नरवाई जलाने से रोकने हेतु जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित
होशंगाबाद। सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष (Collectorate hall) में नरवाई जलाने से रोकने हेतु जिला स्तरीय कार्यशाला (District level workshop) का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम (District Panchayat CEO Manoj Sariyam), अपर कलेक्टर जी पी माली (Additional Collector GP Mali), उपसंचालक कृषि जितेंद्र सिंह (Deputy Director Agriculture Jitendra Singh), सहित अन्य अधिकार कर्मचारी मौजूद रहे। जिला पंचायत सीईओ ने सभी जनपद सीईओ एवं विकास खंड स्तरीय अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र में नरवाई जलाने से रोकने एवं इसके दुष्प्रभावों के संबंध में किसान भाइयों को जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहां की सभी पंचायतों में सचिवों एवं रोजगार सहायकों द्वारा किसान भाइयों को जागरूक किया जाए। उप संचालक कृषि जितेंद्र सिंह ने नरवाई जलाने से भूमि व पर्यावरण पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नरवाई जलाने से भूमि के पोषक तत्वों को नुकसान पहुंचता है। उत्पादन हेतु लाभकारी जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। उन्होने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन (Power point presentation) के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन में उपयोगी कृषि उपकरणों एवं उन पर शासन द्वारा दिए जाने वाले अनुदान के संबंध में जानकारी दी।उन्होंने कंबाइन हार्वेस्टर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम(एस एम एस) मशीन के बारे में बताया कि यह मशीन भूसे को बारीक काटकर हार्वेस्टर के पीछे खेतों में फैला देता है। एसएमएस द्वारा कटाई की गई खेतों में हैप्पी सीडर द्वारा सीधे बोनी की जा सकती है, यह मशीन भूसे के बिखराव के कारण मृदा की नमी संरक्षण में भी उपयोगी है। उपकरण की कीमत 22 लाख है जिस पर शासन द्वारा 8.56 लाख अनुदान दिया जा रहा है।
बेलर यंत्र- यंत्र ट्रैक्टर चलित उपकरण है जो की फसल अवशेषों का व्यवस्थापन कर बंडलों में तैयार करता है।अवशेष बंडल का उपयोग पशु आहार, इंधन ,पैकिंग कार्य तथा अन्य औद्योगिक उपयोग में किया जा सकता है।उपकरण की कीमत 3.92 लाख है जिस पर 1.96 लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि इसी तरह स्ट्रारीपर भूसा कटाई यंत्र से कंबाइन हार्वेस्टर द्वारा गेहूं की कटाई उपरांत खेतों में ही भूसा बनाकर ट्रॉली में संग्रहित किया जा सकता है।उपकरण की कीमत 2.77 लाख है जिस पर 1.10 लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।
हैप्पी सीडर यंत्र- कंबाइन हार्वेस्टर से अधिक ऊंचाई पर फसल की कटाई उपरांत तत्काल बिना जुताई अगली फसल की बुवाई की जा सकती है । धान फसल के अवशिष्टों की मल्चिंग कर मृदा सुधार करने में भी सहायक है। यह यंत्र से संरक्षित कृषि पद्धति के कारण समय, परिश्रम लागत और सिंचाई जल में उल्लेखनीय बचत के साथ उत्पादन की मात्रा एवं गुणवत्ता में भी वृद्धि करने में सहायक है। खरपतवार के अंकुरण पर भी प्रभावी नियंत्रण करता है।
जीरो टिलेज सीड- कम फर्टिलाइजर ड्रिल उपकरण खरीफ फसल कटाई के तत्काल पश्चात बिना जुताई के रबी फसलों की बोनी में उपयोगी है। उपकरण में उर्वरक तथा बीज हेतु अलग -अलग व्यवस्था की गई है। उपकरण की कीमत 52 हजार रुपए एवं अनुदान 20 हजार रुपए है। मल्चर कृषि यंत्र के बारे में बताया गया कि यह यंत्र फसल अवशेषों को मृदा में मिलाने तथा मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में उपयोगी है । उपकरण की कीमत 1.72 लाख रुपए एवं अनुदान 58 हजार रुपए है। उप संचालक कृषि ने रोटावेटर कृषि यंत्र के बारे में बताया कि यह यंत्र एक बार में समुचित बतर युक्त खेत की बोवनी हेतु तैयार करता है । इस यंत्र से सुविधानुसार जुताई की गहराई निर्धारित करना संभव है ।फसल अवशिष्ट , खरपतवार, हरी खाद आदि को चूर्णीत कर खेत में जैविक उर्वरक की पूर्ति करने में भी सहायक है। उपकरण की कीमत 1. 25 लाख एवं अनुदान 44 हजार रुपए है। उन्होंने बताया कि किसान भाई कृषि यंत्रों के माध्यम से अपनी फसलों के अवशेषों का बेहतर तरीके से प्रबंधन कर सकते है। कृषक कृषि उपकरणों के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए सहायक यंत्री श्री दीपक वासवानी मोबाइल नंबर 9827455344 से संपर्क कर सकते है।