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भवन अनुज्ञा को लेकर नपाध्यक्ष सख्त, तय समय सीमा में अनुमति देने निर्देश

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  • – नपा से पंजीकृत ऑर्किटेक्ट और इंजीनियर्स के साथ बैठक की

इटारसी। नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने नगरपालिका से भवन निर्माण के लिए मिलने वाली भवन अनुज्ञा की प्रक्रिया और उसमें लगने वाली संभावित फीस की डिटेल शहर के नागरिकों के लिए जारी की है। नगरपालिका अध्यक्ष कार्यालय से जारी खबर में वह हर चीज विस्तार से बताई है जो भवन निर्माण अनुज्ञा प्राप्त करने वाले व्यक्ति को पता होना चाहिए। यह जानकारी जारी करने के पहले नगरपालिका अध्यक्ष श्री चौरे ने नगरपालिका से पंजीकृत ऑर्किटेक्ट और इंजीनियर्स के साथ बैठक की और उनसे राय ली। इसके अलावा नपा की भवन अनुज्ञा शाखा में कुछ फेरबदल भी किए। नवागत उपयंत्री मंयक अरोरा को मौजूदा उपयंत्री के स्थान पर चार्ज दिया गया है। बाकी पुरानी टीम ही काम करेगी।

नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने बताया कि बैठक में सीएमओ रितु मेहरा सहित विभागीय टीम भी शामिल थी। श्री चौरे ने बताया कि हमने सभी ऑर्किटेक्ट व इंजीनियर्स को कहा कि वे उपभोक्ता को रसीद अवश्य दें और शहर के नागरिकों से भी अपील की है कि वह रसीद जरूर लें। इसके अलावा गलत फाइल नहीं लगाने की बात भी नपाध्यक्ष ने की है। नपाध्यक्ष ने अपनी विभागीय टीम से कहा कि वह समय सीमा कम से कम 15 दिन और अधिकतम 1 माह में नक्शा पास करके दें ।

गरपालिका में इस तरह होती है भवन अनुज्ञा

आर्किटेक्ट इंजीनियर- दस्तावेज तैयार करवाना

  • ए. रजिस्ट्री
  • बी. नया खसरा नकल
  • सी. नपा की वर्तमान टैक्स रसीद
  • डी. आधार कार्ड
  • ई. शपथ पत्र, जिसमें नपा की शर्तें लिखी होती हैं, यदि नजूल का पटटा है तो उक्त सारी चीजों के अलावा
  • एफ. नजूल का पटटा

आई. टैक्स आईडी जो नपा से मिलती है

  • स्टेप 1 – कॉलोनी सेल सीसी इसमें नपा के अफसर दस्तावेज चेक करती है इसमें भवन अनुज्ञा शाखा बाबू, उनके बाद बिल्डिंग क्लर्क और अंत में सीएमओ दस्तावेज के साथ प्लाट का वैरीपिफकेशन करते हैं कि दस्तावेज सही हैं, नपा टैक्स जमा हो गया और प्लॉट अवैध कॉलोनी में तो नहीं है।
  • स्टेप 2 . बिल्डिंग इंस्पेक्टर बीआई यह पहले साइड विजिट करेंगे, जिसमें देखेंगे कि प्लाट खाली है या पुराना कोई निर्माण तो नहीं है। यदि निर्माण है तो उसकी पुरानी अनुज्ञा जांच होगी। इसके अलावा बिजली का खम्बा, जिंदा पेड़, जिंदा कुंआ, हेंडपंप, धर्म स्थल है तो भले ही वह निजी भूमि पर हो लेकिन आसपास के नागरिक आते जाते हो वहां। यदि उन्हें सबकुछ ओके मिलता है तो अगली स्टेप आती है।
  • स्टेप 3 . बिल्डिंग ऑफीसर बीओ नक्शे और कलेक्टर गाइड लाइन के मुताबिक फीस कितनी लगेगी, यह डिमांड नोट जनरेट करेंगे।
  • स्टेप 4 . डिमांड नोट यानी फीस जनरेट होने के बाद भवन अनुज्ञा लेने वाला प्लाट या भवन मालिक अपने आर्किटेक्ट के साथ एबी पास पोर्टल पर ऑनलाइन फीस जमा कर देगा।
  • स्टेप 5. सीएमओ फीस रसीद चेक करते हैं और डिजिटल सिग्नेचर कर भवन अनुज्ञा अप्रूब करते हैं। नोट- यदि सरकारी छुटिटयां न हो तो प्रत्येक स्टेप में तीन दिन का वक्त लगता है।

ऐसे समझें कितने लगते हैं भवन अनुज्ञा के लिए

सरकारी फीस घरेलू भवन अनुज्ञा 1000 वर्गफीट के लिए अनुमानित मलवा फीस 500 रुपये, यह फीस आपके जो निर्माण करने वाले हैं, उसकी सामग्री लाने में जो सड़क व अन्य चीजों का उपयोग करते हुए उसे नुकसान पहुंचाते हैं उसकी फीस। भवन निर्माण परमिशन फीस 1250 रुपये, वॉटर हार्वेस्टिंग फीस जीरो, फाइल पुटअप चार्ज 100 रुपये के आसपास लगती है। यानी कुल सरकारी फीस 1850 रुपये लगती है 1000 वर्गफीट प्लाट पर भवन अनुज्ञा के लिए। इसके अलावा आप जिस आर्किटेक्ट से कार्य करा रहे हैं उनकी फीस आपकी सुविधा अनुसार तय होती है, अनुमानित तौर पर 3000 से 5000 रुपये से फीस की शुरुआत होती है। परमिशन फीस हर प्लॉट एरिया के हिसाब से अलग अलग होती है। 1000 वर्ग फिट से ऊपर लगती है कर्मकार फीस यदि 1000 वर्गफीट से अधिक बिल्ट अप एरिया या यूं समझें- आरसीसी स्लैब है तो 1 प्रतिशत प्रतिवर्ग मीटर फीस जमीन की कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से लगेगी। यह कर्मकार फीस हर एक एरिया के लिए अलग अलग होती है। इसके अलावा वॉटर हार्वेस्टिंग फीस लगती है जो नक्शे के अनुसार यदि भवन बना लिया गया है भविष्य में तो वापस हो जाती है। यह फीस 1500 से 2100 वर्गफीट पर 7000 रुपये, 2100 से 3200 वर्गफीट तक 10000 रुपये, 3200 से 4200 वर्गफीट तक 12000 रुपये फीस लगेगी। 4200 वर्गफीट से ऊपर में 15000 रुपये फीस लगेगी।

कमर्शियल प्लॉट पर भवन अनुज्ञा इस तरह होगी

इसमें सरकारी फीस के अलावा कर्मकार फीस में कोई छूट नहीं है। यह 1 वर्गफीट बिल्ट अप से ही शुरु हो जाएगी। जो कि प्रति वर्गफीट 15 रुपये है जमीन की कलेक्टर गाईड लाइन के मुताबिक। यदि मकान बना हुआ है और भवन अनुज्ञा लेनी है तो यह होता है मकान बना हुआ है तो इसे कम्पाउंडिंग केस कहते हैं। यह तो टाइप के होते हैं। एक मकान बना है और वह सरकारी नियमों के मुताबिक बना है। और दूसरा मकान बना है लेकिन वह सरकारी नियमों को तोड़कर बना हुआ है। तो दोनों में फीस अलग अलग लगती है। यदि मकान नियम से बना है तो अनुमति फीस यानी 1250 रुपये का 5 गुना फीस लगती है, यानी 6250 रुपये। यह 1000 वर्ग फीट वाले प्लॉट पर सरकारी नियम से बने मकान पर बना होने पर। यदि मकान सरकारी नियम से नहीं बना है तो जमीन की कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से फीस लगती है। इसे ऐसे समझें यदि नियम से 10 प्रतिशत ज्यादा हिस्से में बना है तो फीस प्लॉट की कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से 5 प्रतिशत लगेगी। यदि 20 प्रतिशत ज्यादा हिस्से में मकान बना है तो फीस प्लॉट की कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से 7.5 प्रतिशत लगेगी। यदि 30 प्रतिशत ज्यादा हिस्से में मकान बना है तो फीस प्लॉट की कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से 10 प्रतिशत लगेगी। यहां यह भी समझें कि यह 5 प्रतिशत, 7.5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत फीस के अलावा उक्त 1250 रुपये अनुमति फीस का 5 गुना तो देना ही होगा यानि की 6250 रुपये लगभग। नियम के मुताबिक 100 प्रतिशत हिस्से में यदि निर्माण है तो अनुमति नहीं दी जा सकती और 90 प्रतिशत की अनुमति मिल जाएगी।

यह भी समझना जरूरी

इटारसी जैसी नपा में फ्लोर एरिया रेसो एफएआर घरेलू के लिए 1.5 है और कमर्शियल के लिए यह 2.5 तक हो सकता है। यानी कि यदि आपका प्लाट 1000 वर्गफीट का है तो आप 1500 वर्गफीट बिल्ट अप एरिया में निर्माण कर सकते हैं, इसे ऐसे समझें आप प्रथम व द्वितीय तल या अन्य तल सभी मिलाकर 1500 वर्गफीट में निर्माण होना चाहिए। इससे अधिक के लिए आपको अतिरिक्त सरकारी फीस देते हुए एफएआर खरीदना पड़ेगा। उसके लिए आपको कलेक्टर गाइड लाइन से पैसा देना होगा।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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