रविवार, सितम्बर 8, 2024

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हरे-भरे दरख्तों को शिफ्ट करके खत्म होने से बचाने की पहल

  • – वृक्ष मित्रों की मदद से दर्जन भर वृक्षों को शिफ्ट किया गया

इटारसी। रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण का कार्य चल रहा है। इस दौरान जीआरपी थाने का स्थानांतरण होने के बाद पुराने थाने को तोड़ा गया और वहां लगे वृक्षों को बचाने की पहल करते हुए उनको दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा हे।

रेलवे परिसर में जीआरपी थाने के पुराने भवन को तोड़कर यहां अमृत भारत योजना के तहत इमारत बनाई जा रही है, इसके लिए पूरे हिस्से को मैदान में तब्दील किया जाना था, लेकिन परिसर में कई सालों पहले लगाए अशोक, बादाम एवं अन्य वृक्षों के जीवन पर संकट आ रहा था, इसे लेकर रेलवे ने वृक्षमित्रों की मदद से जड़ समेत इन वृक्षों को काटने की जगह शिफ्ट कर दिया। इस प्रयास से सभी दरख्तों को नया जीवन मिला है। एईएन एके मालवीय ने बताया कि अमृत भारत योजना के तहत पश्चिम मध्य रेल भोपाल मंडल के सबसे बडे रेलवे जंक्शन इटारसी का विकास किया जाएगा, इसका काम प्रारंभ हो गया है। रेलवे के स्टेशन के सरक्युलेटिंग एरिया में नई बिल्डिंग निर्माण को लेकर कार्य शुरू हो चुका है।

यह बिल्डिंग पुराने जीआरपी थाना तक बनेगी, इसलिए जीआरपी थाने को दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट करने के बाद रेलवे पुरानी बिल्डिंग को तोड़ रही है। यहां पर एक दर्जन से अधिक फलदार और छायादार वृक्ष लगे हुए थे, जो प्राण वायु देने के साथ ही जीआरपी थाना परिसर की हरियाली और सुंदरता में भी चार चांद लगाते थे। इन वृक्षों को काटने की जगह रेलवे ने वृक्ष मित्रों एवं निर्माण कंपनी की मदद से दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया है। ठेेकेदार के बुलडोजर और श्रमिकों की मदद से इन वृक्षों को अब हजरत मुल्ला शाह बाबा की दरगाह के पास खाली पड़ी रेलवे की जमीन पर लगाया जा रहा है।

एडीईएन अशोक मालवीय और वृक्ष मित्र दिलीप सोनी द्वारा पेड़ों को बुलडोजर की मदद से उखाड़कर उन्हें हजरत मुल्ला शाह बाबा की दरगाह के बगल में खाली पडी रेलवे भूमि पर लगाया जा रहा है। जीआरपी जवानों ने बताया कि कई सालों पहले थाना परिसर में इन पौधों को लगाया था, नियमित पानी और देखभाल करने से यह वृक्ष के रूप में तैयार हो गए, इन वृक्षों को विकास के नाम पर काटने की जगह रेलवे ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनूठा प्रयास करते हुए इन्हें दूसरी जगह लगा दिया। परिसर में एक विशालकाय पीपल का वृक्ष भी है, जो कुछ साल पहले आंधी तूफान में उखड़ गया था, तब परिवर्तन संस्था की मदद से इस पीपल को इसी जगह रिप्लांट किया गया था, इससे पीपल फिर से पनप गया, अब इस पीपल को भी रेलवे की मदद से दूसरी जगह लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

इस संबंध में वृक्ष मित्र दिलीप सोनी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वह पहले रेल सेवा में थे, तभी से उन्हें पेड़ लगाने का शौक था। पेड़ पर्यावरण के संरक्षण में महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए जीआरपी थाना परिसर के पेड़ों को उखाड़कर दूसरी जगह लगाया जा रहा है, इस कार्य में टिमरनी के प्रोफेसर डॉ. गंगवार और तरूण चौरे का सहयोग भी मिल रहा है। शुक्रवार को पहले दिन सात पेड़ शिफ्ट किए गए हैं, इनमें अशोक के चार, एक जामुन और दो आम के पेड़ शामिल हैं।

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