीएस पटेल (Dr. PS Patel), उपसंचालक डॉ. केके देशमुख (Dr. KK Deshmukh), संयुक्त संचालक डॉ. परनाम (Dr. Parnam), भाजपा नेता जयकिशोर चौधरी (Jaikishore Chaudhary), रामसेवक रावत (Ramsevak Rawat) मंचासीन रहे। मंत्री श्री पटेल द्वारा पशु शेडों एवं भारतीय नस्ल की 13 गायों का एवं भैंसों की 04 नस्लों का अवलोकन किया गया। पशु पालन मंत्री द्वारा भारत की विभिन्न क्षेत्रों की नस्लों का संवर्धन एवं संरक्षण कार्य की प्रशंसा की गई।
प्रबंध संचालक ने नेशनल कामधेनू ब्रीडिंग सेंटर परियोजना के उददेश्यों एवं भूमिका पर प्रकाश डाला एवं बताया कि जो नस्ल विलुप्त होने जा रही है इनका संवर्धन एवं दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु प्रयास किये जा रहे है। कीरतपुर पशु प्रजनन क्षेत्र में देश का दूसरा राष्ट्रीय कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर शुरू हो गया है। शनिवार को पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने इस सेंटर का फीता काटकर लोकार्पण किया। लोकार्पण से पूर्व अतिथियों ने ब्रीडिंग सेंटर में बनाए गए भवन, पशुशाला शेड, विश्राम गृह का निरीक्षण कर यहां मौजूद विभिन्न किस्म के बोदे एवं सांडों का पूजन कर उन्हें गुड़-रोटी खिलाकर पूजन किया।
कामधेनु सेंटर के प्रबंधक डॉ. एके श्रीवास्तव, प्रजनन क्षेत्र प्रबंधक डॉ. एलपी अहिरवार, पशु आहार संयंत्र के प्रबंधक डॉ. सुनील चौधरी ने अतिथियों का स्वागत किया। पटेल ने कहा कि केन्द्र सरकार की योजना में पहला केन्द्र आंधप्रदेश के कुन्नूर में और दूसरा मप्र के कीरतपुर में शुरू हुआ है, यहां उन्नत नस्लों के सांडों की मदद से सामान्य मवेशियों के गर्भ से दुधारू प्रजाति की बछिया तैयार होंगी। 25 करोड़ की लागत से साल 2016 में यह प्रोजेक्ट मंजूर हुआ। योजना में भारतीय नस्लों की गाय एवं भैंसों का वैज्ञानिक तरीके से पालन पोषण कर जेनेटिक मेरिट विकसित की जाएगी।
कुल 13 गायों एवं 4 भैंसों की नस्ल यहां रखी जाएगी। ज्यादा दूध देने वाली भैंस मुर्रा, भदावरी, नीलीरावि एवं जाफराबादी, गायों में गिर, साहिवाल, मालवी, निमाड़ी, थारपरकर, रेड सिंधी, कांकरेज, राठी, केनकथा, गंगातीरी, खिल्लार, हरियाणा, गलाव नस्ल का संवर्धन होगा। देश में वीर्य उत्पादन हेतु 51 सीमन स्टेशन हैं, जिनसे हर साल लगभग 8 करोड़ सीमन डोज हर साल तैयार होते हैं, देश में 10 करोड़ डोज की मांग है। भविष्य में नस्लों की संख्या बढ़ाने के अलावा 15 करोड़ डोज का लक्ष्य है। निगम अध्यक्ष जसमंत जाटव ने कहा कि मप्र में गौसंवर्धन के लिए प्रदेश सरकार काम कर रही है, देशी नस्लों से तैयार दुधारू बच्चे दुग्ध उत्पादन में मदद करेंगे। मांग के अनुरूप प्रदेश में दूध की कमी है, जब अच्छे मवेशी रहेंगे तो पशुपालक भी उन्हें रखेंगे। देशी गायों की उत्पादन क्षमता कम होती है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक विकास दर में कृषि के साथ पशुपालन से भी बड़ा हिस्सा मिलता है, इसलिए पशुधन सुधार और संवर्धन के प्रयास किए जा रहे हैं। संचालक पशु पालन डॉ. मेहिया द्वारा आभार प्रगट किया गया।