पिता पुत्र एवं बाबू को 3-3 साल की सजा एवं 8-8 हजार रुपए अर्थदंड

Post by: Rohit Nage

Father, son and Babu were sentenced to 3 years each and fined Rs 8,000 each.

इटारसी। तृतीय सेशन न्यायाधीश श्रीमती सुशीला वर्मा इटारसी ने बंगाली कालोनी निवासी प्रकाश शाह, विजय शाह तथा रमाकांत उर्फ बाबू तिवारी को फरियादी तुलसी राम, भानु एवं कुसुम के साथ लाठी डंडे, रॉड से मारपीट करने और उन्हें अस्ति भंग की चोट पहुंचाकर जान से खत्म करने की धमकी दिए जाने का दोषी पाते हुए तीनों आरोपियों को 3-3 वर्ष के कठोर कारावास और 8-8 हजार रुपए अर्थदंड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया है। अर्थदंड अदा नहीं किया जाने पर तीनों आरोपियों को 9-9 माह तक का अतिरिक्त कारावास और भुगतना होगा।

प्रकरण की पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि 2 जुलाई 2020 को फरियादी तुलसी राम ने थाना इटारसी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके चाचा के लड़के दीपू एवं शक्ति रैकवार ने बिना बताए फरियादी तुलसी राम के हिस्से का मकान गोलू सोनकर की पत्नी पूनम सोनकर को बेच दिया था, जिसकी जानकारी लगने पर उन्होंने अपनी ओर से कोर्ट में हाजिर होकर आपत्ति लगाई थी। इसी बात को लेकर दोनों पिता पुत्र एवं उसके पड़ोस में रहने वाले बाबू तिवारी 1 जुलाई 2020 को रात को लगभग 11 सबा 11 बजे आकर बोलने लगे कि यह मकान गोलू सोनकर ने खरीदा है, तुमने इसे अभी तक खाली क्यों नहीं किया? और तीनों मां, बहिन की गालियां देने लगे। तभी प्रशांत साह, बाबू तिवारी ने रॉड से तथा विजय शाह ने डंडे से मारपीट करने लगे थे।

झगड़े की आवाज सुनकर तुलसी राम की पत्नी कुसुम एवं लड़का भानु आ गए और बीच बचाव करने लगे। तीनों ने कुसुम एवं लड़का भानु को भी मारा जिससे उसके सीधे पैर में, दाहिने तरफ आंख के नीचे चोट लगी थी। कुसुम को बाएं हाथ में कलाई पर, कंधे पर चोट लगी थी। तुलसी राम को भी आंख, पैर घुटने पर चोट लगी थी। तीनों आरोपी मारपीट कर जान से मारने की धमकी देते हुए मकान खाली करने की बात कहते हुए वहां से भाग गए थे। घटना को फरियादी तुलसी की बहन किरण एवं लड़की पूजा ने देखी थीं।

फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करते हुए मेडिकल रिपोर्ट में आए हुए फ्रैक्चर के आधार पर धारा 325 का इजाफा किया था। इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 11 गवाहों का परीक्षण एजीपी ने कराया था। प्रकरण में अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला एवं भूरेसिंह भदौरिया के तर्कों से सहमत होकर कोर्ट ने तीनों आरोपियों को उक्त कठोर सजा से धारा 325/34 आई पी सी में दण्डित किया है। तीनों आरोपी पूर्व से जमानत पर थे। इसलिए उन्हें धारा 389 भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता का लाभ दिया गया है।

error: Content is protected !!