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हनुमान जन्मोत्सव : मंदिरों में पाबंदी के बावजूद भक्तों की श्रद्धा में कमी नहीं

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इटारसी। आज हनुमान प्रकटोत्सव है। मंदिरों में पहुंचने पर पाबंदी होने से भक्तों के मन में ही हनुमान जन्मोत्सव चल रहा है। हालांकि भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं है। मंदिरों में भक्तों की उपस्थिति वाले हनुमान जन्मोत्सव के आयोजन नहीं हो रहे हैं, लेकिन पूजा-पाठ, हवन, श्रंगार, अभिषेक आदि के कार्यक्रम मंदिर समिति के कुछेक सदस्यों की उपस्थिति में आयोजित किये गये हैं।
27 it 02श्री हनुमानधाम मंदिर ओवरब्रिज के नीचे, स्वप्नेश्वर हनुमान मंदिर मालवीयगंज, हनुमान मंदिर पीपल मोहल्ला, हनुमान मंदिर राजीव काम्पलेक्स के नीचे, मारुति मंदिर सूरजगंज चौराह, हनुमान मंदिर पोर्टरखोली, श्री हनुमान मंदिर नई गरीबी लाइन सहित दर्जनों स्थानों पर हनुमान जयंती के आयोजन होते रहे हैं। यहां हवन, पूजन, अभिषेक, श्रंगार, कन्याभोज, भंडारा भजन आदि के कार्यक्रम हजारों भक्तों की मौजूदगी में श्री हनुमान जन्मोत्सव पर होते हैं। लेकिन, पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कोरोना गाइड लाइन के चलते मंदिर समितियों ने ऐसे सार्वजनिक आयोजनों को निरस्त करके मंदिर समिति के सदस्यों के साथ पूजा-अर्चना, भोग, श्रंगार तक ही आयोजन को सीमित रखा है। रामभक्त हनुमान जी का जन्मदिन आस्था और उत्साह के साथ आज मनाया जा रहा है। मंदिरों में विशेष पूजा की जा रही है। हालांकि आम लोगोंं के प्रवेश पर रोक के कारण पुजारी ही परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं।
हनुमानधाम मंदिर ओवरब्रिज के नीचे मंदिर समिति के कुछ सदस्यों ने महावीर बजरंगवली की पूजा-अर्चन, हवन आरती में भाग लिया। भले ही सार्वजनिक उत्सव नहीं हो रहे, भक्तों में मन में ही उत्सवी माहौल है। कहीं सुबह से हनुमान चालीसा तो कहीं सुंदरकांड के श्लोक गूंजे।

हनुमत आराधना से दूर होती है विपत्ति

27 it 1हनुमानजी का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा दिवस मंगलवार को हुआ था, खास बात यह है कि आज भी मंगलवार का ही दिन है। बजरंबली मंगलवार को अवतरित होकर सदैव अमंगलकारी तत्वों का विनाश कर सिर्फ मंगल ही करते हैं। ज्योतिष के दृष्टिकोण से किसी भी क्रूर ग्रह की दशा में इनकी विशेष आराधना महाफलदायी मानी गई है। भक्तों की मान्यता है कि रामभक्त हनुमान को यदि शुक्लपक्ष के मंगलवार से आरंभ कर इक्कीस दिन तक लगातार पूर्ण आस्था के साथ सुन्दरकाण्ड का पाठ सुनाया जाये तो निश्चित रूप से बिगड़ते काम बनने लग जाते हैं।

कलयुग के देवता

श्री हनुमान को कलयुग का एकमात्र देवता माना गया है। ऐसे में इस भीषण संकटकाल में लोगों को उनसे काफी आशाएं हैं। भक्तों ने आज उनके जन्मोत्सव पर अपने आराध्य से इस भीषण संकटकाल से संसार को छुटकारा दिलाने की कामना की है। हनुमानजी से अपनी प्रार्थना में भक्तों ने कोरोना जैसी महामारी से निजात दिलाने को प्राथमिकता पर रखा है। जिनके अपनों पर कोरोना का संकट आन पड़ा है, जो इस रोग से लड़ रहे हैं, उन्हें शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना उनके परिजन, मित्र, रिश्तेदार कर रहे हैं। पीड़ा हरने वाले, रोगों का नाश करने वाले हनुमान उनकी प्रार्थना अवश्य सुनेंगे, ऐसी भक्तों के मन में दृढ़ आस्था है।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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