इटारसी। मानव जीवन में पाप और पुण्य कर्म के आधार पर तय होते हैं। अगर कर्म हमारे परोपकारी हैं, तो पुण्य प्राप्त होता है और जो दुष्कर्मी होते हैं, उन्हें पापी कहा जाता है।
उक्त विचार मथुरा वृंदावन से आई मानस मर्मज्ञ हेमलता शास्त्री ने व्यक्त किए। ईंटा और रस्सी के शहर इटारसी को राम मय बनाने वृंदावन गार्डन न्यास कॉलोनी में आयोजित श्री राम कथा समारोह के तृतीय दिवस में स्वर कोकिला हेमलता शास्त्री ने उपस्थित श्रोताओं के समक्ष सती प्रसंग का आध्यात्मिक और सांसारिक वर्णन करते हुए कहा कि कोई भी बड़ा जन कार्य या धर्म कार्य अपने अहंकार व गुमान के लिए नहीं करना चाहिए बल्कि परोपकार के लिए होना चाहिए उसमें सभी को निष्पक्षता के साथ स्थान प्रदान करना चाहिए, अन्यथा राजा दक्ष प्रजापति के यज्ञ कार्य समान यह भी निष्फल हो जाते हैं।
कोरोना संक्रमण की चर्चा करते हुए देवी हेमलता ने कहाकि यह ईश्वर की कृति नहीं बल्कि हम सब मानव की विकृति का नतीजा है। इस प्रकार अनेक ज्ञान पूर्ण प्रसंगों के साथ ही अंतिम पहर में शिव पार्वती विवाह प्रसंग की कथा सचित्र झांकी एवं संगीत में मधुर भजनों के साथ देवी हेमलता ने प्रस्तुत की कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान जसवीर सिंह छाबड़ा एवं यजमानगणों ने प्रवचन कर्ता सुश्री शास्त्री का समस्त श्रोताओं की ओर से स्वागत किया।
कर्म के आधार पर तय होते हैं पाप और पुण्य

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