पंचम दा के जन्मदिन पर संगीत के साथ धड़के गीतों के दीवाने दिल

Post by: Rohit Nage

– ईश्वर रेस्टॉरेंट के सभागार में निनाद सिंगर्स ने किया कार्यक्रम
इटारसी। गीतों के दीवाने दिल, रविवार की शाम को ईश्वर रेस्टॉरेंट (Ishwar Restaurant) के सभागार में संगीत के साथ धड़के। निनाद सिंगर्स (Ninad Singers) ने संगीतकार राहुलदेव बर्मन (Musicians Rahuldev Burman) का जन्मदिन मनाया जिन्हें संगीत जगत प्यार से पंचम दा (Pancham Da) पुकारता है।
निनाद सिंगर्स ने आरडी बर्मन नाइट के रूप में पंचम दा के संगीतबद्ध किये अनेक गीतों को अपनी आवाज दी। निनाद सिंगर्स के कलाकार आलोक गिरोटिया, अमिताभ बैस, शशांक बैसाखिया, दीपक सोनी, अतुल शुक्ला, अजय राज, संजय दीवान, प्रदीप बैस, अभिमन्यु बैस, मनोज जाट, चंदन बंसल, सुखमीत सोखी, राधिका राणा ने कार्यक्रम में शिरकत कर एक से एक मधुर गीत प्रस्तुत किये जिसे उपस्थित श्रोताओं ने मुक्त कंठ से सराहा।
कार्यक्रम में कुछ गीतों को विशेष रूप से सराहा गया जैसे प्यार हमें किस मोड़ पे ले आया ( Pyar hame kis mod pe le Aaya), है अगर दुश्मन (hai Agar Dushman), लेकर हम दीवाना दिल (Lekar Hum Deewana Dil), तुमने मुझे देखा (tumne mujhe dekha), हमें तुमसे प्यार कितना (hame Tumse Pyar Kitna), जिस गली में तेरा घर न हो ( Jis Gali me tera ghar na ho), कुछ न कहो (Kuchh na kaho)। कार्यक्रम के विषय में निनाद सिंगर्स आलोक गिरोटिया ने बताया कि निरंतर शहर के संगीत प्रेमियों के लिए एक से बढ़कर एक कार्यक्रम पेश किये जायेंगे। 4 अगस्त को किशोर दा के जन्मदिवस पर रंगारंग गायन कार्यक्रम किया जायेगा।

N 2

करीब एक दशक पूर्व तक किशोर-लता टैलेंट शो (kishore-lata talent show) के माध्यम से प्रदेश में अपनी पहचान स्थापित करने वाले निनाद ग्रुप (ninad group) को आज के कलाकारों ने अपने संचालन में लेकर इसका थोड़ा स्वरूप बदला है। नये संचालकों ने इसे अब निनाद सिंगर्स का नाम दिया है और अब पाश्र्व गायकों, संगीतकारों, गीतकारों के जन्मदिन और पुण्यतिथि पर संगीत का आयोजन करने लगे हैं। निनाद ग्रुप केवल वर्ष में एक बार टैलेंट शो के माध्यम से नयी संगीत प्रतिभाओं को अपना टैलेंट दिखाने का अवसर देता था। इसके माध्यम से करीब 8 वर्ष तक मप्र के अनेक शहरों में ऑडिशन (audition) चलते थे, इसके बाद फाइनल चयन (final selection) इटारसी (itarsi) में किया जाता था। संगीतकारों के साथ उनका अभ्यास कराया जाता था और फिर किशोर कुमार (kishore kumar)की पुण्यतिथि पर किशोर-लता टैलेंट शो का फाइनल राउंड (final round) होता था। पुरस्कार में हीरा देने की शुरुआत निनाद ग्रुप ने ही की थी। इस कार्यक्रम के माध्यम से न सिर्फ नवोदित गायकों को अवसर मिलता था, बल्कि स्थापित और बुजुर्गवार संगीतकारों और संगीत के विशेषज्ञों को निर्णायक के तौर पर लाकर उनको विशेष सम्मान दिया जाता था। संगीत प्रेमी आज भी निनाद के इस रूप को याद करते हैं।

Leave a Comment

error: Content is protected !!