इटारसी। शहर में ईरानी समुदाय ने मुहर्रम के मौके पर मातमी जुलूस निकाला। जुलूस में महिलाएं बच्चे बुजुर्ग शामिल हुए। यह जुलूस इमाम हुसैन की शहादत को याद करके निकाला गया, जो कर्बला की जंग में शहीद हो गए थे। जुलूस में समुदाय के लोग मातम मनाते हुए शामिल हुए और शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए जयस्तंभ चौक पहुंचे।
मुहर्रम के मौके पर ईरानी समुदाय द्वारा निकाले जाने वाले इस जुलूस को मातमी जुलूस कहा जाता है, क्योंकि यह इमाम हुसैन की शहादत के गम में निकाला जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, मुहर्रम के महीने का दसवा दिन, जिसे आशूरा भी कहा जाता है, इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का दिन है।
जुलूस के दौरान, समुदाय के लोग पारंपरिक रूप से मातम मनाते हैं, जिसमें काले कपड़े पहनना, छाती पीटना और नारे लगाना शामिल है। इटारसी में, यह जुलूस ईरानी इमामबाड़ा से शुरू होकर शहर के मख्य मार्गों से होते हुए जयस्तंभ चौक पहुंचा, जहां समुदाय के लोगों ने मातम का प्रदर्शन किया।