झरोखा : नए साल की अगवानी करें…

Post by: Manju Thakur

Jharokha: Life is burning in DJ and firecrackers

: पंकज पटेरिया –
प्राची के अरुण पट खोल राजसी ठाठबाट, में सुनहरी अचकन पहने माथे पर बांधे, सुर्ख गुलाबी साफा, सातअश्व के अपने रथ पर सवार प्रदेश की जीवन रेखा पुण्य सलिला मां रेवा के चरण पखार ते, पावन शिप्रा बेतवा के चारू चरणो में स्वर्ण कमल अर्पित करते आते सूर्य देव की अगवानी में धरती ने बिछाया रेशमी हरी दूब ओस के गोटो जड़ा, कालीन, उस पर खड़ी खुशबू की मोहक समवेद ताली बजाते लाल केसरिया, वासंती फूलो की टोलियाऔर मोद मनोहर मंगल गाती पक्षियों की कतार।
सच कितना सुंदर मोहक अलौकिक आनंद से परिपूर्ण परिदृश्य है। मुग्ध मुदित मन उस परम सत्ता के सामने श्रद्धा नत हाथ जोड़ बस कृतज्ञता में शीश झुकाने के लिए सहज विवश हो जाते हैं
और याद आ जाता है पंडित भरत व्यास का लिखा यह गीत कौन चित्रकार है यह कौन चित्रकार है यह किसने फूल फूल पर किया सिंगार है। यकीनन ईश्वर की रची यह अभूतपूर्व कविता है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमने ऐसी महान भारत भूमि पर जन्म लिया है यहां की हवा पानी मिट्टी से हमारा पोषण हो रहा है।
इसके साथ ही हम प्रभु के प्रति इस सौभाग्य हेतु कृतज्ञ कि परमशक्ति ने एक ऐसा तेजस्वी ऊर्जावान मनीषी नेतृत्व और वैश्विक नेता नरेंद्र मोदी हमारे राष्ट्र को दिया है जिनकी सरलता विनय शीलता साधुता का कोई भी शानी नहीं। हीरे सा चमकता दमकता उनका व्यक्तित्व जिसने चतुर्दिक विश्व मंच पर अपना डंका बजा कर चकित कर दिया।
हमारे मध्यप्रदेश ने भी मिला तेज को तेज के प्रभा मंडल में एक युवा ऊर्जावान राष्ट्रभक्त युवा मोहन यादव को मुख्यमंत्री की कमान सौंपी है। आज हमारा राष्ट्र बड़े-बड़े संकट से चाहे वे प्राकृतिक आपदा विपदा, महामारी के हो अथवा दोहरे चरित्र वाले लोगों के हो या ईर्ष्या से सुलग रहे उन दोस्त बनाम जानी दुश्मन बुजदिल लोगो के हो, सभी को सबक सिखा कर हमने बता दिया की हम शांति के पुजारी, सर्व धर्म का सम्मान करने वाले और वसुदेव कुटुंबकम के उपासक, वक्त आने पर शस्त्र उठाने में भी तनिक भी देर नहीं करते।
नव वर्ष की मंगलमय बेला में विश्व के प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य को साक्षी कर यह शपथ ले कि, हम सदैव राष्ट्रहित राष्ट्रप्रेम और राष्ट्र की प्रगति में निरंतर कर्मशील रहे राग द्वेष के कैक्टस को कभी पनपने न दे, बहने दे अभिराम सद्भाव की सरयू, निर्मल नर्मदा, पावन गंगा। हेनरी फोर्ड का यह कथन इस अवसर पर प्रासंगिक लगता है.. एक साथ रहना, प्यार, मोहब्बत, आपसी भाईचारे से और एक साथ अपने अपने काम के प्रति समर्पित रहना, तरक्की और हमेशा सफलता प्राप्त होने की गारंटी है।
इस पावन अवसर पर नूतन वर्ष की सभी देशवासियों को, पेड़, पहाड़, खेत, खलियान, बड़े बूढ़ों, जो हमसे खुश है और जो हमसे नाराज सबको मंगल कामनाएं दें। ईश्वर सबको सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करें।
जय महाकाल
नर्मदे हर

pankaj pateriya edited

पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
9893903003
9340244352

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