सिवनी मालवा। मारवाड़ी समाज द्वारा हर वर्ष की तरह सीताराम मंदिर में गणगौर बैठाई गई। मारवाड़ी महिलाओं ने पाती खेलना शुरू कर दी है।
मारवाड़ी समाज की सदस्य नीरू राठी ने बताया कि गणगौर 16 दिन की पूजी जाती है। यह गणगौर होली से शुरू होती है एवं शीतला सप्तमी से महिलाओं द्वारा पाती खेली जाती है एवं झाले वारने लेते हैं। शीतला सप्तमी के दिन कुमार के घर से ईश्वर गोरा को लाकर सजाया जाता है एवं प्रतिदिन महिलाओं द्वारा सुबह पूजा की जाती है, फिर शाम को छाले वारने देकर दोहे के साथ अपने अपने पतियों का नाम लेकर पानी पिलाती है।
गणगौर के गीत गाए जाते हैं एवं आरती की जाती है। ज्वारो को सींचती है, कलश में जल भरकर फूलों से सजाया जाता है। प्रतिदिन ढोल बाजे के साथ अलग-अलग स्थानों पर गणगौर उत्सव मनाया जाता है। महिलाओं द्वारा प्रतिदिन गोट दी जाती है एवं प्रतियोगिता रखी जाती है।