इटारसी। तृतीय सेशन न्यायाधीश, इटारसी संजय कुमार पाण्डे की अदालत ने दो अभियुक्तों को हत्या के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास (Life imprisonment) और अर्थदंड से दंडित किया है।
अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि अभियुक्त अजय उर्फ अज्जू मौरे, आत्मज मदनलाल, उम्र-27 वर्ष, निवासी इंद्रा नगर न्यू यार्ड इटारसी तथा अभियुक्त मनोज उर्फ गोलू आत्मज महेन्द्र चौहान, उम्र 30 वर्ष, निवासी न्यू यार्ड इटारसी को सुमित नोनिया की हत्या का दोषी पाते हुए भादवि की धारा 302 सहपठित धारा 34 के अंतर्गत आजीवन कारावास की सजा एवं 2000 रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड नहीं देने पर दोनों अभियुक्त को तीन-तीन माह का सश्रम कारावास पृथक से भोगना होगा। अभियुक्त अजय उर्फ अज्जू एवं मनोज 18 अक्टूबर 2016 से न्यायिक अभिरक्षा में है, जिनकी निरोध की अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।
अपर लोक अभियोजन शुक्ला (Additional Public Prosecution Shukla) ने बताया कि 16 अक्टूबर 2016 को सुमित नोनिया के निवास स्थान रेलवे क्वार्टर 12 बंगला पुरानी इटारसी में अभियुक्त अजय, मनोज, चेतन एवं अन्य लोगों ने दारू मुर्गा की पार्टी की थी। नशे की हालत में अजय से सुमित के घर रखी हुई आचार की बरनी गिर गई थी, जिससे उनके मुर्गे की सब्जी की गंजी लुढ़क गई थी। इस बात पर से सुमित और अभियुक्तगण का रात 10:30 बजे के बाद विवाद हुआ था। सुबह दूसरे दिन 17 अक्टूबर 2016 को सुमित के पिता देवनंदन जब घर वापस आये तो उन्होंने अपने मकान के कमरे में अपने पुत्र सुमित को मृत पाया था। दरवाजा बाहर से कुंडी लगाकर बंद था।
दरवाजा खोलकर देखने पर बिखरा हुआ सामान दिखा तथा मृतक सुमित की गर्दन पर धारदार हथियार की चोट दिखाई दी थी, खून बहा हुआ था, जिसकी रिपोर्ट सुमित कि पिता देवनंदन ने थाना इटारसी में की थी, जिसके आधार पर अभियुक्तगण के विरूद्ध मर्ग जांच में आये हुए तथ्यों के आधार पर अभियोगपत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसमें अभियोजन की ओर से 14 साक्षी प्रस्तुत कराये गये थे।
बचाव में एक साक्षी कमल महोबे प्रस्तुत हुआ था। तृतीय सेशन न्यायाधीश, इटारसी संजय कुमार पाण्डे ने संपूर्ण साक्ष्य के विश्लेषण एवं प्रकरण के समग्र पहलूओं तथा परिस्थितियों के आधार पर प्रकरण में आई साक्ष्य का परिशीलन करते हुए अभियुक्तगण को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है। सजा के पश्चात् अभियुक्तगण को सजा वारंट से जेल भेज दिया गया है। सजा के समय दोनों अभियुक्त न्यायालय में उपस्थित थे। इस प्रकरण में शासन की ओर से संपूर्ण पैरवी अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला एवं भूरेसिंह भदौरिया ने की।