रविवार, सितम्बर 8, 2024

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हाईकोर्ट के आदेश : कांग्रेस नेता के बेटे को छोडऩा पड़ेगा राजीव गांधी आश्रय योजना का पट्टा

  • – हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका छह माह की मोहलत दी
  • – शपथपत्र देकर बामने ने मांगी छह माह की मोहलत
  • – विधायक करेंगे शिकायत, कोर्ट को गुमराह करने मांगा जा रहा समय
  • – पट्टा निरस्त कर प्रशासन तत्काल हटाए अवैध निर्माण

इटारसी। सूरजगंज रोड पर राजीव गांधी आश्रय योजना के नाम पर आवासीय जमीन का पट्टा लेकर कई सालों तक व्यवसायिक उपयोग करने वाले कांग्रेस नेता रमेश बामने के पुत्र मनोज बामने को मप्र हाईकोर्ट जबलपुर से तगड़ा झटका लगा है। 23 जनवरी को प्रकरण की रिट अपील पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जबलपुर की डबल बैंच में मुख्य न्यायाधीश रवि मलमथ एवं न्यायाधीश विशाल मिश्रा ने बामने द्वारा किए गए निर्माण को एक माह के भीतर खाली करने के निर्देश दिए।

फैसले को लेकर बामने की ओर से न्यायालय के समक्ष शपथपत्र देकर छह माह का समय मांगा, जिस पर न्यायालय ने उक्त जमीन पर खड़ी संरचना को हटाने एवं भूमि खाली कर शासन के सुपुर्द करने जुलाई 2024 तक छह माह की मोहलत दी है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि अपीलकर्ताओं को जुलाई 2024 के अंत तक या इससे पहले एक अनुपालन रिपोर्ट पेश करना होगी, इसकी एक प्रति दूसरे पक्ष को भी भेजी जाएगी। मामले को लेकर लगातार शिकायत कर चुके विधायक डा. शर्मा का कहना है कि अपने अवैध निर्माण को बचाने के लिए बामने परिवार लगातार न्यायालय को गुमराह कर रहा है, हम वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर तत्काल इसका अवैध निर्माण हटाने शासन की जमीन को मुक्त करने की मांग करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रकरण में हाईकोर्ट की सिंगल एवं डबल दोनों बैंच से बामने की याचिका खारिज हुई है।

यह है मामला

सूरजगंज रोड पर कांग्रेस नेता रमेश बामने के पुत्र मनोज ने राजीव गांधी आश्रय योजना का पट्टा हासिल कर 850 वर्गफीट जगह पर दो मंजिला मकान खड़ा किया। मामले को लेकर पूर्व मंडी अध्यक्ष विक्रम तोमर, सुरेश गोयल ने कुछ साल पहले कलेक्टर एवं एसडीएम को लिखित शिकायत की थी, इसके बाद भाजपा विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के नेतृत्व में भी भाजपा नेताओं ने सरकार को भेजी शिकायत में कहा था कि शिकायत के बाद पट्टा रद्द कर यहां पुलिस चौकी खोली गई थी, लेकिन बामने ने दोबारा पट्टा हासिल कर लिया। शिकायत में कहा गया था कि बामने अपने परिवार सहित पुरानी इटारसी में रहते हैं, लेकिन सूरजगंज में अपने निवास का पता बताकर उसने गलत ढंग से शासन की योजना का लाभ लेकर पट्टा लिया, कई सालों से इस जमीन का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है।

कई सालों से यह मामला जांच में लटका रहा, प्रशासन इस अतिक्रमण को हटाने गया था, लेकिन तब बामने ने हाईकोर्ट से प्रकरण में स्थगन हासिल कर लिया, बाद में हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने भी बामने के खिलाफ फैसला दिया, इसके बाद डबल बैंच में अपील की गई, यहां से भी न्यायालय ने बामने के विरूद्ध फैसला देकर उक्त निर्माण एवं जमीन को खाली करने के आदेश पारित किए। इस मामले में मप्र शासन के मुख्य सचिव, कलेक्टर नर्मदापुरम, एसडीएम इटारसी, तहसीलदार इटारसी समेत अन्य लोगों को पक्षकार बनाया गया है। प्रशासन कर चुका सीमाकंन शिकायत के आधार पर तत्कालीन कलेक्टर ने पट्टा मुक्त कराने एवं दोमंजिला निर्माण तोडऩे के आदेश दिए थे। 5 साल पहले कलेक्टर के आदेश पर राजस्व विभाग के तीन आरआई और पटवारी की टीम वार्ड 27 सूरजगंज, सिंधी कालोनी में निर्माण स्थल पर पहुंची थी। कलेक्टर के आदेश पर तत्कालीन एसडीएम आरएस बघेल के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम ने अतिक्रमण का सीमांकन व पट्टा जांच की गई थी, प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर बामने ने उस वक्त न्यायालय से स्थगन हासिल कर लिया था।

पत्र लिखेंगे

बामने परिवार द्वारा सूरजगंज मार्ग पर राजीव गांधी आश्रय योजना का पट्टा गलत ढंग से हासिल कर इसका व्यवसासिक उपयोग किया जा रहा है, पूर्व में हमने भी प्रशासन को इस संबंध में कई शिकायतें की थीं। हाईकोर्ट की सिंगल एवं डबल दोनों बैंच ने प्रकरण में फैसला सुनाते हुए उनकी याचिका खारिज कर एक माह के भीतर अतिक्रमण खाली करने को कहा है, लेकिन बामने परिवार लगातार न्यायालय को गुमराह कर कार्रवाई से बचने समय मांग रहा है। हम इस मामले में कलेक्टर समेत अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर एक माह के भीतर इसका अतिक्रमण हटाने की मांग करेंगे। शासन की जमीन का दुरूपयोग कई सालों से हो रहा है, इसे जनहित में जल्द खाली कराया जाना चाहिए। डॉ. सीतासरन शर्मा, विधायक

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