---Advertisement---

झरोखा : मोदी जी तीसरी बार…फिर बने प्रधानमंत्री

By
On:
Follow Us

: पंकज पटेरिया –
एक दिन भी जी, मगर युगगान बनकर जी
वही चमक है, वही दमक है
वही गमक है, वही महक है
सच्चे राष्ट्र भक्त विनम्र नरेंद्र मोदीजी
वही धार है, वही धमक है।

अमर कवि नीरज जी के गीत की पंक्तियां है। एक दिन भी जी मगर तू ताज बनकर जी, अमर युग गान बनकर जी, अटल विश्वास बनकर जी आदि आदि। तो नरेन्द्र मोदी जी तीसरी बार उसी चमक, उसी दमक महक उसी गमक और उसी धाक धमक से फिर भारत के तीसरी बार प्रधान मंत्री बने। उनके व्यक्तित्व को देखते लगता है कि संघर्ष की आग में खुद को खूब तपाया है, और राष्ट्रप्रेम राष्ट्र हित की ज्योति को कितने भी झंझावात आए, कभी कम नहीं होने दिया। उनका ध्येय मंत्र है एक दिन भी जी मगर तू ताज बनकर जी, अमर विश्वाश बनकर जी, अमर युग गान बनकर जी। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद सहयोगी दल से मित्रवत व्यवहार साथ है। कही कोई दबाव की लकीरें नही। पद पर आसीन होते ही देश के हित में चल पड़े। यही निर्देश अगले क्षण अपने मंत्रीमंडल के सदस्यों को दिया काम पर लग जाए। इसका उदाररण बने एमपी के जन के भैया, लाडली बहनों के और भंजियो के मामा शिवराज सिंह चौहान अपने निवास मप्र भवन पहुंचते उन्होंने सहयोगी सत्येंद्र खरे को विभाग अधिकारियों की बैठक बुलाने निर्देश देकर राम काज किन्ही बिना मोहि कन्हा विश्राम अपनी शैली का परिचय दिया। दिल्ली में पहली बार पत्नी श्रीमती साधना सिंह और पुत्र कार्तिक और कुणाल के साथ चंपा का पौधा लगाया। वे बुजुर्ग राजनेता पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी जी से मिलने गए, साथ अन्य महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों से भी मिले।
दरअसल पार्टी को ही सर्वस्व मानने वाले भैया शिवराज जी जब उन्हें मुख्यमंत्री पद से निवृत किया गया तो जस की रख दिन्ही चदरिया भाव से मिशन २९ के लिए वे धूनी रवाकर निकल पड़े थे। बेटी भांजियो को बिलखते उन्हें बहलाते उन्हें आश्वस्त करते धुआंधार पार्टी हित में काम करते रहे। उन्होंने एक बार कहा भी था, मुझे पद का मोह नही है। २९ कमल फूलो को माला मोदी जी को पहनानी है। नर्मदा जी को अपनी साक्षात मां कहने वाले शिवराज सिंह चौहान का यह संकल्प पूरा हुआ और उन्होंने २९ सीटो की माला माननीय प्रधानमंत्री को पहनाई। खुद भी सर्वाधिक मतों से विजय श्री प्राप्त की।
सरल आत्मीय छवि वाले जन जन के मामा चौहान जी मध्यप्रदेश के सभी वर्गो में लोकप्रिय हैं। खुद राह चलते कभी किसी भुट्टे वाले, कभी किसी सड़क किनारे बैठी छाते सुधारने बाली गरीब बूढ़ी औरत से तो कभी किसी रेश्टरेंट से निकलते पीछे भैया का आत्मीय समोधन सुनकर किसी पत्रकार से रूक कर हालचाल पूछने लगते। सर्व जन से उनका व्यवहार उन्हें अदभुत पहचान देता है। लोगो के मन में यह विश्वास कि अमुक काम की अर्जी भैया को मामा को दे देंगे, तो बह काम उचित है तो हो जाएगा। इसीलिए वे प्रदेश मे बहुत लोकप्रिय है पंचायत किसान कल्याण विकास जैसा महत्वपूर्ण विभाग उन्हे मिला है। जाहिर इसमें भी वे बिल्कुल अलहदा पहचान कायम करेंगे। नर्मदे हर भैया।

pankaj pateriya edited

पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
9340244352

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement
Noble Computer Services, Computer Courses
Royal Trinity

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.