इटारसी। लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) ने जीवन शैली का बेहतर ज्ञान अपनी अलग-अलग लीलाओं के माध्यम से प्रदान किया है। उक्त उद्गार संत भक्त प. भगवती प्रसाद तिवारी (p. Bhagwati Prasad Tiwari) ने व्यक्त किए।जनकल्याण वह लोक शांति के लिए ग्राम सोनतलाई (Village Sontalai) में यादव परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा समारोह के पांचवे दिन श्रोताओं के समक्ष प्रवचन कर्ता पं. भगवती प्रसाद तिवारी ने कहा कि भगवान बालकृष्ण ने पूतना उद्धार, माखन लीला, कलिया नाग एवं बकासुर अघासुर आदि राक्षसों का अंत करने के साथ ही ब्रह्मा जी का मोहभंग एवं देवराज इंद्र का मान भंग कर गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर धारण कर यह संदेश दिया है कि अगर हम एकजुटता के साथ अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ें तो जीत अवश्य मिलती है।
इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण की यह बाल लीलाएं हमें अपने जीवन में शिक्षाप्रद ज्ञान प्रदान करती है। पांचवे दिन कथा के समापन पर श्री गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना कर उन्हें 56 व्यंजनों का भोग लगाया, महा आरती एवं महाप्रसाद वितरण के साथ कथा संपन्न हुई।
शिक्षा ज्ञान प्रदान करती है श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं


Rohit Nage
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