इटारसी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नर्मदापुरम (Narmadapuram) के अध्यक्ष व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मार्गदर्शन में तहसील विधिक सेवा समिति इटारसी (Itarsi) द्वारा मीडिएशन सेंटर, इटारसी में संविधान दिवस 26 नवंबर के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया।
संबोधित करते हुए प्रथम जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति हर्ष भदौरिया (Harsh Bhadauria) ने बताया कि देश में हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को अपनाया था। यह सविधान ही है, जो अलग-अलग धर्म, जातियों को एक देश की तरह जोड़ता है और हमें यह अधिकार प्राप्त है कि हम सब पूरी स्वतंत्रता एवं समानता के साथ जीवन जी सकें। संविधान के तहत ही हमारे देश के सभी कानून बनते हैं। इस संविधान के तहत कार्यपालिका, न्याय पलिका कार्य करते हैं।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सूर्यपाल सिंह राठौर (Suryapal Singh Rathore) ने बताया मौलिक अधिकर भारत के संविधान में निहित अधिकार है, जो प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्र रूप से जीने का अधिकार प्रदान करते हैं। मौलिक अधिकार ऐसे मूलभूत अधिकार हैं जो लोगों को सुगमता से जीवन जीने के लिए बनाये गये हैं। जिस प्रकार से संविधान में भारत के सभी नागरिकों के लिए मौलिक अधिकारों का प्रावधान किया गया है, उसी प्रकार से मौलिक कर्तव्यों का अपना एक महत्व है, जो देश के सतत विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
संविधान की उद्देशिका का वचन अधिवक्ता अरविंद गोयल (Arvind Goyal) ने किया। इस अवसर पर द्वितीय जिला न्यायाधीश ललित कुमार झा (Lalit Kumar Jha), तृतीय जिला न्यायाधीश श्रीमती सुशीला वर्मा (Mrs. Sushila Verma), न्यायिक मजिस्ट्रेट निधि मोदिता पिंटो (Nidhi Modita Pinto), श्रीमती पूजा भदौरिया (Mrs. Pooja Bhadauria), निखिल सिंघई (Nikhil Singhai), सुश्री पूर्वी राय (Ms. Purvi Rai), तहसील अभिभाषक संघ के अध्यक्ष संतोष गुरयानी (Santosh Gurayani), उपाध्यक्ष विनोद भावसार, पैनल अधिवक्ता जिनेन्द्र कुमार जैन, रघुराज सिंह बघेल, संजय मेहतो एवं अधिवक्ता उपस्थित रहे।