---Advertisement---
City Center
Vardhman school results
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

श्राफ से मुक्ति भागवत कथा के श्रवण से ही संभव

By
On:
Follow Us

इटारसी। श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर Shri Dwarkadhish Bada Mandirमें आयोजित भागवत कथा में आज पं. सौरभ दुबे ने कहा अश्वत्थामा ने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ पर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया जिससे उत्तरा का गर्भ जलने लगा। उत्तरा ने भगवान श्री कृष्ण से प्रार्थना की, भगवान ने अंगुष्ठ मात्र का शरीर बना कर उत्तरा के गर्भ में प्रवेश किया और परमभागवत परीक्षित की रक्षा की। भगवान अपने भक्तों पर अकारण ही करुणा करते हैं। समय आने पर परम भागवत परीक्षित का उत्तरा के गर्भ से जन्म हुआ था।

उन्होंने कहा कि कलयुग के प्रभाव से राजा परीक्षित ने तपस्या पर बैठे शमिक मुनि के गले में मरा हुआ सर्प डाल दिया था। इसे अपने पिता का अपमान समझकर शमिक मुनि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने सातवें दिन तक्षक नाग के काटने से राजा की मौत होने का श्राप दे दिया।

श्राप से व्यथित और अपने आप को मृत्यु के करीब जानकर राजा ने शुकदेवजी से पूछा कि मृत्यु के द्वार पर खड़े व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त करने के लिए कौन से उपाय करने चाहिए। तब शुकदेव जी ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण, चिंतन, मनन करना चाहिए।

पंडित दुबे ने जोर देकर कहा कि मनुष्य को जब भी समय मिले हमेशा भगवान का ध्यान करते रहना चाहिए और भागवत कथा का श्रवण करते रहना चाहिए क्योंकि भागवत कथा का श्रवण करने से अनेक पापों का यूं ही नाश हो जाता है।

कलिकाल में हर व्यक्ति को इस कथा का श्रवण करना चाहिए। शुकदेवजी के बताए अनुसार राजा परीक्षित ने श्रीमद भागवत कथा का श्रवण किया और उनको मोक्ष की प्राप्ति हुई। नीति दिवस की कथा समाप्ति के पश्चात आरती एवं प्रसाद वितरण हुआ श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु बड़ा मंदिर पहुंच रहे हैं जहां उनके बैठने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.