इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दो दिवसीय स्मृति विकास एवं वैदिक गणित प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं प्राचार्य डॉ. राकेश मेहता ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को मेमोरी में प्रथम चरण में सूचनाओं को कूटबद्ध किया जाता है। इसके पश्चात् द्वितीय चरण में इस कूटबद्ध सूचनाओं का संग्रहण होता है। अंतिम चरण में इनका पुन: स्मरण किया जाता है। स्मृति विकास तीन प्रकार की होती है, अल्पावधि, दीर्घकालीन एवं संवेदी।
इस प्रकार उन्होंने स्मृति विकास को आजीवन चलने वाली प्रक्रिया बतायी। राजीव पटेल ने स्मृति को विकसित करने के तरीके व किसी भी चीज को याद करने की विभिन्न ट्रिक व तकनीक बताई और समझाया, कि हमारे दिमाग में आर से रिडिक्यूलोस टाइमिंग ए से एसोशिएशन एवं आई से इमेजिनेशन यह तीनों बातों को ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए। उन्होंने बताया कि बिना पेन पेपर के बहुत ही कम समय में ट्रिक के माध्यम से विभिन्न विषयों जैसे गणित, केमिस्ट्री, हिस्ट्री इंग्लिश पॉलिटिकल साइंस आदि विषयों को बहुत ही रोचक ढंग से याद करने के तरीकों को समझाया।
विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. पवन अग्रवाल ने निमोनिक्स विधि को सविस्तार बताया। कंप्यूटर विभाग की प्रभारी डॉ. अर्चना शर्मा ने बताया कि भारतीय संस्कृति के द्वारा किस प्रकार स्मृति विकास को कैसे शॉर्टकट विधि से एक्जाम क्रेक कर सकते हैं। संचालन कंप्यूटर विभाग की शिक्षिका शिखा चंद्रवंशी ने किया। कार्यशाला में प्राध्यापक डॉ. व्हीके. कृष्णा, डॉ. बस्सा सत्यनारायण एवं समस्त महाविद्यालय स्टाफ व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।