इटारसी। मध्य प्रदेश सरकार ने नगरीय विकास विभाग द्वारा संपत्ति कर को कलेक्टर गाइडलाइन से जोडऩे की जो प्रक्रिया की है, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडियन ट्रेडर्स (कैट) ने इसका विरोध करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह (Development Minister Bhupendra Singh) को पत्र लिखा है।
कैट मप्र के उपाध्यक्ष विजय राठी (Vice President Vijay Rathi) ने कहा कि मध्य प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जो अनावश्यक कर का बोझ राज्य के नागरिकों एवं व्यापारियों पर डाल रहा है। क्योंकि राज्य सरकार को 14 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर लेने की आवश्यकता है, इसलिए नगरीय क्षेत्रों में, कर सुधार के नाम पर संपत्ति कर को कलेक्टर गाइडलाइन से जोड़ा जा रहा है। मध्यप्रदेश में कैट इसका भरपूर विरोध करेगा। इस संबंध में मध्य प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन (Madhya Pradesh President Bhupendra Jain) ने नगरीय प्रशासन के आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव से भी फोन पर चर्चा की एवं इसके अतिरिक्त कर को व्यापारियों और आम जनता के लिए बोझ बताया। अभी सफाई शुल्क को लेकर कोई भी निर्णय नगर निगम ने नहीं किया और वहीं दूसरी ओर नगरीय विकास विभाग ने एक नए नियम को अधिसूचित कर दिया। कैट पदाधिकारियों ने शीघ्र इस संबंध में मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त से मिलने का निर्णय लिया है।