इटारसी। जिला मुख्यालय नर्मदापुरम (Narmadapuram) में एक बैठक में पहुंचे प्रायवेट स्कूल डायरेक्टर्स (Private School Directors) ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को स्पष्ट रूप से बताते हुए कहा कि फीस (Fees) संबंधी किसी भी समयसीमा या शिथिलता के लिए 2021-22 के लिए इसे पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की है। इस दौरान कोविड-19 (Kovid-19) में अशासकीय विद्यालयों में हुई परेशानियों की चर्चा भी की गई।प्रदेश कोर कमेटी (Core Committee) के सदस्य प्रशांत जैन (Prashant Jain) ने फीस को लेकर के सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम आदेश को स्पष्ट रूप से बताया। जिला अध्यक्ष राजेश दुबे (Rajesh Dubey) ने प्रशासन द्वारा हाई स्कूल हायर सेकेंडरी या किसी भी कक्षा के लिए किसी भी संघ द्वारा मांग करने पर किए जाने वाली किसी भी कार्यवाही को सर्वोच्च न्यायालय की आदेश की अवहेलना के बराबर बताया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फीस का विषय पालक और स्कूल के मध्य निर्धारित किया है, इसमें किसी अन्य का दखल देना गैरन्यायिक है। सीईओ जिला पंचायत मनोज सरियाम (CEO, District Panchayat Manoj Sariam) ने इस बाबत आवश्यक संज्ञान लेने का आश्वासन दिया। फीस प्रतिपूर्ति के लिए विगत सत्र की प्रस्तावों को पूर्व डीपीसी (DPC) के कार्यकाल में अनलॉक करने से वंचित हुए 11 स्कूलों की संबंधित जिसने भी लापरवाही से यह कार्य किया है उसे दंडित करने के लिए प्रदेश संगठन मंत्री रविशंकर राजपूत (Ravi Shankar Rajput) ने मांग रखी एवं समय सीमा में राशि वितरित करने के स्थिति नहीं होने पर नियमानुसार कार्यवाही की मांग की।
महिला बाल विकास के द्वारा आंगनवाड़ी गोद लेने के कार्यक्रम एवं कोविड-19 माता-पिता दोनों को खो चुके जिले के बच्चों के लिए कार्यकारी जिलाध्यक्ष आलोक राजपूत (Alok Rajput) ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में सोपास प्रत्येक जिले से चिन्हित बच्चों को उनकी हायर सेकेंडरी तक शिक्षा निर्बाध करने के लिए योजना के साथ कलेक्टर (Collector) से चर्चा करेंगे। उपस्थित संचालकों ने भी इसमें यथास्थिति सहयोग की स्वीकृति प्रदान की। बैठक के समापन उपरांत प्रतिनिधिमंडल जिला शिक्षा अधिकारी से भेंट करने पहुंचा और आरटीई (RTE) मान्यता में बीआरसी द्वारा विभिन्न चेक लिस्ट (Check List) के बारे में जानकारी दी, जिसमें राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा अंतिम पत्र में जारी समस्त मध्यप्रदेश के लिए जो चेक लिस्ट है उस पर कार्यवाही के निर्देश प्रसारित कर कार्यवाही का आश्वासन दिया। किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर विद्यालय संचालक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बनाई हुई समिति में अपनी बात रख सकेगा। समिति में सोपास की ओर से डॉ हरगोविंद शुक्ला (Dr. Hargobind Shukla) को सदस्य के रूप में रखने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने सहमति दी। बैठक में सभी ब्लॉक (Block) से बड़ी संख्या में संचालक उपस्थित हुए।
फीस संबंधी आदेश जारी होना सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना : सोपास


Rohit Nage
Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.
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