भीमबेटका कहा स्थित है, भीमबेटका का इतिहास, भीमबेटका किस लिए प्रसिद्ध हैं, भीमबेटका में मिले हुऐं अवशेष, भीमबेटका मे मिले हुऐं शैलचित्र, भीमबेटका की वास्तुकला, भीमबेटका रोचक तथ्य, भीमबेटका घूमने का सही समय, भीमबेटका फ्लाइट से कैसे पहुँचे जाने सम्पूर्ण जानकारी
भीमबेटका कहा स्थित है (Where is Bhimbetka located)
भीमबेटका मध्यप्रदेश भोपाल से 45 किलोमीटर और रायसेन जिले के ओबेदुल्लागंज शहर से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह रातापानी वन्यजीव अभयारण्य के अंदर है जो विंध्य रेंज की तलहटी में, बलुआ पत्थर की चट्टानों में स्थापित है। भीमबेटका में सात पहाड़ियाँ शामिल हैंं। भीमबेटका में लगभग 600 गुफाएं हैं।
यह पूरा क्षेत्र खड़े और बिखरे पत्थरों और पेड़ों घिरा हुआ क्षेत्र है। इस गुफा मे बौद्धकालीन समय की चित्रकारी हैं। इसे यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल में शामिल किया है। भीम बेटका का पौराणिक महाभारत कथा से संबंध है। इसका नाम महाभारत काल के पांच पांडवों में से एक भीम के नाम पर पड़ा है।
भीमबेटका का इतिहास (History of Bhimbetka)
भारत के प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉ.वी.एस वाकांकर ने सबसे पहले भीम बेटका की खोज की थी। सन् 1958 में नागपुर जाते समय अचानक ही इन्होने इन गुफाओं को चिह्नित किया कर लिया था। भीमबेटका का इतिहास बहुत पुराना है इसके बाद एक ब्रिटिश अधिकारी डब्लू किन्काइद ने सन् 1888 के दौरान एक विद्वान के पत्र की सहायता से भीमबेटका की गुफाओं का वर्णन किया था।
और आस-पास क्षेत्र के आदिवासियों से मिली जानकारी के आधार पर भीम बेटका नामक इस स्थल को एक बौद्ध स्थल के रूप में नाम दिया और यहा की रॉक संरचनाओ को देखने के बाद एक टीम बनाकर इस क्षेत्र की खोज बीन की। इन्होंने सन् 1957 के दौरान इस जगह पर विधमान कई प्रागैतिहासिक रॉक आश्रयों की सूचना दी।
इसके बाद इस क्षेत्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सन् 1990 में भारत की राष्ट्रीय धरोहर का स्थान दिया तथा यूनेस्को ने जुलाई 2003 मे भीमबेटका को विश्व धरोहर में शामिल किया।
भीमबेटका किस लिए प्रसिद्ध हैं (Bhimbetka is famous for)
भीम बेटका आदिमानव द्वारा निर्माण किये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इस गुफा में बनाये गये शेलचित्र भारतीय महाद्वीप में मानव जीवन के सबसे प्राचीनतम चिह्न हैं साथ ही यहाँ पर अन्य पुरातात्विक अवशेष भी मिले हैं जिनमें प्राचीन किले की दीवार, पाषाण काल में निर्मित भवन, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, लघुस्तूप, शंख के अभिलेख और परमार कालीन मंदिर के अवशेष आदि शामिल हैं।
भीमबेटका में मिले हुऐं अवशेष (Remains found in Bhimbetka)
लगभग 3000 वर्ष पुरानी प्राचीन किले की दीवार, पाषाण निर्मित भवन, शंख गुप्त कालीन अभिलेख, परमार कालीन मंदिर, जो यह बताती हैं कि भीम बेटका कभी आदिमानवों के रिहायशी जगह हुआ करती थी। साथ ही भीम बेटका में प्रवेश करते हुए कई ऐसे पाषाण युग के अवशेषों जो गुफा की दीवारों पर लिखे गये लेखों से यह जानकारी मिलती है।
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भीमबेटका मे मिले हुऐं शैलचित्र (Rock Paintings found in Bhimbetka)
- सामूहिक नृत्य
- शिकार
- पशु पक्षियों से प्रेम
- प्राचीन काल के युद्ध
- आखेट
- आदिमानव के रहन सहन
- हाथी, घोड़े की सवारी के शैलचित्र
- जंगली सूअर शैलचित्र
- बाघ, शेर शैलचित्र
- कुत्ते घड़ियाल शैलचित्र
- प्राचीन आभूषण शैलचित्र
- शहद जमा करने के स्थान
इन सभी चित्रों को लाल, गेरुआ, सफ़ेद, पीला और हरे रंग से चिह्नत किया गया है। भीम बेटका की गुफाओं की दीवारे प्राचीन सभ्यता को दर्शाती हैं जो उस समय के कलाकारों के लिए लोक प्रिय हुआ करती थी।
भीमबेटका की वास्तुकला (Architecture of Bhimbetka)
भीम बेटका दुनिया की सबसे प्राचीन गुफॉ मानी जाती हैं यहा पत्थर की दीवार और फर्श बने होने का सबूत भी मिले है। भीम बेटका मे एक बड़ी सी चट्टान है जिसे चिड़िया रॉक चट्टान के नाम से जाना जाता है। भीम बेटका इस चट्टान पर हिरन, बाइसन, हाथी और बारहा सिंघा को चिह्नत किया गया है। इसके बाद एक दूसरी चट्टान हैंं।
जिस पर मोर, साप, सूरज और हिरन की एक और तस्वीर को चिह्नत किया गया है। शिकार करने के दौरान शिकारियों को तीर, धनुष, ढोल, रस्सी और एक सूअर का भी चित्र मौजूद है। इस तरह की और भी कई चट्टानें और गुफाएँ यहा स्थित है। जिन्हें देखकर 3000 वर्ष पुराने रहस्यों का प्रमाण मिलता हैं।
भीमबेटका रोचक तथ्य (Interesting Facts About Bhimbet)
- भीम बेटका में लगभग 600 गुफाये मौजूद हैं।
- भीम बेटका की गुफा लगभग 3000 वर्ष पुरानी हैं।
- भीम बेटका के चित्र पाषाण युग समय के माने जाते हैं।
- भीम बेटका के विंध्यांचल घाटी के संमीप स्थित हैं।
- उस समय शैलचित्र बनाने के लिए उन्होंने सब्जियों के रंगों का इस्तेमाल किया था और वे आश्रय स्थलों और गुफाओ की अंदरूनी और बाहरी दीवारों पर ही तस्वीरे बनाते थे।
- यहां आदिमानव खनिज तत्वों से भरे रंगीन पत्थरो को पीसकर जानवरो की चर्वी और खून मिलकर वो रंग बनाते थे।
- आदिमानव की सभ्यता की दिखाते हुए भीम बेटका पर बने चित्र हमें हजारो वर्ष पीछे ले जाते है इन गुफा की दीवारों पर गेरुए, लाल और सफ़ेद रंगो के इस्तेमाल से बनी हुयी ये पाषाण शैलचित्र हमें पुराने इतिहास की याद दिलाते हैं।
- गुफा की दीवारों पर आदिमानवों ने बड़े ही सहजता से पाषाण युग की सभ्यता को खूबसूरत ढंग से चित्रित किया हैं।
भीमबेटका घूमने का सही समय (Best time to visit Bhimbetka)
भीम बेटका घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च महीने में आता है। क्योंकि इस समय के दौरान वातावरण अनुकूल होती हैं जिसमे बारिश का मौसम भी यहा घूमने के लिए अच्छा माना जाता हैं।
भीमबेटका घूमने की एंट्री फीस (Entry fee for visiting Bhimbetka)
भीम बेटका घूमने के लिए आपसे प्रवेश शुल्क 10 रूपये प्रति व्यक्ति और विदेशी नागरिकों के लिए यह शुल्क 100 रूपये प्रति व्यक्ति की दर से लिया जाता हैं। यदि आप मोटर वाइक से जाते हैं तो भारतीय नागरिकों को लिए 50 रूपये प्रति व्यक्ति और विदेशी नागरिकों को 200 रूपये प्रति व्यक्ति दर से देना होता हैं।
भीमबेटका फ्लाइट से कैसे पहुँचे (How to reach Bhimbetka by flight)
भीम बेटका जाने के लिए सबसे नजदीकी एयर पोर्ट, भोपाल का राजा भोज एयर पोर्ट हैं। जो भीम बेटका से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। आप राजा भोज एयरपोर्ट से बस,कार,टैक्सी या स्थानीय साधन के माध्यम से आसानी से पहुँच सकते हैं।
भीमबेटका ट्रेन से कैसे पहुँचे (How to reach Bhimbetka by train)
भीम बेटका जाने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भोपाल, हबीबंगज, ओबेदुल्लागंज है। यहा से आप बस, कार, टैक्सी या स्थानीय साधन के माध्यम से आसानी से पहुँच सकते हैं।
भीमबेटका रोड मार्ग से कैसे पहुँचे (How to reach by Bhimbetka Road)
भीम बेटका रोड मार्ग से जाने के लिए बस या अपने व्यक्ति गतवाहन के माध्यम से जाना चाहते हैं होशंगाबाद रोड से 3 कि.मी की दूरी पर भीम बेटका की गुफाये मौजूद हैं। आप आसानी से पहुँच सकते हैं।