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झरोखा : जादू की छप्पी यानि जिंदगी की थप्पी
: पंकज पटेरिया –
जादू की छप्पी प्यार से स्नेह से किसी गले से लगाना, बांहों में भर लेना। अंग्रेजी में इसे एंबैरेस और आज के वक्त में हग कहते। दो लोगो के बीच की एक ऐसी स्थिति जिसमें दोनो एक दूसरे की धड़कन की सरगम में कुछ पलों के लिए सारे दुख दर्द भूल जाते हैं। फिर नए जोश जुनून और खुशी से भर उठते है। यही है जादू की झप्पी जो उदास डूबे मन की गिरती सेहत को संभाल देती है और देती है स्नेह संभल। हम आप सभी ने शुभ अशुभ प्रसंग में इन पलों को जिया है देखा है।
याद कीजिए चर्चित फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस एक हताश, खींजे, वंचित दुखी सफाई कर्मी को जब संजय दत्त अपनी बाहों में भर लेते हैं, वह खुशी से भर जाता है और नव ऊर्जा से नहा उठता है। यही कमाल है जिसे फिर मैं जादू की झप्पी कहा गया। अपने घर परिवार में भी देखते हैं छोटा बच्चा जब खींज रहा हो, रो रहा हो तो मां उसे उठाकर अपने सीने से लगा लेती है और पीठ पर हल्की तपती देने लगती। कुछ ही पलों में बच्चा चुप हो जाता। बड़े लोग भी इन मनस्थिति एक दूसरे को बांहों में भरते नजर आ जाते हैं और सुकून महसूस करते हैं। दरअसल प्यार, स्नेह, सौहार्द्र एक परम उच्च भावना की अवस्था है और उसमें आकर निसंदेह राहत मिलती है जिंदगी की गिरती सेहत को ताजगी की ऊर्जा मिलती है। साइंस में भी इसे स्वीकारा है।
खबरों के मुताबिक चिकित्सा विज्ञान ने इसे कंगारू मदर थेरेपी नाम दिया है और इस थेरेपी के लिए नवजात के पिता को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गंभीर रूप से बीमार इस समय पूर्व जन्मे बच्चों देख संभाल के लिए इस थेरेपी से अच्छे नतीजे मिले हैं। एक अखबार से मिली जानकारी के अनुसार जब माता पिता बच्चे को अपने सीने से चिपकाते हैं तो त्वचा के मिलने से एक ऊष्मा पैदा होती है जिससे बच्चों के शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है।
अमेरिका के कुछ अस्पतालों में इसकी शुरुआत हुई थी। डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस तकनीक से शिशु मृत्यु दर में 90% कमी आई। बच्चे का तापमान सामान रहने के साथ स्वास्थ्य अच्छा रहता है। माता पिता के शरीर की गर्माहट बच्चे के शारीरिक तापमान के मुताबिक बदलते हैं और इससे संतुलन बना रहता है। बच्चा मां के स्पर्श को गर्भावस्था सहित अनुभव करने लगता है और पिता से स्पर्श को पहचानने की स्थिति विकसित होती।
तो आइए व्यक्तिगत राग द्वेष ऊपर उठकर ठंडे पड़ गए रिश्तो और जिंदगी को गर्माहट देने के लिए इस थेरेपी को, जो हमें विरासत में मिली है पुन जिंदा करें। एक दूसरे को जादू की झप्पी देकर प्यार मोहब्बत का वह तराना डूबकर गाए तू प्यार का नगमा है मौजों की रवानी है जिंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है।
नर्मदे हर
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पंकज पटेरिया (Pankaj Pateriya)
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
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