इटारसी। सन् 2001 में पुलिस थाने पर पथराव, शासकीय कार्य में बाधा के एक मामले में निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ लगी अपील पर आज गुरूवार को फैसला आया।
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सविता जडिय़ा ने मामले में राजकुमार उपाध्याय, अमोल उपाध्याय, कन्हैया गोस्वामी एवं राजेश घारू को छह-छह माह के कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई। फैसले के बाद आरोपियों को जेल भेज दिया है। अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक भूरे सिंह भदौरिया (Public Prosecutor Bhure Singh Bhadauria) ने बताया कि थाने में पथराव एवं पुलिसकर्मी से मारपीट को लेकर उपनिरीक्षक डीएस द्विवेदी (Sub Inspector DS Dwivedi) ने अपराध दर्ज किया था, मामले में एक आरोपी अंशुल सहगल एक अन्य मामले में पहले से ही जेल में है, जबकि सुनील यादव, जग्गा उर्फ जगदीश कंडारे एवं टीटू सहगल की मौत हो चुकी है। सभी आरोपितों को धारा 147, 332 का दोषी पाते हुए छह-छह माह के कारावास एवं 500-500 की सजा सुनाई। 28 जून 2001 को आरक्षक छोटेलाल नागदेव गुड्डू का मेडीकल कर थाने आया था, तभी आरोपितों ने उसके साथ मारपीट की, बीच-बचाव के दौरान हुए पथराव में तत्कालीन थाना प्रभारी डीएस द्विवेदी एवं दो आरक्षकों को चोट आई थी।
बता दें कि निचली अदालत ने सभी को एक-एक वर्ष की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ आरोपियों ने द्वितीय अपर सत्र न्यायालय में अपील की थी। कोर्ट ने सजा को घटाकर छह माह कर दिया है।
बीस साल पुराने बहुचर्चित मामले में आरोपियों को 6-6 माह की सजा

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