इटारसी। कोरोना लॉकडाउन के कारण पिछले वर्ष चार दशक में पहली बार वैष्णोदेवी के दर्शन करने इटारसी से भक्त नहीं गये। इस वर्ष यात्रा की तिथि 13 जुलाई तय हुई है और इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। जो भी भक्त कोरोना काल में दर्शन करने से वंचित रह गये वे अपनी चाहत अब पूरी कर सकते हैं। इटारसी से भक्तों का जत्था 13 जुलाई को रवाना होगा। जो जाना चाहते हैं, वे जत्था प्रमुख सतीश बतरा और संयोजक जतिन बतरा से संपर्क कर सकते हैं।
वैष्णोदेवी यात्रा (Vaishnodevi Yatra) का यह 43 वॉ वर्ष होगा। अब तक 25 हजार से अधिक भक्त मां के दर्शन करने जा चुके हैं। सूचना देने पर तीर्थ यात्री का ट्रेन में आरक्षण समिति कराकर देगी। पिछले वर्ष 10 जुलाई को माता वैष्णोदेवी के दर्शन करने भक्तों का जत्था जाने वाला था। लेकिन, मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद होने के कारण इस यात्रा को स्थगित किया था। इस वर्ष भी पिछले वर्षों की तरह ही सुविधा रहेंगी। भक्त को संयोजक जतिन बतरा से संपर्क करना होगा। रास्ते में भक्तों को नाश्ता, भोजन आदि की सुविधा समिति की ओर से रहेगी।
पांच भक्तों ने शुरू की थी यात्रा
वर्ष 1978-79 में 5 भक्तों ने माता वैष्णो देवी के दर्शनों की परंपरा शुरू की थी। फिर हर साल वैष्णो देवी जाना शुरू हो गया और संख्या बढ़ती रही। पहले वर्ष माता दर्शन को जाने वाले सतीश बतरा, अन्नू गुप्ता, बृजमोहन सैनी, रमेश भार्गव और मालवीय गुरूजी रहे थे। अब हर वर्ष जत्था जाता है। ट्रेन में श्रद्धालुओं के लिए सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का भोजन और अगले दिन सुबह के नाश्ते की व्यवस्था होती है।