Manoj Kumar: अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, पटकथा लेखक, संगीतकार और संपादक मनोज कुमार का हाल ही में 4 अप्रैल को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे सफल और बेहतरीन अभिनेताओं में से एक थे। देशभक्ति की फिल्में बनाने के लिए उनको भारत कुमार उपनाम भी मिला था। भारतीय सिनेमा और कला के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने सन् 1992 में पद्मश्री पुरस्कार दिया और सन् 2015 में सिनेमा के क्षेत्र में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त हुआ। उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला और सात बार फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ।
मनोज कुमार ने बॉलीवुड को कई सुपर हिट फिल्में दीं। लेकिन सत्तर के दशक में एक फिल्म ऐसी थी, जिसने उन दिनों सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म का रिकार्ड कायम किया था। इस फिल्म का नाम है- रोटी, कपड़ा और मकान। यह फिल्म एक बड़ी व्यावसायिक सफलता थी, 1974 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई, और इसे ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर घोषित किया गया। फिल्म को तीन फिल्मफेयर पुरस्कार मिले, साथ ही 11 अन्य पुरस्कारों के लिए नामांकित भी किया था।
संगीत भी लाजवाब
इस फिल्म का गीत-संगीत लाजवाब था। संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी ने तैयार किया था और गीत संतोष आनंद के थे । महंगाई मार गई, हाय-हाय ये मजबूरी और पंडितजी मेरे मरने के बाद जैसे गीतों के बोल वर्मा मलिक ने लिखे थे। इन गीतों को लता मंगेशकर, मुकेश, महेन्द्र कपूर, नरेन्द्र चंचल और कव्वाल जानी बाबू ने अपनी आवाज दी थी।
रोटी, कपड़ा और मकान आज भी प्रासंगिक
यह फिल्म आज रिलीज होने के चार दशक से भी अधिक समय बाद अपनी प्रासंगिकता को बरकरार रखे हुए है। बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा आज भी हमारे सामाजिक ढांचे में चिंता का विषय बना हुआ है, जिसे मनोज कुमार ने मनोरंजन के साथ बेहद भावनात्मक तरीके से बांधा था, फिल्म ने दर्शकों के मन को भीतर तक छुआ था, तभी यह उस वर्ष की ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर घोषित हुई थी।