- अखिलेश शुक्ला
1978 में आई फिल्म ‘डॉन’ आज भी बॉलीवुड के गोल्डन क्लासिक्स में गिनी जाती है। सलीम-जावेद की लिखी स्क्रिप्ट, चंद्र बरोट का डायरेक्शन, और अमिताभ बच्चन का कूल अंदाज़… ये सब मिलकर ‘डॉन’ को यादगार बना गए। लेकिन इस फिल्म का सबसे चर्चित हिस्सा बना ‘खाइके पान बनारस वाला’ गाना। क्या आप जानते हैं, ये ट्रैक असल में ‘डॉन’ के लिए नहीं बना था? इसकी कहानी में छुपे हैं रिजेक्शन, मेहनत, और किस्मत के मजेदार किस्से।
डॉन : जब सलीम-जावेद की लेखनी ने बनाया थ्रिलर मास्टरपीस
‘डॉन’ की कहानी सुनकर हर कोई दंग रह जाता था। सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी ने इसे इतना कसा हुआ लिखा कि डायरेक्टर चंद्र बरोट को पहली बार में ही विश्वास हो गया कि ये हिट होगी। फिल्म में अमिताभ बच्चन का डबल रोल, जीनत अमान का ग्लैमर, और प्राण का विलेन का किरदार… सब कुछ परफेक्ट था। गाने भी सुपरहिट हुए। ‘ये मेरा दिल’, ‘जिसका मुझे था इंतज़ार’। लेकिन ‘खाइके पान…’ गाने ने तो इतिहास ही बदल दिया!
देव आनंद की फिल्म से निकला ‘खाइके पान…’ का सफर
ये जानकर हैरानी होगी कि खाइके पान बनारस वाला गाना डॉन के लिए नहीं, बल्कि देव आनंद की 1973 की फिल्म बनारसी बाबू के लिए लिखा गया था। गीतकार अंजान ने इसे खास बनारसी फ्लेवर दिया था, लेकिन देव आनंद को ये पसंद नहीं आया! गाना रिजेक्ट हो गया और पड़ा रहा। 5 साल बाद, जब ‘डॉन’ बन रही थी, तब ये गाना चंद्र बरोट को मिला। पर इसे फिल्म में शामिल करने का आइडिया किसका था? जवाब है, मनोज कुमार!
मनोज कुमार की सलाह: फिल्म में डालो ये गाना!
डॉन का फस्र्ट कट तैयार होने के बाद, चंद्र बरोट ने मनोज कुमार को फिल्म दिखाई। मनोज कुमार ने कहा, कहानी बहुत टाइट है, थोड़ा हल्का करो। एक फिलर सॉन्ग डालो ताकि ऑडियंस को सांस लेने का मौका मिले। यहीं से खाइके पान… को फिल्म में जगह मिली। है न मजेदार? एक रिजेक्टेड गाना, मनोज कुमार की सलाह पर, डॉन का सबसे यादगार सीन बन गया!
किशोर कुमार का मूड : पान नहीं तो गाना नहीं!
गाने को किशोर कुमार की आवाज मिली, लेकिन रिकॉर्डिंग से पहले उन्होंने शर्त रखी: पान लाओ, नहीं तो गाना नहीं गाऊंगा! गीतकार अंजान के बेटे समीर ने एक इंटरव्यू में बताया कि किशोर दा ने गाने के बोल सुनकर कहा, ये तो बनारसी पान वाला गाना है। बिना पान के इसमें जान कहाँ? मेकर्स ने तुरंत स्टूडियो में पान भिजवाए। किशोर कुमार ने कई पान चबाए और फिर जादू बिखेर दिया!
अमिताभ का दर्द : 16 पान खाकर बनाया मास्टरपीस गीत
गाने की शूटिंग में अमिताभ बच्चन ने परफेक्शन की मिसाल कायम की। उन्होंने होठों का नेचुरल लाल रंग पाने के लिए 15-16 पान चबाए! पर पान में चूना होता है, जिससे उनका मुंह छिल गया। कई दिन तक दर्द सहने के बावजूद, उन्होंने शूटिंग पूरी की। यही डेडिकेशन ‘खाइके पान…’ को अमर बना गया। आज भी जब ये गाना आता है, अमिताभ का वो स्टाइलिश डांस और लाल होंठ याद आ जाते हैं!
फैक्ट्स : जानें गाने से जुड़ी अनसुनी बातें
गाने के बोल में खाइके शब्द को लेकर बहस हुई थी। कुछ लोगों को लगा कि ये सही हिंदी नहीं है, लेकिन अंजान ने बनारसी अंदाज़ को बरकरार रखा। वे किशोर कुमार को यह बताने में सफल रहे कि खइके शब्द क्यों जरूरी है। किशोर कुमार ने गाने को अपने अंदाज़ में ढालने के लिए इसमें हुकुम सिंह (एक लोकल आर्टिस्ट) की स्टाइल मिलाई। ये गाना ‘डॉनÓ के साउंडट्रैक का एकमात्र फिलर ट्रैक था, बाकी सभी स्टोरी से जुड़े थे।
क्यों खास है ‘खाइके पान बनारस वाला?’
इस गाने ने साबित किया कि कभी-कभी अनप्लान्ड चीजें हिट हो जाती हैं। देव आनंद का रिजेक्शन, मनोज कुमार की सलाह, किशोर कुमार की शर्तें, और अमिताभ का दर्द…सब मिलकर इस ट्रैक को लीजेंड बना गए। आज भी ये गाना बनारस की पहचान और बॉलीवुड के गोल्डन एरा की याद दिलाता है। इसके अलावा पान शब्द से संबंधित और कौनसा गीत आपको याद है। नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं।
निष्कर्ष : एक गाना, कई कहानियां
डॉन और खाइके पान… की सफलता सिखाती है कि कला में कोई चीज वेस्ट नहीं होती। एक रिजेक्टेड गाना, सही समय और लोगों के जज्बे से सुपरहिट बन सकता है। तो अगली बार जब ये गाना सुनें, याद करें अमिताभ के छिले हुए होठ, किशोर दा का पान वाला मूड, और मनोज कुमार की उस सलाह को… जिसने इतिहास लिख दिया!

अखिलेश शुक्ल
सेवा निवृत्त प्राचार्य, लेखक, ब्लॉगर