जानिए खजुराहो मंदिर की कुछ खास बातें, जिनके कारण दुनिया भर में हैं फेमस जाने सम्‍पूर्ण जानकारी…

Post by: Aakash Katare

खजुराहो मंदिर

खजुराहो मंदिर के निर्माण से जुडी कहानी, खजुराहो मंदिर की प्रमुख विशेषताएं, खजुराहो मंदिर का निर्माण किसने करवाया था, खजुराहो मंदिर की वस्तु कला सम्‍पूर्ण जानकारी…

खजुराहो मंदिर कहां स्थित हैं (Where Is Kharjaho Temple Located)

खजुराहो मंदिर

खजराहो मंदिर मध्यप्रदेश के छतरपुर के पास स्थित हैं खजुराहो में 85 बेहद खूबसूरत मंदिरों का निर्माण करवाया था जो कि अपने आर्कषण की वजह से आज भी पूरे विश्व भर में जाने जाते हैं। इस मंदिर के निर्माण में लगभग 100 वर्ष लगे थे।

इस मंदिर की अद्भुत कला कृतियां अपने आप में अनूठी और अद्धितीय हैं। वहीं इन मंदिरों के दीवार पर बनाई गईं कुछ कामोत्तेजक कला कृतियां बनी हुई हैं। जिसकी वजह से खजुराहो के मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल में शामिल किए गया, जिसे देखने दुनिया भर से पर्यटन घूमने आते हैं।

खजुराहो मंदिर के निर्माण से जुडी कहानी (Story Related To The Construction of Khajuraho Temple)

खजुराहो मंदिर

खजुराहो मंदिर के निर्माण से लेकर एक पौराणिक कथा जुड़ी हैं। काशी के प्रसिद् ब्राहा्ण की पुत्री हेमावती जो बहुत सुंदर थी। वह एक दिन नदी में स्नान कर रही थी। तभी चन्द्रदेव की नजर हेमावती पर पड़ी और वे उनकी खूबसूरती को देखकर वह उन पर मोहित हो गए और हेमावती को अपना बनाने के लिए वेश बदलकर उसके पास गए और हेमावती का अपहरण कर लिया।

इसके बाद दोनों को एक-दूसरे से प्रेम हो गया और फिर दोनों को चन्द्रवर्मन नाम का एक बेटा हुआ। हेमावती ने चन्द्रवर्मन का पालन-पोषण जंगलों में किया था वह अपने पुत्र को एक ऐसे शासक के रुप में देखना चाहती थी जिसके सिर गर्व से ऊंचा हो सकें। अपनी माता के इच्छानुसार चन्द्रवर्मन एक साहसी और तेजस्वी राजा बना था।

खजुराहो मंदिर का निर्माण किसने करवाया था (Who Built Khajuraho Temple)

खजुराहो मंदिर

खजुराहो मंदिर का निर्माण चंदेल वंश के राजपूत शासकों द्वारा कराया गया था। जिन्होंने 10वीं से 13वीं शताब्दी ई. तक मध्य भारत पर शासन किया था। इन मंदिरों को बनाने में लगभग 100 साल से भी अधिक का समय लगा था और ऐसा माना जाता हैं। कि प्रत्येक चंदेल शासक ने अपने जीवनकाल में कम से कम एक मंदिर का निर्माण किया था।

चन्द्रवर्मन खजुराहो और चंदेल वंश के संस्थापक थे। चन्द्रवर्मन भारत के मध्यकाल में बुंदेलखंड में शासन करने वाले एक गुर्जर राजा थे। वो अपने आप को चन्द्रवंशी मानते थे। खुजराहो मंदिर का निर्माण चंदेल राजाओं ने 950 ई. से 1050 ई. के बीच कराया था। मंदिरों का निर्माण करवाने के बाद चंदेल शासकों ने महोबा को अपनी राजधानी बना लिया था।

खजुराहो मंदिर की प्रमुख विशेषताएं (Salient Features of Khajuraho Temple)

खजुराहो मंदिर

खजुराहों के मंदिर अपनी भव्यता और सुंदर कला कृतियां की वजह से पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। इस प्राचीन मंदिर की सुंदर कला कृतियां दुनिया की सबसे खूबसूरत कला कृतियों में शामिल हैं जो पर्यटको का ध्‍यान अपनी ओर आर्कषित करती हैं। खजुराहों के मंदिर में दीवारों पर बनी इन अद्धितीय मूर्तियों की बेहतरीन कारीगिरी और नक्काशी की हर कोई तारीफ करता हैं।

इस प्राचीन मंदिर की कला कृतियों की अद्भुत शिल्पकारी और प्रभावशाली मूर्ति कला की भव्यता की वजह से इन्हें विश्व धरोहर में शामिल किया गया हैं। खजुराहों मंदिर के अंदर करीब 246 कलाकृतियां हैं जबकि 646 कलाकृतियां बाहर हैं जिनमें ज्यादातर कलाकृतियां कामुकता को प्रदर्शित करती हैं। इसकी बेहद विशेष कलाकृतियों की वजह से खजुराहों के मंदिर की दुनिया में एक अलग पहचान हैं।

खजुराहो मंदिर की वस्तु कला (Art of Khajuraho Temple)

खजुराहो मंदिर

खजुराहों मंदिर की वास्‍तु कला बहुत ही आकर्षित हैं। इन्हें पूरी दुनिया में मिलने वाले पत्‍थरों से बनाया गया हैं। आज के समय में यहाँ 85 मे से सिर्फ 30 मंदिर बचे हैं। जिनमें से 8 जैन मंदिर जो 62 फीच लंबे और 31 फीट चौड़े हैं। और इनकी बाहरी दीवारों पर तीन पंक्तियों में जैन मूर्तियाँ बनी हुई हैं। इसके गर्भगृह के पीछे एक और मंदिर जुड़ा हुआ हैं।

खजुराहो में बुद्ध की मूर्ति मिली हैं। जिससे पता चलता हैं कि यहाँ बौद्ध धर्म का भी प्रचलन था। मंदिर के प्रवेश द्वार को सूर्य की छोटी मुर्तियों से सजाया जाता हैं। और बाहर की दिवारों पर देवी देवताओं की मूर्तियाँ, स्त्रियों की मूर्तियाँ और कामसूत्र और संभोग की मूर्तियाँ हैं।

खजुराहो मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts About Khajuraho Temple)

  • खजुराहो के मंदिर कलाकृतियों और भव्य छतों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ धार्मिक मूर्तियों के साथ साथ परिवार, अप्सरा और सुंदरियाँ भी हैं।
  • मंदिर के अंदर सभी कमरे एक दुसरे से जुड़े हुए हैं और इस तरह से बने हुए हैं कि कमरे की खिड़की से रोशनी पूरे मंदिर में फैलती हैं।
  • दूर से देखने पर खजुरहो के मंदिर ऐसे प्रतीत होते हैं जैसे चंदन की लकड़ी से बने हो जबकि यह सैंड स्टोन से बने हुए हैं।
  • मंदिर की सभी मुर्तियों में चमक चमड़े से की गई घीसाई की वजह से हैं।
  • खजुराहों के मंदिर भी वर्लड हेरिटेज साईट मे दर्ज हैं।

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खजुराहो के अन्‍य मंदिर (Other Temples in Khajuraho)

खजुराहो मंदिर

लक्ष्मण मंदिर (Laxman Mandir)

इस मंदिर का निर्माण 930-950 ई. के मध्य में किया गया था। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हैं। लक्षमण मंदिर खजुराहो के मंदिरों में दूसरे नंबर पर आता हैं। इस मंदिर में बनी मूर्तियां बहुत ही आकर्षक हैं। इस मंदिर की दीवारों पर हिन्दू देवताओं की मूर्तियां और जानवरों की मूर्तियां बनी हुई हैं।

चित्रगुप्त मंदिर (Chitragupta Temple)

चित्रगुप्त मंदिर का निर्माण 11वीं में करवाया गया था। यह मंदिर सूर्यदेव को समर्पित हैं इस मंदिर में सात घोड़ों वाले रथ पर खड़े सूर्यदेव की बहुत आकर्षक मूर्ति हैं। इस मंदिर में कामुक प्रेम दर्शाते प्रेमी जोड़े बेहद आकर्षक हैं। इस मंदिर की बाहर की दीवारों पर भी देवी-देवताओं, स्त्रियों और बहुत सारी पत्थर के चित्र बने हैं।

नंदी मंदिर (Nandi Mandir)

आर्कषित और मनमोहक कला कृतियों के लिए प्रसिद्ध खजुराहो का यह प्रसिद्ध मंदिर शिव वाहक नंदी को समर्पित हैं। जिसकी लंबाई कुल 2.20 मीटर और इसमें 12 खंभे बने हुए हैं। यह प्रसिद्ध मंदिर विश्वनाथ मंदिर के आकृति के सामान हैं।

पार्वती मंदिर (Parvati Temple)

वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल खजुराहो के मंदिर के अंदर माता पार्वती को समर्पित खूबसूरत मंदिर बना हुआ हैं। इस मंदिर में देवी गंगा विराजमान हैं।

विश्वनाथ मंदिर (Vishwanath Temple)

खुजराहो के इस प्रसिद्ध मंदिर के अंदर भगवान शंकर जी समर्पित विश्वनाथ जी का मंदिर बना हुआ हैं। जो यहां बने सर्वश्रेष्ठ मंदिरों में से एक हैं।

कंदरिया महादेव मंदिर (Kandariya Mahadev Temple)

कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो का सबसे बडा मंदिर हैं। जिसका निर्माण में 999 ई. में किया गया था। इस मंदिर का नाम पहले कंदर्पी हुआ करता था अब इसे कंदरिया कर दिया गया हैं।

चतुर्भुज मंदिर (Chaturbhuj Temple)

खजुराहो में स्थित चतुर्भुज मंदिर दक्षिणी मे स्थित हैं। इस मंदिर निर्माण 1100 ई. में किया गया था। यह मंदिर एक चैकोर मंच पर स्थित हैं। । यहाँ पर आपको जाने के लिए दस सीढि़याँ चढ़नी पड़ती हैं। । इस मंदिर के प्रवेशद्वार में भगवान् ब्रह्मा, विष्णु और महेश के चित्रों की नक्काशी दिखाई देती हैं।

इस मंदिर की सबसे खास चीज़ भगवान विष्णु की चार भुजा वाली 9 फीट ऊँची मूर्ति हैं। । इस मंदिर में नरसिंह भगवान और शिव के अर्धनारीश्वर की मूर्ति भी हैं। ।

जगदम्बा मंदिर (Jagdamba Temple)

खजुराहो का जगदम्‍बा मंदिर के विश्व धरोहर मे शामिल हैं। देवी जगदम्‍बा मंदिर  उत्तर में एक समूह में, जो कई कामुक नक्काशी के साथ खजुराहो में सबसे अधिक सजाए गए मंदिरों में से एक हैं। । नक्काशी के तीन बैंड मंदिर के शरीर को घेरते हैं। गर्भगृह में देवी की एक विशाल प्रतिमा हैं।

चौंसठ योगिनी मंदिर (Chausath Yogini Temple)

यह मंदिर 64 योगिनियों को समर्पित सबसे प्राचीन मंदिर हैं। जिसका निर्माण ग्रेनाइट के सुंदर पत्थरों से किया गया हैं।

मंतगेश्वर मंदिर (Mantageswar Temple)

मंतगेश्वर मंदिर खजुराहों का सबसे प्राचीन मंदिर हैं।  जिसका निर्माण राजा हर्षवर्मन द्धारा करीब 920 ईसवी में करवाया गया था इस मंदिर में 2.5 मीटर का शिवलिंग हैं। जहां पूजा-अर्चना की जाती हैं। इस मंदिरों के अलावा यहां लक्ष्मी मंदिर भी बना हुआ हैं।

खजुराहो घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Khajuraho)

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मार्च से जून : गर्मियों के दौरान मौसम शहर के पर्यटन के लिए आरामदायक और सुखद होता हैं। लेकिन अप्रैल और मई गर्म हो सकते हैं और तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता हैं।

जुलाई से सितंबर : खजुराहो बरसात के महीनों में पहले से कहीं ज्यादा हरा-भरा और भव्य दिखता हैं। खजुराहो मंदिर की मूर्तियां का आनंद लेने का शायद यह सबसे अच्छा समय हैं।

अक्टूबर से फरवरी : बाहरी गतिविधियों में रुचि रखने वालों के लिए खजुराहो मंदिर की मूर्तियां का आनंद लेने का शायद यह सबसे अच्छा समय हैं।

खजुराहो कैसे पहुंचे (How To Reach Khajuraho)

खजुराहो मंदिर

सड़क मार्ग के द्वारा खजुराहो कैसे पहुंचे (How To Reach Khajuraho By Road)

खजुराहो मंदिर महोबा से 54 किलोमीटर, छतरपुर से 45 किलोमीटर और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर स्‍थित हैं। खजुराहो सतना, हरपालपुर, झांसी और महोबा से बस, कार आदि से जा सकते हैं।

रेल मार्ग के द्वारा खजुराहो कैसे पहुंचे (How to reach Khajuraho by Train)

दिल्ली से खजुराहो माणिकपुर होते हुए उत्तर प्रदेश संपर्क क्रांति ट्रेन से जुड़ा हुआ हैं। इसके अलावा, दिल्ली-चेन्नई रेल मार्ग पर पड़ने वाले स्टेशनों महोबा (61 किमी), हरपालपुर (94 किमी) और झांसी (172 किमी) से भी ट्रेन बदलकर आप खजुराहो जा सकते हैं।

हवाई मार्ग के द्वारा खजुराहो कैसे पहुंचे (How to reach Khajuraho by Air)

खजुराहो के लिए दिल्ली, बनारस और आगरा से प्रतिदिन हवाई यात्रा उपलब्ध रहती हैं।

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