इटारसी। तरुण अग्रवाल मंडल (Tarun Agarwal Mandal) द्वारा आयोजित आर्ट ऑफ लिविंग (Art of Living) के हैप्पीनेस प्रोग्राम (Happiness Program) का आज सत्संग से समापन हुआ। अंतिम दिन प्राणायाम, ध्यान, सुदर्शन क्रिया (Sudarshan Kriya) के उपरांत साथ ही प्रतिभागी को गिफ्ट देने जैसे उपनयन तथा पेपर प्लेट प्रोसेस (Paper Plate Process) द्वारा अपनी सकारात्मकता को बढ़ाने की प्रोसेस करवाई गई। इसमें सभी साधकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सम्पूर्ण कोर्स में पांच प्रमुख ज्ञान कुंजियां साधकों को अच्छी तरह समझाकर आत्मसात कराई गईं, जो इस प्रकार थीं,विरोधाभासी मूल्य एक दूसरे के पूरक हैं, व्यक्ति व परिस्थिति जैसी भी है उन्हें वैसे स्वीकार करें, दूसरों के विचारों का शिकार न बने, दूसरों की गलतियों के पीछे कारण ना ढूंढें और वर्तमान क्षण में रहें, वर्तमान क्षण अटल है।
अपने अनुभव में साधकों द्वारा छह दिवसीय प्रोग्राम के बारे में बताया कि इतना सुंदर कोर्स गुरुदेव ने डिजाइन किया है जिसमें ज्ञान भी है, ध्यान भी है, सांसों को साधने की कला भी है और बचपन की खुशहाल मानसिकता से साक्षात्कार भी है। हम ज्ञान में तो रहते हैं लेकिन असली खुशी बचपन वाली मानसिकता में ही होती है। ज्ञान के कारण हम खुशी को खो देते हैं। साधकों ने बताया कि पहले ध्यान करना ऐसा लगता था कि यह अलग से की जाने वाली कोई जटिल अवस्था है। लेकिन इन 6 दिनों में हम बहुत सहजता से ध्यान भी करने लगे हैं, जिससे पूरे दिन खुश रहना भी सीख गए हैं। कुछ साधकों ने कहा कि हमारी शारीरिक बीमारियों में काफी राहत मिली है। कब्ज, अनिद्रा, दर्द, आदि में काफी राहत मिली है। जहां पूर्व में तनाव में रहकर हम अपनी खुशियों को ही खो देते थे अब ऐसा नहीं हो रहा है। तनाव को हैंडल करना सीख गए हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण हमें सुदर्शन क्रिया ही लगती है।
अंतिम दिन सभी साधकों द्वारा खुद ही तैयार करके लाया गया भोजन सब ने मिलकर ग्रहण किया। सभी साधकों ने संकल्प लिया कि हम इटारसी (Itarsi) के अपने परिवार के लोग तथा अपने साथियों के जीवन में भी खुशियां लेकर आएंगे तथा यह भी संकल्प लिया कि प्रति सप्ताह होने वाले नि:शुल्क फॉलो अप में गुरुदेव की आवाज में सुदर्शन क्रिया तथा ध्यान करेंगे। ज्ञात हो कि आर्ट ऑफ लिविंग के इस हैप्पीनेस प्रोग्राम को प्रशिक्षक पराग खंडेलवाल तथा राजेश दुबे द्वारा लिया गया। उक्त जानकारी संजय शिल्पी मंडल प्रवक्ता ने दी। मंडल अध्यक्ष गुलाब चंद अग्रवाल, सूत्रधार चंद्रकांत अग्रवाल, संयोजक दीपक जीडी अग्रवाल, सचिव राजेंद्र अग्रवाल भौंरा वाले का विशेष सहयोग रहा। आर्ट ऑफ लिविंग परिवार की सीनियर साधक मनीषा चावरे, अशोक चौधरी, चिंटू यादव, आयुषी महेश्वरी, तथा नितिन बेंजामिन का इस कोर्स में विशेष सहयोग रहा। सत्संग, गुरु पूजन, भजनांजली से शिविर ने विश्राम लिया।