: पंकज पटेरिया
फिर लौट कर आए बरसाती मेघो ने हरहराती चुनावी बेला में, सब का दिल बल्ले बल्ले कर दिया है। कहां कुछ दिनों पहले सुबे सूखे जैसे मंजर और भीषण गर्मी जैसे हालत महसूस होने लगे थे। वर्षा के अभाव मैं जाने क्या-क्या टोने टोटके, वर्षा से परेशान लोग कर रहे थे। जनता के लिए हमेशा फिक्र मंद रहने वाले प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज जी चौहान भी दौड़े दौड़े महाकालेश्वर जी के दरबार में गोहर लगाने हाजिर हुए थे। जनता जनार्दन परेशानी और मुख्यमंत्री जी की प्रार्थना से कालों के काल महाकाल की कृपा जलवृष्टि के रूप में प्रदेश पर खूब-खूब बरस रही है। इसके साथ मेघना के गड़ गडाते नगरों के साथ चुनावी बेला भी आ गई है। नतीजतन चौतरफा बिलबिलाती बरसाती गंदगी के बाद मौसमी जीव जंतु, संगठन के साथ अन्य प्रजातियों के मौसम जन्य जीवियो ने चुनाव में अपनी दावेदारी के डंके भी बजाना शुरू कर दिया है।
नजारा यह है कि सब तरफ मंजर तेजी से बदल रहा है। गड्ढे, डबरा, डबरे, पोखर, ठहरे पानी के ठिकाने, ताल तलैया में रानी तिगरीना की रहनुमाई ने मेंढकों की पंचायत जुड़ी है और टर टर के नारे बुलंद कर रही है। इधर टूटी पुलिया के नीचे बलबलाती नरकीय गंदगी बस्ती में नीली आंखों वाली मक्खीयो की जमात, अजब गजब एक जुट और भिनभिन के संवेद स्वर में बस्ती बस्ती हांका लगा रही है। मच्छर बिरादरी को सभी वार्डो में बहुमत हासिल है, किसी की मजाल नही, उनके आगे मुंह मियां मिट्ठू बनने की। और क्या दासता बयां करें पंकज भाई।
गांव, देहात, शहर सब जगह यही माहौल गीले कोयले सा है। सभी अपने अपने अंदाज में हाई टेक प्रसार में मशगूल। उनके समर्थन में चोपाए पशु श्वान, श्वानिका येन सबेरे सबेरे दिशा मैदान में केंवाशिंग करते है। उन्होंने ताल ठोक चेतावनी देते बयान जारी किया है। विकास के नाम पर जो हमे कुचलने
की साजिश रची जा रही है। बाग बगीचे, जंगल, नदी, तालाब, हरियाली, पहाड़ को नील कर रौंद कर मल्टी स्टोरी मॉल, सुपर मार्किट, कांपलेक्स के निर्माण कार्य कर अपनी तिजोरी भरने की जुगत बैठाकर एक अलग क्लास हमारे विरुद्ध खड़ी की जा रही है।
वे बहुत स्मार्ट बनते है, नही जानते सब हो जाने दो , यहां हमारा बहुमत रहेगा। मनचीती कर लो। तुम्हारे चहेते तुम्हें ही चुना लगा देंगे। इन निर्माणों में सड़क, नालियों, सीवर लाइन में भ्रष्टाचार का सीमेंट मसाले और बेईमानी की तराई कर रुख सत होजाएंगे।उनके सामने, भी और जाने के बाद हमारे डेरे ही वहां परमेनेंट जाएंगे ।और हमारा वोट बैंक बढ़ेगा चाहे जो कर लो। हमारा कबीला फूलेगा फलेगा और हम सत्ता की बाग डोर अपने हाथो में रखेगे। तुम कितने जतन सुलभ शौचालय, रेलवे स्टेशन, बस स्टेंड हर जगह हमारा जलजला बरकरार है। तुम्हारा ग्रीन सिटी क्लीन का अभियान उस पर भी हमारा कब्जा है, वे कचरा गाड़ी, ट्राली सब हमारी व्हीकल है, उनमे हम फेमली साथ सफर करते है।
इधर सुबह सैर से लौटी गोरा गोरियां ने खबर दी कि चुनावी शोर शराबा बारिश की दादागिरी डिस्टरवेंस से गुस्साए कई रेंगने वाले जीव अपने बिल, खोह कोटर से बाहर आकर फुसकारते एतराज जता रहे है। ये क्या अंधेरगर्दी है, हमारे रुतबे को नजर अंदाज करने की किसने जुर्रत की है। हुकूमत हमारी है, रहेगी।
चूंकि हमे खुशी इस बात की रहती हैं कि तुम लोगो में गजब की एकता है, मेल जोल, भाई चारा ,प्यार मोहब्बत, आपसदारी है। आपस में कोई ईर्षा द्वेष, मनमुटाव नही, एक दूसरी की टांग नहीं खींचते, एक दूसरे का खून नही बहाते आदमी की तरह। इसलिए तुम्हारी दाबेदारी पक्की है। हम बॉडी बनाते समय तुम्हारा ध्यान रखेंगे क्योंकि बॉडी तो हमारी बनेगी यह कंनफर्म है। कोई चेंज कभी नहीं आना। ओ के वी शोयोर।
कुछ भी बदलने वाला नहीं वही होगा ओर जो होता है शाश्वत है और उसे चैलेंज कौन करेगा और करेगा तो मरेगा। इतनी ताकीद कर रेंगने वाले आगे बढ गए। यह खबर जब एक खबरिया द्वारा पक्षीराज श्री गरुड़ महाराज तक पहुंची तो उन्होंने अपने उच्च पद गरिमा को बरकार रखते हुए एक बयान जारी कर सब की बोलती बंद कर दी। सामाजिक छवि देख कर ही चुनावी निर्णय किया जाएगा, इस बयान के जारी होते ही सब सकते में आ गए। और एक सन्नाटा चारो तरफ छा गया और आसमान से जोर जोर पानी गिरने लगा।
नर्मदे हर।
जय भारत।
पंकज पटेरिया (Pankaj Pateriya)
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
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