जानिये, कब मनाया जाना चाहिए रक्षाबंधन का पर्व

Rohit Nage

इटारसी। श्रावण शुक्ल (Shravan Shukla) पूर्णिमा (Purnima) के दिन भद्रारहित अपराह्नकाल में रक्षाबंधन पर्व (Rakshabandhan festival) मनाया जाता है। भद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा शास्त्रों के अनुसार भद्रा के समय रक्षाबंधन का पर्व (राखी बांधना) वर्जित है।

धार्मिक विद्वान पंडित प्रभात शर्मा (Religious scholar Pandit Prabhat Sharma) के अनुसार इस वर्ष द्वितीय श्रावण शुक्ल पूर्णिमा 30 अगस्त दिन बुधवार को प्रात: 10:59 बजे से प्रारंभ है और 31 अगस्त को प्रात: 07:06 बजे समाप्त होगी। भद्रा का समय 30 तारीख को प्रात: 10:59 से रात्रि 09:02 बजे तक है। 31 अगस्त दिन गुरुवार को पूर्णिमा मात्र 10 घटी 52 पल है जो कि त्रिमुहूर्त से कम है।

अत: इस दिन रक्षाबंधन करना उचित नहीं है। अत: 30 अगस्त 2023 दिन बुधवार को ही भद्रा के समय उपरांत रात्रि 09:02 बजे के बाद रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाना शास्त्र सम्मत होगा।

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