---Advertisement---
City Center
Vardhman school results
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

कानून-व्यवस्था और जनहित के लिए तोड़ा अवैध निर्माण, अवमानना का सवाल ही नहीं

By
On:
Follow Us

विधायक, एसडीएम, सीएमओ के खिलाफ दायर अवमानना याचिका खारिज
इटारसी।
करीब 40 परिवारों का रास्ता रोकने वाला विवादित भूखंड लेकर अवैध निर्माण करने वाली नाला मोहल्ला निवासी महिला आशा यादव की अवमानना याचिका हाईकोर्ट जबलपुर खंडपीठ से खारिज हो गई है।

याचिकाकर्ता ने अपने वकील के माध्यम से विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा, विधायक प्रतिनिधि जगदीश मालवीय, एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी, सीएमओ हेमेश्वरी पटले समेत अन्य अफसरों के खिलाफ अवमानना याचिका लगाई थी। याचिका पर मप्र उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रवि मालिमथ मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा ने सुनवाई करते हुए कहा कि अधिकारियों ने कानून व्यवस्था बनाने के लिए कार्रवाई की है, इसमें किसी तरह से अवमानना नहीं हुई है।

यह है मामला

भगत सिंह नगर नाला मोहल्ला निवासी आशा पत्नी रामविलास यादव ने मेहरागांव निवासी रेवाशंकर बड़कुर से 450 वर्गफीट का एक भूखंड क्रय किया था, यह भूखंड पूर्व से टपरिया मोहल्ला के रहवासी परिवारों के रास्ते में बाधा बन रहा था, इसके खिलाफ सारे लोग जमा हो गए थे। शिकायत पर विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने प्रशासन से मामले की जांच कराई। अवैध पाए जाने पर प्रशासन ने निर्माण तोड़कर रास्ता खुलवाया था। यादव ने हाईकोर्ट खंडपीठ द्वारा पारित साल 2021 की रिट याचिका संख्या 8820 में पारित आदेश 23.04.2021 की अवमानना बताते हुए याचिका दाखिल की। अपने फैसले में हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि यह प्रावधान सिर्फ कोविड अवधि में नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए किए हैं, और यह सुनिश्चित करने के लिए किया है कि कोई अवैध काम न हो। 24 जनवरी को अवमानना याचिका पर फैसला सुनाया गया। प्रकरण में प्रतिवादी पक्ष की ओर से संजय सरवटे, स्वप्निल गांगुली, उप महाधिवक्ता केके गौतम एवं अधिवक्ता आकाश मालपानी ने पैरवी की।

न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता ने दोस्तों और परिवार के अन्य सदस्यों की मदद से निर्माण शुरू कर दिया था, इससे सार्वजनिक रास्ता अवरुद्ध हो रहा था, जिससे मौके पर कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो गई। करीब 44 लोगों ने सार्वजनिक मार्ग अवरूद्ध करने की शिकायत अधिकारियों से की थी। इन परिस्थितियों में तत्काल कार्रवाई की गई। कार्रवाई याचिकाकर्ता द्वारा निर्माण करने और सार्वजनिक मार्ग को अवरुद्ध करने के अवैध कार्यों के कारण की गई। कोर्ट ने माना कि कानून और व्यवस्था का प्रश्न, इस न्यायालय द्वारा पूर्व में जारी आदेश में जारी किए गए निर्देशों से परे है। कानून व्यवस्था बनाने के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करते हुए निर्माण तोडऩे की कार्रवाई की गई है, इसलिए हम यह नहीं पाते हैं कि प्रतिवादियों द्वारा किसी भी रूप में हाईकोर्ट की किसी भी रूप में अवमानना की गई है, इसलिए इस कार्रवाई को बंद किया जाता है।

खारिज किया है

सार्वजनिक रास्ते के विवादित भूखंड को खरीदकर याचिकाकर्ता महिला द्वारा पीएम आवास का लाभ लेकर निर्माण किया जा रहा था, शिकायत के आधार पर जनहित के लिए अधिकारियों ने इस निर्माण को तोड़ा था, महिला ने विधायक उनके प्रतिनिधि समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ कोविड काल में दिए गए हाईकोर्ट के एक आदेश की अवमानना बताकर याचिका लगाई थी, इसे न्यायालय ने मंजूर नहीं किया। कार्रवाई को किसी भी रूप में गलत नहीं पाया गया है। इस आधार पर याचिका बंद की गई है।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.