इटारसी। गांधी विचार नहीं एक सूत्र थे, जिनके व्यक्तित्व के समक्ष ब्रिटेन का सम्राट भी नतमस्तक हो गया। उपरोक्त उद्गार व्यक्त करते हुए पूर्व आयुक्त राजीव शर्मा ने कहा कि गांधी कभी नहीं चाहते थे कि विभाजन हो, लेकिन अंग्रेजों ने षड्यंत्र रच कर फूट डालो नीति को अंजाम दिया और देश का विभाजन हुआ। उन्होंने कहा कि इस इटारसी में जहां एक गुमठी की कीमत भी लाखों में है, वहां गोठी परिवार इस बेशकीमती जमीन पर धर्मशाला चला कर धर्म का काम कर रहा है, यह देख बहुत ख़ुशी हो रही है।
राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की जयंती पर बापू प्रवास स्मृति कक्ष सेठ लखमीचंद गोठी धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में गांधी दर्शन पर शर्मा ने विस्तृत वर्णन करते हुए गांधीजी पर अपने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर आयकर आयुक्त विजय सोनी ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैंने गांधी विचारधारा को मानने वाले श्री समीरमल की गोठी दादा के सानिध्य में अपना बचपन गुजरा है और आज मुझे गांधी जी के सिद्धांतों पर अपने विचार रखने का मौका मिला यह मेरा सौभाग्य है। आज आम आदमी के धैर्य में कमी आई है, इस भौतिकता के युग में गांधी जी के सिद्धांत बहुत प्रासंगिक हैं, गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों से स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा बदली थी उन्होंने कई बार अंग्रेज शासन को झुकने पर मजबूर किया था।
युवा पीढ़ी के लिए गांधी दर्शन एक मार्गदर्शिका है, जिसका अनुशरण कर वो अपनी मानसिक, आध्यात्मिक एवम सामाजिक विकास में अग्रसर हो सकते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक डॉ. सीता सरन शर्मा ने कहा कि राष्ट्र पिता का नाम महात्मा गांधी को देने वाले प्रथम व्यक्ति थे, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, जिन्होंने रेडियो से प्रसारित संदेश में महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा बापू प्रवास स्मृति कक्ष का अवलोकन किया।
मंचीय कार्यक्रम में अतिथि विजय सोनी, राजीव शर्मा, डॉ. सीतासरन शर्मा, पूर्व विधायक अंबिका शुक्ल का स्वागत सुधीर गोठी, हेमंत शुक्ल, दिनेश गोठी, संजीव हनी गोठी, जम्मू सिंह उप्पल, वरिष्ठ नागरिक मंच के अध्यक्ष अनुरुद्ध शुक्ला, विनोद सीरिया, एनपी चिमानिया, अशोक सक्सेना, जितेंद्र ओझा, अशोक शर्मा आदि ने किया। स्वागत भाषण सुधीर गोठी एवं वरिष्ठ नागरिक मंच की ओर से डॉ. ज्ञानेंद्र पांडे ने, संचालन सुनील बाजपेई एवं आभार विनीत चौकसे ने व्यक्त किया। इस दौरान वैष्णव जन तो तेने कहिए,भजन की प्रस्तुति अंकिता श्रीवास्तव ने दी।
अतिथियों, एवं अंकिता श्रीवास्तव को स्मृति चिन्ह सुधीर गोठी, हेमंत शुक्ल, कश्मीर सिंह उप्पल ने भेंट किया। इस अवसर पर रामकिशोर चौरे, एसडीओपी महेंद्र सिंह चौहान, बीएस चौहान, अधिवक्ता अशोक जैन, रघुवंश पांडे, साधना दुबे, दिनेश थापक, दामोदर चौधरी आदि उपस्थित थे।