नाबालिग को अपहरण कर राजस्थान में बेचने वाले पांच को आजीवन कारावास

Post by: Rohit Nage

Ten years rigorous imprisonment to two who committed homicide

इटारसी। एक नाबालिग (Minor) बालिका का अपहरण करके उसे राजस्थान (Rajasthan) में बेचने के पांच आरोपियों को कोर्ट (Court) ने आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है। आरोपियों में तीन नरसिंहपुर (Narsinghpur) निवासी और दो राजस्थान के निवासी हैं। बच्ची को पुलिस ने राजस्थान के बांसवाड़ा (Banswara) से बरामद किया था। विशेष न्यायालय नर्मदापुरम कोर्ट ने सभी पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
मामले की विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी तवानगर उप निरीक्षक रविंद्र पाराशर और उपनिरीक्षक रामवीर सिंह परिहार ने की थी। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक लखन सिंह भवेदी ने की है। टीम को पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम द्वारा ईनाम से पुरस्कृत किया जायेगा।

बांसवाड़ा से बरामद की नाबालिग

विशेष लोक अभियोजक लखन सिंह भवेदी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम डॉ. गुरकरन सिंह (Superintendent of Police Narmadapuram Dr. Gurkaran Singh) के निर्देशन में गंभीर अपराधों के निराकरण एवं आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय से सजा दिलाने अभियान चलाया जा रहा है। थाना तवानगर के एससी एसटी एक्ट का प्रकरण में अनुसंधान एवं अपहृता की तलाश के दौरान मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर बालिका को आरोपियों के कब्जे से राजस्थान के जिला बांसवाड़ा से बरामद करने में सफलता प्राप्त की।

ये हैं पांच आरोपी

बालिका से पूछताछ एवं कथनों के आधार पर बालिका को अपहरण कर अन्य राज्य में ले जाकर बेचने वाले पांच आरोपी साबरा बानो पति वाहिद खान निवासी राजीव वार्ड इतवारा बाजार नरसिंहपुर, अंगुरी बाई पति मुन्नु कीर निवासी झुग्गी बस्ती गाडरवारा, मीरा बाई पति मदनलाल लोधी निवासी विवेकानंद वार्ड गाडरवारा, जितेन्द्र पिता रायसिंह राठौर निवासी ग्राम चादरबाड़ा जिला बांसवाड़ा राजस्थान, बिज्जु उर्फ विजय पिता कचरु राव निवासी ग्राम छींच जिला बांसवाडा राजस्थान को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया।

पांचों को दोष सिद्ध पाया

संपूर्ण मामले कि विवेचना उपरांत आरोप पत्र विशेष न्यायालय नर्मदापुरम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक लखन सिंह भवेदी ने की। मामले में पुलिस विवेचना में आये संपूर्ण तथ्यों, समस्त गवाहों एवं साक्ष्यों के आधार पर उपरोक्त पांचों आरोपियों को उपरोक्त धाराओं में दोषसिद्ध पाये जाने पर म विशेष न्यायालय पाक्सो/ एससीएटी एक्ट (SC ST Act) श्रीमती आरती ए. शुक्ला ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।

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