इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भूगोल विभाग के स्नातकोत्तर प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों ने अमरकंटक पर्यटन क्षेत्र का भौगोलिक भ्रमण किया। यह भौगोलिक भ्रमण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राकेश मेहता के संरक्षण में किया गया।
उन्होंने बताया कि यहां अर्धसदाबहारी वन पाया जाता है। जिसमे टीक, सागौन, साल, चीड़ एवम देवदार के पेड़ एवं बहुत से औषधियां जैसे गिलोय, जंगली प्याज, ब्राम्ही आदि पाए जाते हैं। भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद पगारे ने बताया कि अमरकंटक प्रकृति की एक खूबसूरत धरोहर है।
यहां पर भारत की तीन प्रमुख नदियां नर्मदा, सोन और जोहिला नदी का उद्गम स्थल हैं। अमरकंटक में पाए जाने वाले बक्साइट एवम बेसाल्ट की चट्टाने पूरे विश्व में प्रसिद्ध है । विभाग के प्राध्यापक डॉ दिनेश कुमार ने थ्योडोलाईट यंत्र के बारे में जानकारी दी । उन्होंने बताया कि इस यंत्र से किसी पर्वत की ऊंचाई एवम दूरी का मापन आसानी से कर सकते हैं।
अमरकंटक पहाड़ी की सतपुड़ा पर्वत की दूसरी ऊंची पहाड़ी है । यहां पर सबसे ऊंची चोटी मैकाल है । जिसकी ऊंचाई 941मीटर है। इस भगोलिक भ्रमण में छात्रों ने नर्मदा उद्गम का मंदिर, सोन उद्गम सोनमुड़ा , माई की बगिया कपिल धारा प्रपात, दूध धारा प्रपात आदि का भौगोलिक अवलोकन किया।
गोली भ्रमण में इस भौगोलिक भ्रमण में स्नातकोत्तर कक्षा के सुनीता ब्रह्मवंशी, राकेश कुमार, सुरभि सिंह, स्वाति यादव, रामभरोस कुशवाहा अनिल, राहुल, पायल, सुष्मिता नामदेव आदि विद्यार्थी उपस्थित रहे।