नर्मदापुरम। नर्मदापुरम जिले में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत अनुविभाग पिपरिया के वन खण्डों के 11 ग्राम वर्ष 2013-2018 में विस्थापित किये गये हैं, इन ग्रामों के भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 की अधिसूचना का राजपत्र में प्रकाशन 29.10.2021 मे हुआ किंतु इनके भवनखण्डों में जिन कृषकों की भूमि है, उसका मुआवजा कृषकों को नहीं मिलने से कृषक विगत कई वर्षों से परेशान हो रहे थें।
यह मामला संज्ञान में आने पर कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के द्वारा अनुविभाग में लम्बे समय से पड़े हुए प्रकरणों को निकलवाकर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये गये एवं कलेक्टर के प्रयास से अनुविभाग पिपरिया के 11 ग्रामों बरगोंदी, मोगरा, बदकछार, रोरीघाट, विनौरा, काजरी, मुआर, कांजीघाट, जामुन ढोंगा, खामखेडी एवं घोघरी के भारतीय वन अधिनियम 1927 के अंतर्गत पंजीबद्ध प्रकरणों में कृषकों की 284.259 हेक्टेयर निजी भूमि होने से भू अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा-11 के तहत प्रारंभिक अधिसूचना का प्रकाशन 20.12.2024 में किया गया, इससे कृषकों को उनकी भूमि का उचित मुआवजा शीघ्र प्राप्त होनें का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
कलेक्टर नर्मदापुरम के द्वारा लगातार वन व्यवस्थापन एवं भू अर्जन प्रकरणों की समीक्षा की जा रही है, जिससे क्षेत्र के गरीब आदिवासी वर्ग के पात्र हितग्राहियों को शीघ्र मुआवजा मिलेगा। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना द्वारा सभी अनुविभागीय अधिकारियों को उनके क्षेत्र के लंबित प्रकरणों में तत्काल कार्यवाही कर कृषकों को मुआवजा दिलाने के निर्देश दिये गये हैं।